जानिए, शिवसेना क्यों बेचैन है और दिल्ली की ओर देखने को क्यों मजबूर हैं उद्धव?
नई दिल्ली। राज्य की विधायिका में प्रवेश के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए लगभग सभी खिड़की और दरवाज बंद हो चुकी है। यही कारण है कि उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार दिल्ली की ओर देखने को मजूबर है अन्यथा उनके पास कानूनन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के सिवाय कोई चारा नहीं रह जाएगा।
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यही कारण हैं कि सीएम ठाकरे राज्य विधानसभा के उच्च सदन में नामांकित करने के लिए सभी विकल्पों की जांच कर रहे हैं। इनमें से एक विकल्प दिल्ली द्वारा राज्य विधानसभा के उच्च सदन में उनका मनोनयन हैं, जो सिर्फ दिल्ली के हाथों में हैं। वैसे, शिवसेना नेताओं ने कहा कि वे अन्य कानूनी विकल्प भी तलाश रहे हैं और इस मामले में वो चुनाव आयोग को भी पत्र लिखेंगे।
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गौरतलब है महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश पर कार्रवाई करने के मामले में गैर-कमिटेड हैं, जिसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे मंगलवार शाम संकट के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंचे। शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि वे यह देखने के लिए कुछ दिनों तक इंतजार करेंगे कि क्या "दिल्ली से संदेश राजभवन पहुंच गया है"।
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दरअसल, मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे का भाग्य अधर में लटका हुआ है, क्योंकि उन्हें 27 मई तक राज्य विधानमंडल के दो सदनों में से एक के लिए निर्वाचित होना है। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार एक मंत्री या मुख्यमंत्री को 6 महीने के भीतर राज्य विधायिका के लिए निर्वाचित होना और शपथ लेना पड़ता है।
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महामारी के कारण विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव टाल दिए गए
गत 28 नवंबर को सीएम के रूप में शपथ लेने वाले ठाकरे अगर राज्य विधानसभा में उच्च सदन में नामित होने में विफल होते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। चूंकि कोरोनोवायरस प्रकोप के कारण विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव टाल दिए गए थे। इसलिए उद्धव का बतौर सीएम का भविष्य अधर में हैं।
चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधान परिषद चुनाव कराने का अनुरोध करेंगे
शिवसेना एक नेता ने कहा है कि सीएम उद्धव ने पीएम मोदी से बात की है और अगर संदेश राजभवन तक पहुंचता है तो हमें कुछ दिनों तक इंतजार करना चाहिए। इस बीच हम अपने अन्य विकल्पों पर काम कर रहे हैं। हम चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधान परिषद चुनाव कराने का अनुरोध करेंगे। एक अन्य विकल्प यह है कि चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाए।
सेना को उम्मीद है कि राज्यपाल जल्द ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू करेंगे
सेना को उम्मीद है कि राज्यपाल जल्द ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू करेंगे और ठाकरे के इस्तीफे की नौबत नहीं आएगी और अगर ऐसी नौबत आती है और अगर ठाकरे इस्तीफा देते हैं, तो उन्हें दोबारा एमवीए गठबंधन के नेता के रूप में चुना जाएगा और महाराष्ट्र में कोरोनोवायरस प्रकोप के खिलाफ चल रही लड़ाई के बीच फिर से सरकार बनाएंगे।
उद्धव ने पीएम के साथ राज्य में मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता पर चर्चा की
ठाकरे और मोदी के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान विधान परिषद के नामांकन को लेकर '' खेली जा रही राजनीति '' पर नाखुशी जाहिर की। सीएम उद्धव ने पीएम के साथ राज्य में मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता पर चर्चा की। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उन्होंने एक ऐसे समय में एमएलसी के रूप में राजनीति में आने पर नाखुशी जाहिर की, जब राज्य में कोरोनोवायरस का प्रकोप चल रहा था।