पाकिस्तान सरकार ने मानी भारत की मांग, कुलभूषण जाधव को मिला दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस
नई दिल्ली: पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। बैकफुट पर आते हुए पाकिस्तान सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय की मांग को मान लिया है। साथ ही आज कुलभूषण जाधव को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस दिया गया। माना जा रहा है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में खुद को बचाने के लिए पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है।
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दरअसल ICJ में रिव्यू पीटिशन दायर करने से पहले भारत ने पाकिस्तान से जाधव को लेकर खास मांग रखी थी। भारत सरकार चाहती है कि जाधव को दो अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा बातचीत के दौरान भाषा को सिर्फ अंग्रेजी न रखा जाए। मामले में इंटरनेशनल कोर्ट पहले ही स्वतंत्र और निष्पक्ष ट्रायल की बात कह चुका है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक आज कुलभूषण जाधव को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस मिल गया है। इस दौरान इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों ने दोपहर 3 बजे जाधव से मुलाकात की।
पाकिस्तान
ने
चली
थी
नई
चाल
पाकिस्तान
के
अतिरिक्त
अटॉर्नी
जनरल
अहमद
इरफान
ने
इससे
पहले
दावा
किया
था
कि
17
जून,
2020
को
भारतीय
नागरिक
कुलभूषण
जाधव
को
पुनर्विचार
के
लिए
एक
याचिका
दायर
करने
के
लिए
आमंत्रित
किया
गया
था।
इसके
बावजूद
जाधव
ने
कानूनी
अधिकार
का
प्रयोग
करते
हुए
सजा
और
सजा
पर
पुनर्विचार
याचिका
दायर
करने
से
इनकार
कर
दिया।
विदेश
मंत्रालय
के
मुताबिक
जाधव
पर
पाकिस्तान
का
दावा
दूरगामी
है।
वो
जाधव
के
लिए
हर
कानूनी
कदम
उठाएंगे।
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2017
में
सुनाई
गई
थी
सजा
भारतीय
नौसेना
के
रिटायर्ड
अधिकारी
कुलभूषण
जाधव
पाकिस्तान
की
जेल
में
बंद
हैं।
अप्रैल
2017
में
पाकिस्तान
सैन्य
अदालत
ने
जाधव
को
जासूसी
और
आतंकवाद
के
आरोप
में
मौत
की
सजा
सुनाई
थी।
इसके
बाद
भारत
ने
जाधव
तक
कॉन्सुलर
पहुंच
से
इनकार
करने
और
मौत
की
सजा
को
चुनौती
देने
के
लिए
पाकिस्तान
के
खिलाफ
आईसीजे
का
दरवाजा
खटखटाया
था।