मजदूरों की हालत देख कुमार विश्वास को आया गुस्सा, बोले- सरकार सिर्फ कर सकती है छाती पिटवाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली: कोरोना का कहर पूरी दुनिया में जारी है। भारत में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सोमवार से चौथे चरण का लॉकडाउन शुरू हो गया। इसके बाद भी सरकार ने अभी तक प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है। इस बीच कुछ ट्रेनें चलाई गयी हैं लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही हैं। जिस वजह से मजदूर पैदल ही घरों की ओर रुख कर रहे हैं। शनिवार को बड़ी संख्या में मजदूर उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर इकट्ठा हो गए। इस दौरान वहां पर जमकर हंगामा हुआ। जिसको लेकर अब कुमार विश्वास ने सरकार पर निशाना साधा है।
ट्वीट कर जताई नाराजगी
मजदूरों की हालत देख कुमार विश्वास भड़क गए और उन्होंने ट्वीट कर सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि दो महीने पहले भी ऐसा दृश्य देखने को मिला था, अब दो महीने बाद भी ऐसा ही देखने को मिला। बिना नाम लिए सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन सारी सरकारों से अपने कर्मों पर छाती पिटवाने वाली प्रेस-कॉन्फ्रेंस रोज करा लो टीवी पर। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या दुर्भाग्य है देश का, खून जला-जलाकर कमाया हुआ पैसा इन्हें दो और जरूरत के वक्त रो-रोकर तमाशा देखो । कुछ बोलो तो इनके पालतू झेलो।
2महीने पहले भी यही दृश्य, 2महीने बाद भी? और इन सारी सरकारों से अपने कर्मों पर छाती पिटवाने वाली प्रेस-कॉन्फ़्रेंस रोज़ करा लो TV पर😡
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) May 17, 2020
पता नहीं क्या दुर्भाग्य है देश का जो ख़ून जला-जलाकर कमाया हुआ पैसा इन्हें दो और ज़रूरत के वक़्त रो-रोकर तमाशा देखो ! कुछ बोलो तो इनके पालतू झेलो👎 https://t.co/jI6FQ2CIid
गाजीपुर बार्डर पर हंगामा
दरअसल, रविवार को प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर-गांव जाने के लिए पैदल, ट्रक-टेम्पों में निकले। इस दौरान उन्हें दिल्ली-उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस और जिला प्रशासन ने रोक लिया। प्रवासी श्रमिकों को समझाने में पुलिस के पसीने भी छूट गए। साथ ही साथ भीड़ के चलते जाम जैसे हालात बन गए। हाईवे पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। गाजीपुर बॉर्डर पर जुटी भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी को कोरोना संक्रमण का कोई डर नहीं हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों की लोग खुले तौर पर धज्जियां उड़ा रहे थे। भीड़ की जिद सिर्फ घर जाने की थी। हालांकि बाद में स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश दे दिया गया।
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कब मिलेगी मजदूरों को राहत?
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मई से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। इस दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं। आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 करोड़ से ज्यादा प्रवासी मजूदर हैं। मौजूदा वक्त में एक हजार ट्रेनों के जरिए दस लाख मजूदरों को उनके घर पहुंचाया गया है। ऐसे में देखा जाए तो अभी भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं। पीएम मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। इस आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों को गृह राज्य में रोजगार देने की बात कही गई, लेकिन फौरी तौर पर अभी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।