तस्वीरें: क्यों कोसी हर बार करती है सबकुछ बहा ले जाने की कोशिश
बिहार। मयंक दीक्षित- प्रकृति का कहर शीर्षक से शुरुआत करूं या इंसानी लापरवाहियों को नदियों के उफान का जिम्मेदार ठहराऊ समझ नहीं आ रहा। कोसी एक बार फिर कोहराम मचाने के मूड में है।
कोई नहीं जानता कि किस वक्त इसमें सैलाब आ जाए और करीब डेढ़ लाख जिंदगियों को तबाह कर जाए। अगर आप कोसी नदी का यह सिर्फ हालिया समझ रहे हैं तो ठहरिए। हम आपके लिए लाए हैं कोसी नदी की ऐसी तस्वीरें जो उसे कोसने पर मजबूर करती हैं-
कोसी की खतरनाक कोशिशें
जब आता है कोसी का कहर तो डूब जाती हैं उम्मीदें, उतराने लगते हैं सपने।
जीव-इंसानों की निराशा
यह किसान और जीव ज़ाहिर कर रहा है कितना कहर बरपाती है कोसी।
कहर लाई कोसी
महिलाओं का यह हुज़ूम कोशिश कर रहा है कोसी को पार करने की।
रुलाती है कोसी
किस तरह एक पिता अपने बच्चों को कोसी की कोख से बचा रहा है।
आराम हराम करती कोसी
कोसी नदी आराम हराम कर देती है जब आती है अपने चरम पर।
क्यों मचाती है कोहराम ये कोसी
कोसी के कोहराम का शिकार हर वर्ग के लोग होते हैं। युवा, बच्चे, बुजुर्ग।
कैसे चले जीविका
जिंदगी जीने के लिए कामगार भी होते हैं कोसी के कहर के शिकार।
बाहर निकाल देती है
अपने बहाव में सभी को कोसी कह देती है 'गैट आउट'।
पटरी से उतारती है
लोग इंतज़ार करते हैं कि कब यह कोसी शांत हो और वे पटरी पर लौटें।
बंद कर देती है रास्ते
जब बंद हो जाते हैं एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले रास्ते।
प्रकृति क्येां नहीं डांटती कोसी को
प्रकृति भी अपनी जिद में आकर कोसी को नहीं रोकती।