उर्मिला मातोंडकर ने बताया- क्यों कांग्रेस के MLC पद का ऑफर छोड़ शिवसेना में हुईं शामिल
नई दिल्ली: एक्ट्रेस से नेता बनी उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी, हालांकि पिछले साल ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी। अब उन्होंने महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना का दामन थामा है। उर्मिला का दावा है कि पार्टी छोड़ने के बाद भी कांग्रेस उनके संपर्क में थी और उसकी ओर से उन्हें एमएलसी पद देने का प्रस्ताव भी मिला था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। साथ ही मंगलवार को वो शिवसेना में शामिल हो गईं।
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इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में उर्मिला ने कहा कि ये दावा बिल्कुल गलत है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। उन्होंने कहा कि मुझ में हार को स्वीकार करने और आगे बढ़ने का पूरा साहस है। 2019 की हार कोई पहली हार नहीं थी और ना ही ये आखिरी थी। शिवसेना में शामिल होने के सवाल पर उर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने एमएलसी पद का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। कांग्रेस छोड़ने के कई अन्य मुद्दे थे, ऐसे में फिर से उसे ज्वाइन करना गलत होता।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में कई छोटे राजनीतिक मुद्दे थे, जिसे मैं संभालने में असमर्थ थी। हालांकि कांग्रेस छोड़ने के बाद भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेताओं के प्रति मेरे मन में सम्मान है। वहीं वैचारिक बदलाव पर पूछे गए सवाल पर उर्मिला ने कहा कि मैं जन्म से एक हिंदू हूं। मैं बहुत ही धार्मिक विचारों वाली समर्पित हिंदू हूं। हालांकि, मेरे धर्म ने मुझे कभी भी सिर्फ अपने धर्म से प्यार करना नहीं सिखाया है, मुझे हर धर्म से प्यार है। शिवसेना एक हिंदूवादी पार्टी है लेकिन यह एक ऐसी पार्टी है जो अपने और दूसरों के लिए अच्छा करने में विश्वास रखती है। इसमें गलत क्या है?
वहीं इंटरव्यू के दौरान उर्मिला से पूछा गया कि वो शिवसेना के बचाव और कंगना के खिलाफ लगातार बोलती रहती हैं, क्या इसी वजह से उन्हें एमएलसी मनोनीत किया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि कंगना के मुद्दे को बहुत ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है। मुझे नहीं लगता की ठाकरे परिवार के लिए किसी को बोलने की जरूरत है, वो खुद के लिए बोलते हैं।