क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कोझीकोड क्रैश: कैप्‍टन साठे की मां ने कहा-वह बहुत अच्‍छा बेटा था, सबकी मदद करता था

Google Oneindia News

नागपुर। शुक्रवार को दुबई से केरल आ रही एयर इंडिया एक्‍सप्रेस की फ्लाइट AXB1344, B737 लैंडिंग के समय क्रैश का शिकार हो गई। फ्लाइट को कैप्‍टन दीपक वसंत साठे उड़ा रहे थे। जो यात्री इस क्रैश में बच गए हैं वो कैप्‍टन का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे हैं। वहीं कैप्‍टन दीपक के माता-पिता ने अपने बेटे को एक महान बेटा बताया है। कैप्‍टन दीपक के माता-पिता महाराष्‍ट्र के नागपुर जिले में रहते हैं। उनके पिता भी सेना से रिटायर हैं।

<strong>यह भी पढ़ें-कैप्टन दीपक साठे के भाई ने लिखी एक इमोशनल पोस्‍ट</strong> यह भी पढ़ें-कैप्टन दीपक साठे के भाई ने लिखी एक इमोशनल पोस्‍ट

Recommended Video

Kerala plane crash: कौन थे Captain Deepak Vasant Sathe, जिन्होंने गंवाई जान | वनइंडिया हिंदी
आज तक टीचर्स करते हैं उनकी बात

आज तक टीचर्स करते हैं उनकी बात

कैप्‍टन दीपक की मां नीला साठे ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'वह एक अच्‍छा बेटा था और हमेशा जरूरत के समय दूसरों की मदद के लिए आगे रहता था। उसके टीचर्स आज तक उसकी तारीफ करते हैं।' कैप्‍टन दीपक अपने पीछे अपनी पत्‍नी और दो बेटों को छोड़ गए हैं। उनके दोनों बेटे आईआईटी मुंबई से पास आउट हैं। कैप्‍टन साठे के पिता ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) वसंत साठे अब नागपुर में अपनी पत्‍नी के साथ रहते हैं। उनके भाई कैप्‍टन विकास भी सेना में थे और जम्‍मू में शहीद हो गए थे। कैप्‍टन साठे साल 2005 में एयर इंडिया से जुड़े थे। कैप्‍टन साठे का परिवार मुंबई में रहता है।

सन् 1981 में IAF में हुए थे कमीशंड

सन् 1981 में IAF में हुए थे कमीशंड

कैप्‍टन साठे, इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के बेहतरीन पायलट्स में से एक थे। मिग-21 जैसे जेट्स उड़ा चुके कैप्‍टन साठे साल 2003 में आईएएफ से विंग कमांडर के पद से रिटायर हुए थे। वह साल 1981 में कमीशंड हुए थे। एयर इंडिया से जुड़ने से पहले वह हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (एचएएल) के टेस्‍ट पायलट भी रह चुके हैं। शुक्रवार को एयर इंडिया का जो प्‍लेन क्रैश हुआ है वह बोइंग-737 था। सिविल एविएशन मिनिस्‍ट्री के मुताबिक दुबई से कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए रेडी इस फ्लाइट में 190 यात्री और छह क्रू मेंबर्स सवार थे जिसमें 10 नवजात शिशु भी शामिल हैं।

कैप्‍टन साठे की वजह से नहीं लगी आग

कैप्‍टन साठे की वजह से नहीं लगी आग

जो लोग जिंदा बच गए हैं वो पहले पायलट और फिर भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि बहादुर पायलट और अलर्ट स्‍थानीय लोगों की वजह से एक बड़ा हादसा होने से टल गया। उन्‍होंने बताया है कि हादसे के तुरंत बाद लोग घटनास्‍थल की तरफ भागने लगे और लोगों की मदद के लिए आगे आ गए। उन्‍होंने प्‍लेन से निकलते हल्‍के धुंए और आग की भी चिंता नहीं की। एक यात्री वी इब्राहिम ने बताया, 'बारिश बहुत तेज थी। पायलट ने लैंडिंग से पहले वॉर्निंग दी थी कि मौसम बहुत खराब है। उन्‍होंने दो बार सुरक्षित लैंडिंग की कोशिश भी की लेकिन नियंत्रण खो दिया। एयरक्राफ्ट रनवे से उछल गया और फिसल कर दो टुकड़ों में बंट गया। कई लोगों के लिए इस हादसे में बचना किसी चमत्‍कार से कम नहीं है।'

मिग-21 जैसे जेट्स का था अनुभव

मिग-21 जैसे जेट्स का था अनुभव

कैप्‍टन साठे मिग-21 जैसे फाइटर जेट्स को उड़ा चुके थे। उनके चचेरे भाई नीलेश साठे ने अपनी फेसबुक पोस्‍ट में लिखा है 'आईएएफ के पूर्व पायलट ने एयरपोर्ट के तीन चक्‍कर लगाए ताकि ईधन खत्‍म हो सके और इसकी वजह से प्‍लेन में आग नहीं लग सकी। इसलिए ही क्रैश हुए एयरक्राफ्ट से धुंआ नहीं दिखा। उन्‍होंने इंजन क्रैश से बिल्‍कुल पहले ही ऑफ कर दिया था। उन्‍होंने तीसरे राउंड में लैंडिंग कराई। प्‍लेन का राइट विंग पूरी तरह से कुचल गया था। पायलट 'शहीद' हो गए लेकिन उन्‍होंने अपने साथी 180 यात्रियों की जान बचा ली।'

Comments
English summary
Kozhikode crash: parents of Captain Deepak Sathe calls him a great son.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X