महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर कुमार विश्वास ने ट्वीट कर पूछे ये 3 सवाल
महाराष्ट्र में रातोंरात अचानक हुए इस सियासी फेरबदल को लेकर कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर तंज कसा है।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में रातोंरात सत्ता के सारे समीकरण बदलते हुए भारतीय जनता पार्टी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया है। बेहद चौंकाने वाले घटनाक्रम के तहत शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद और एनसीपी नेता अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इससे पहले शुक्रवार शाम को ही एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने बयान दिया था कि सरकार गठन को लेकर तीनों दलों के बीच सहमति बन गई है और उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। महाराष्ट्र में रातोंरात अचानक हुए इस सियासी फेरबदल को लेकर कवि कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए तीन सवाल पूछे हैं।
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कुमार विश्वास ने किए ये ट्वीट
महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम पर ट्वीट करते हुए कुमार विश्वास ने कहा, 'यानि अब शेर ओ शायरी सिर्फ हम लोग के लिए बख्श दी जाएगी? या पूरे पांच साल दर्द और बदले के शेर सुनने पड़ेंगे?' एक अन्य ट्वीट में कुमार विश्वास ने पूछा है, 'कर कैसे लेते हैं ये आप? मने कैसे।' दरअसल कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में बिना नाम लिए शिवसेना सांसद संजय राउत पर तंज कसा है। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के अलग होने के बाद से ही संजय राउत लगातार ट्वीट कर शायराना अंदाज में भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोल रहे थे।
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सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा
इससे पहले शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण करने के बाद सीएम फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को एक स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन साथी शिवसेना ने दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता को एक 'खिचड़ी' नहीं बल्कि एक स्थायी सरकार चाहिए थी। फडणवीस ने कहा, 'मैं एनसीपी नेता अजीत पवार का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्थायी सरकार देने का फैसला लिया और बीजेपी के साथ आए। कुछ दूसरे नेता भी हमारे साथ हैं और हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया।'
ये फैसला पार्टी का नहीं- शरद पवार
वहीं, इस मामले पर एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने मीडिया को बताया, 'हमने पेपर पर विधायकों से उनकी उपस्थिति के लिए हस्ताक्षर लिए थे, शपथ के आधार के रूप में उस पेपर का दुरुपयोग किया गया है।' इस पूरे घटनाक्रम को लेकर शरद पवार ने आज शाम 4 बजे अपने घर पर पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है। शरद पवार ने कहा, 'ये फैसला पार्टी का नहीं है। यह अजीत पवार का निजी फैसला है। मैं साफ करना चाहता हूं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।' वहीं प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार का महाराष्ट्र में गठित सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। हम अजीत पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं। बीजेपी को समर्थन अजित पवार का निजी फैसला है।
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