दुर्गा पूजा पंडाल में प्रवेश कर सकेंगे 60 लोग, कोलकाता हाईकोर्ट ने 'नो एंट्री' वाले फैसले में दी थोड़ी ढ़ील
कोलकाता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों को लेकर दी अब ये नई अनुमति
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल स्थापित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय ने बुधवार को ढाकियों को प्रत्येक पंडाल में नो-एंट्री ज़ोन के बाहर उपस्थित होने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि छोटे पंडालों के लिए 15 व्यक्तियों को अनुमति दी जाती है, जबकि 60 लोगों को बड़े पंडालों के लिए अनुमति दी जाती है।
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल का प्रमुख त्योहार दुर्गा पूजा उत्सव का जश्न थोड़ा फीका नजर आ रहा है क्योंकि कोरोना महामारी के चलते कई सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। नवरात्रि में दुर्गा पूजा पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने पूजा-अर्चना करने वाले भक्त इस बार मायूस हैं क्योंकि प्रदेश सरकार ने पूजा पंडालों को लगाने की तो अनुमति प्रदान की थी लेकिन एक निश्चित संख्या में ही लोगों को इन पंडालों में रहने की अनुमति प्रदान की थी।
कोरोनोवायरस प्रकोप को देखते हुए हाई कोर्ट ने भी अपने पूर्व के आदेश में बड़े पंडालों के लिए संख्या 25 और छोटे लोगों के लिए 15 को सीमित कर दिया गया था। सोमवार को कोलकाता हाई कोर्ट में दुर्गा पूजा पंडालों ने पश्चिम बंगाल में नो-एंट्री ज़ोन घोषित कर दिया था और कोर्ट ने केवल पंडालों में केवल आयोजक ही प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की थी,लेकिन बुधवार को इससे संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोलेकाता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों में नो एंट्री जोन के बाहर ढाकियों यानी कि ढोल बजाने वालों को रहने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही दुर्गा पूजा के छोटे पंडाल में 15 व्यक्तिायों को और बड़े पंडालों में 60 व्यक्तियों की उपस्थित रहने को अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि बड़े पंडालों में 60 लोग एक साथ एकत्र होकर दुर्गा पूजा का ये त्योहार धूम-धाम से मना सकेंगे।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल का सबबे बड़ा त्योहार शुरू होने से एक दिन पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज अपने आदेश में ढील दी जिसने कोरोनोवायरस महामारी के बीच दुर्गा पूजा पंडालों को आगंतुकों के लिए "नो-एंट्री जोन" घोषित किया। शहर में 400 शीर्ष दुर्गा पूजा आयोजकों ने आदेश की समीक्षा के लिए अपील की, अदालत ने आज एक बार में 60 लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दी। बता दें दुर्गा पूजा आयोजकों की संस्था और दुर्गोत्सव मंच के आयोजकों ने मंगलवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अदालत ने जारी किए ये निर्देश
1-प्रत्येक पंडाल में नो-एंट्री ज़ोन के ठीक बाहर ढाकियों या पारंपरिक ढोल वादकों को "एक सीमित संख्या में" प्रदर्शन करने की अनुमति है। "अनुमति प्राप्त व्यक्तियों की सूची को दैनिक आधार पर तय किया जाना चाहिए"। इन सूचियों को प्रतिदिन सुबह 8 बजे पंडालों के बाहर रखा जाएगा।
2-बड़े पंडाल -जिनका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से अधिक है - 60 लोगों तक की सूची बना सकते हैं, एक समय में 45 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जा सकती है। छोटे पंडाल 15 लोगों को ही एंट्री दी जाएगी।
3-अदालत ने पूजा के दो महत्वपूर्ण अनुष्ठानों - अंजलि और सिंदूर खेला को अनुमति देने के संबंधी अपील पर कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया है।
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