कंगना रनौत को विवादों से नहीं लगता है डर? बॉलीवुड की मर्दानी हैं क्वीन
बेंगलुरू। अपनी मेहनत और संघर्ष की बदौलत बॉलीवुड इंडस्ट्री में शीर्ष तीन अभिनेत्रियों में शुमार कंगना रनौत को उनकी बेबाक, बिंदास और बेलौस अंदाज के लिए जाना जाता है। सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद कंगना रनौत बेबाकी के मामले में एक पायदान और ऊपर चढ़ गई है और उन्होंने बॉलीवुड के कई नामचीन फिल्म एक्टर, डायरेक्टर और फिल्मकार को अपने निशाने पर लिया है। कई बार कंगना अकेली भी पड़ी है, फिर भी वो मजबूती से खड़ी रहती हैं।
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आखिर कंगना रनौत ऐसी क्यूं है?
सवाल है आखिर कंगना रनौत ऐसी क्यूं है? क्योंकि मायानगरी के नाम से मशहूर बॉलीवुड इंडस्ट्री का स्याह सच बार-बार सामने आता रहा है जब फिल्म इंडस्ट्री में संघर्षरत फिल्म एक्टर और एक्ट्रेसस को भाई-भतीजावाद के कारण उनको अपना अच्छा खासा कैरियर छोड़कर घर बैठना पड़ा। इनमें कई नाम है, जो आज भी इंडस्ट्री में संघर्षरत हैं, लेकिन इंडस्ट्री में मौजूद ऐसे गैंग के खिला चुप्पी साधे रहते हैं, क्योंकि उनको डर होता है कि कहीं उनका बॉयकाट न कर दिया जाए।
कंगना को यह अंदाज दादा या उनके परदादा से विरासत में मिला है
फिर कंगना रनौत को इसी बात का क्यों डर नहीं है? 23 मार्च, 1986 को हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के एक छोटे से कस्बे भांबला (सूरजपुर) में जन्मी कंगना रनौत एक मध्यमवर्गीय परिवार में ताल्लुक रखती है और मध्यमवर्गीय परिवार की परवरिश और आदर्शों से सभी परिचित हैं, जहां जन्म के साथ ही बच्चों को समझौता करना और सहना सिखाया जाता है। हालांकि कंगना रनौत के परदादा आईएएस थे और दादा सांसद थे और लगता है कंगना में यह अंदाज दादा या उनके परदादा से विरासत में मिला है।
महज 16 वर्ष की उम्र में हिमाचल प्रदेश को छोड़कर दिल्ली चली आईं थी
कंगना खुद कई बार कह चुकी है कि वह एक मध्यमवर्गीय परिवार की परवरिशों से जुदा एक इंकलाबी स्वभाव की लड़की है। इसका प्रमाण वह खुद दे चुकी हैं, जब वह महज 16 वर्ष की उम्र में हिमाचल प्रदेश को छोड़कर दिल्ली पहुंच जाती है। एक इंटरव्यू के दौरान कंगना ने कहती भी हैं कि वो उन सिद्धांतों पर नहीं चलती हैं, जिसमें ये कहा जाता है कि अच्छी लड़कियों को अपने बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए। उनको केवल बलिदान करना चाहिए।
मैं उन एक्ट्रेस की कैटेगरी में शुमार नहीं हूं जो महान महिला हैंः कंगना
बकौल कंगना, मेरा जीवन सिर्फ मेरा है और इसे मैं खुद के लिए जीना चाहती हूं। मैं सबसे पहले अपने आप को अहमियत देती हूं। मैं अपनी योग्यता का पूरा इस्तेमाल करना चाहती हूं। मैं उन एक्ट्रेस की कैटेगरी में शुमार नहीं हूं जो महान भारतीय महिला हैं और सभी को खुद से पहले रखती हैं। मैं जानती हूं कि अगर आप महिला हैं और महत्वाकांक्षी हैं तो आपको विलेन के तौर पर देखा जाएगा। मैं एक छोटी से शहर से आईं हूं और मेरे लिए खुद की पहचान बनाना काफी चैलेजिंग था।
अस्मिता थिएटर ग्रुप के साथ अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत
दिल्ली में अस्मिता थिएटर ग्रुप के साथ अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाल कंगना राणावत ने सुप्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक अरविन्द गौड़ के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह अलग बात है कि अब कंगना न्यू यार्क से भी अभिनय को कोर्स कर चुकी है, जिसकी झलक उनकी फिल्मों में दिखता भी है। इनमें मेगाहिट फिल्म क्वीन, तनु वेड्स मनु औ तनु वेड्स मनु 2 में देखा जा सकता है।
मुंबई के पॉश पाली हिल में कंगना ने 48 करोड़ का ऑलीशान बंगला खऱीदा
कंगना वर्तमान में बॉलीवुड की हाईस्ट पेड अभिनेत्री हैं। अभी हाल में कंगना ने मुंबई के पॉश एरिया पाली हिल 48 करोड़ का ऑलीशान बंगला खऱीदा है, जिसमें उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी मणिकर्णिका फिल्म्स का ऑफिस खोला है। फिल्म मणिकर्णिका से निर्देशन की बागडोर संभाल चुकी कंगना रानौत कहती हैं कि अगर उनकी बेबाकी और बेखौफ अंदाज से उन्हें फिल्में नहीं मिलती हैं, तो उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
भाई अक्षत के साथ अब फिल्म प्रोडक्शन पर अधिक रूचि ले रही हैं कंगना
कंगना का प्रोडक्शन हाउस खोलने का इरादा भी संभवतः अपने कैरियर को अगले पायदान पर ले जाने के लिए है। अब कंगना एक निर्माता और निर्देशक के रूप में काम करना चाहती है, क्योंकि लगातार 17-18 वर्ष बॉलीवुड में काम कर चुकी कंगना अब भाई अक्षत के साथ फिल्म प्रोडक्शन पर अधिक रूचि लेना चाहती हैं। मणिकर्णिका फिल्मस की लांचिंग की घोषणा कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल ने ट्वीटर पर की थी।
3 राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय सम्मान पद्मश्री पा चुकी हैं कंगना रनौत
कंगना कहती है कि अब उन्हें बॉलीवुड में साबित करने के लिए कुछ खास नहीं रह गया है। उन्होंने काम और अभिनय के दम पर जीत चुकी 3 राष्ट्रीय पुरस्कार और भारत के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री का उल्लेख करते हुई कहती हैं कि उन्हें जितना एचीव करना था, वह कर चुकी हैं। वो कहती हैं कि वो उन सामान्य और सतही लोगों की तरह पारंपरिक सोच नहीं रखती हैं कि कुछ दि और पैसे काम लेते हैं और फिर वह वक्त कभी नहीं आता है।
सुशांत सिंह राजपूत केस में करण जौहर पर कंगना ने जमकर हमला बोला
कंगना रानौत खुद अभी अपने कैरियर के उफान पर देखती है। यही कारण है कि वह बॉलीवुड इंडस्ट्री के गॉडफादर करार दिए जा चुके धर्मा प्रोडक्शन के मालिक और फिल्मकार करण जौहर, यशराज प्रोड्कशन के मालिक आदित्य चोपड़ा और भट्ट कैंप के मालिक मुकेश और महेश भट्ट पर निशाना साधने में संकोच नहीं करती हैं। सुशांत सिंह राजपूत मामले में भी कंगना ने तीनों प्रोडक्शन हाउस पर जमकर हमला किया।
मैं केवल उन्हीं मुद्दों पर बोलती है, जिनमें उन्हें लगता है कि गलत है
वर्तमान में कंगना रानौत बॉलीवुड की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली हीरोइन हैं और इस मामले में दीपिका पादुकोण भी उनसे पीछे हैं। बेशक कंगाना रानौत फिल्म इंडस्ट्री की क्वीन हैं, लेकिन इसके साथ-साथ विवादों की भी क्वीन कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा, लेकिन कंगना कहती है कि वह केवल उन्हीं मुद्दों पर बोलती है, जिनमें उन्हें लगता है कि गलत है, क्योंकि एक सेलीब्रिटी होने के बावजूद देश में क्या हो रहा है, उस पर भी बोलने का उनका हक है।
मुंबई में लंबे संघर्ष में पहाड़ी बाला ने कभी खुद को कमजोर नहीं होने दिया
शुरू-शुरू में जब दिल्ली छोड़कर कंगना रानौत मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री में काम की तलाश में पहुंची तो एक सामान्य परिवार के बच्चों की तरह उनकी भी अंग्रेजी में हाथ तंग था, जिसकी वजह से उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में काम मिलना मुश्किल हो गया था, लेकिन इस पहाड़ी बाला ने खुद को कमजोर नहीं होने दिया और घबरा कर अपने कदम पीछे हटाने के बजाय अंगद की तरह पांव जमा कर ही दम लिया। इस दौरान कंगना को कई बार भूखों तक सोना पड़ा।
2 वर्ष तक लंबे संघर्ष के बाद कंगना को फिल्म 'वो लम्हे' में काम मिला
कंगना रानौत वर्ष 2004 में दिल्ली से मुंबई पहुंची थी और करीब 2 वर्ष तक लंबे संघर्ष के बाद कंगना को फिल्म मिली, वो थी, 'वो लम्हे'। यह फिल्म भट्ट कैंप ने प्रोड्यूस की थी और फिल्म को नवोदित निर्देशक मोहित सूरी ने डायरेक्ट किया था। मोहित सूरी की इस फिल्म में कंगना लीड रोल में थीं, जिनके अपोजिट शाइनी आहूजा थे। यह फिल्म 29 सितंबर, 2006 को रिलीज हुई और इस फिल्म के लिए कंगना को बेस्ट फीमेल डेब्यू का जी सिने अवार्ड मिला, जिसके बाद कंगना की गाड़ी फिल्म इंडस्ट्री में चल निकली।
फिल्म ‘गैंगस्टर' में कंगना रनौत को दर्शकों के बीच अच्छी पहचान मिली
कंगना की अगली फिल्म आई ‘गैंगस्टर', जिसे डायरेक्टर अनुराग बसु निर्देशित किया था। इस फिल्म को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉंस मिला और कंगना को बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर से नवाजा गया। गैंगस्टर के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कंगना की अच्छी पहचान बन गई। वर्ष 2008 में कंगना की मधुर भंडारकर निर्मित फिल्म ‘फैशन' रिलीज हुई, जिसमें उनके दमदार अभिनय के लिए बेहतरीन अभिनेत्री के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।
वर्ष 2011 कंगना रनौत के कैरियर का मील का पत्थर साबित हुआ
वर्ष 2011 में कंगना रनौत के कैरियर का मील का पत्थर साबित हुआ जब उनकी फिल्म ‘तनु वेड्स मनु' रिलीज हुई है। नवोदित निर्देशक आनंद एल. राय द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने कंगना रनौत को अभिनय की ऊंचाई पर बैठा दिया और वर्ष 2014 में रिलीज हुई नवोदित निर्देशक विकास बहल निर्देशित फिल्म ‘क्वीन' ने सोने पर सुहागा कर दिया। कंगना रनौत बॉलीवुड में नया नामकरण हो गया और वो बॉलीवुड की क्वीन पुकारी जाने लगीं।
‘क्वीन' में कंगना ने साबित किया कि वो पूरी फिल्म अपने कंधों पर उठा सकती हैं
फिल्म ‘क्वीन' ने साबित कर दिया था कि कंगना रनौत ऐसी एक्ट्रेस बन चुकी हैं, जो पूरी फिल्म अपने कंधों पर उठा सकती हैं। वर्ष 2015 में रिलीज हुई आनंद एल. राय निर्देशित ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' ने उनके अभिनय का लोहा मनवा दिया। इस फिल्म में कंगना दोहरी भूमिकाओं में थी और उन्होंने दोनों ही चुनौतीपूर्ण भूमिका में बेहतरीन अभिनय करके कंगना ने दर्शकों के बीच एक अपना वर्ग तैयार कर लिया।
सच कहना कंगना रनौत की खासियत है या यह उनकी कमजोरी है?
कंगना रानौत की यह खासियत कहिए या उनकी कमजोरी, लेकिन कंगना सच कहने से बिल्कुल नहीं घबरातीं हैं, जिसके दर्जनों उदाहरण पब्लिक डोमेन में मौजूद है, जिसकी वजह से कंगना पर विवादित अभिनेत्री का टैग भी लगाया जाता रहा है, लेकिन कंगना एकदम इसका परवाह नहीं करती हैं। यही कारण है कि उनके विरोधी और परेशान रहते हैं।
विरोधियों को शांत करने के लिए अपने स्वभाव को हथियार बनाती हैं कंगना
माना जाता है कि कंगना अपने विरोधियों को शांत करने के लिए अपने स्वभाव को हथियार बनाती हैं, जो शायद सुशांत सिंह राजपूत जैसे कई एक्टर और एक्ट्रेसस नहीं बना पाए हैं, क्योंकि उन्हें वो बहुत खोने के डर से ऐसा कदम नहीं उठा पाते हैं। कंगना की बेबाकी ही अब कंगना की पहचान बन गई है और फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म से लेकर राजनीतिक और सामाजिक विषयों पर भी जमकर बयान देती रहती हैं।
कंगना रनौत ने खुलकर कहा कि इंडस्ट्री में उनका शारीरिक शोषण हुआ
एक प्रसिद्ध लेखिका की किताब के विमोचन के समय कंगना रनौत ने सब के सामने खुल कर कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में उन का शारीरिक शोषण हुआ और यह सब करने वाला फिल्म इंडस्ट्री का ही आदमी था। हालांकि उन्होंने उस वक्त नाम नहीं बताया था, लेकिन उनका इशारा आदित्य पंचोली की ओर था, जिन के खिलाफ कंगना ने पुलिस में मारपीट की रिपोर्ट भी लिखाई थी. क्या कोई दूसरी हीरोइन ईमानदारी से यह बात स्वीकार कर सकती है?
शोषण सहने के बाद भी जब मैं डरी तो क्या जिंदगी भर डरती रहूंगी?
कंगना का यह व्यक्तित्व है, जिसका नमूना अक्सर कंगना देती रहती हैं। एक बुक की लांचिंग पर कंगना अपने व्यक्तिवत पर चर्चा करते हुए कहती हैं, इतना संघर्ष करने और शोषण सहने के बाद भी जब मैं डरी तो क्या जिंदगी भर डरती रहूंगी, ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, मुझे फिल्म इंडस्ट्री में काम मिलना बंद हो जाएगा। कोई बात नहीं, मैंने अपनी कमाई से मनाली में खूबसूरत घर बनाया है, वहीं रहूंगी. किताबें लिखूंगी या फिल्म डायरेक्ट करूंगी, फिर मैं क्यों डरूं?' यह अंदाज कंगना के व्यक्तित्व का हिस्सा है, यही कारण है कि बेखौफ रहती है और किसी पर हमलावर हो जाती हैं।
निः संदेह कंगना न केवल बेहतरीन अदाकारा हैं, उनकी छवि भी ईमानदार हैं
निः संदेह कंगना न केवल एक बेहतरीन अदाकारा हैं, बल्कि एक ईमानदार व्यक्तित्व की धनी हैं, जिसने जमीन पर संघर्ष करके खुद सफलता की ऊंचाई पर खड़ा किया है। रील लाइफ में पंसद की जाने वाली पारंपरिक अभिनेत्रियों की तरह खूबसूरत कंगना में चंचलता और मासूमियत का अद्भुत संजोयन मौजूद है। शायद यही कारण है कि वो दर्शकों की जह्न में घुस जाती हैं। दो राय नहीं कि फिल्म इंडस्ट्री में कंगना ने खुद अपनी जगह बनाई है।
अगर इंडस्ट्री में कुछ गलत हो रहा है, तो क्या उसके बारे में क्यों न कहा जाए
कंगना इंडस्ट्री के खिलाफ बोलने से पहले शायद इसलिए नहीं हिचकिचाती है। कंगना का कहती है अगर इंडस्ट्री में किसी की वजह से कुछ गलत हो रहा है, तो क्या उसके बारे में कहा जाए, क्योंकि वो खुद भुक्तभोगी रही हैं और जब सफल हो चुकी हैं, तो उनकी जिम्मेदारी बन जाती हैं कि गलत के खिलाफ बोला जाए। कंगना कहती हैं, मैं क्यों डरूं और क्यूों चुप रह जाऊं? यह उदाहरण ठीक नहीं रहेगा, न मेरे लिए न दूसरी लड़कियों के लिए।
मैंने इंडस्ट्री में इतने दर्द सहे,कष्ट झेले कि अब पत्थर की बन गई हूंः कंगना
मैं अब इस स्टेज पर हूं कि हर मुकाबले के लिए तैयार हूं। मैंने इंडस्ट्री में इतने दर्द सहे, कष्ट झेले कि अब पत्थर की बन गई हूं। अब मुझे किसी का कोई डर नहीं। जब 16 साल की उम्र में घर छोड़ते वक्त मुझे डर नहीं लगा तो अब 34 साल की उम्र में सब कुछ देख सहकर डर लगेगा? इंडस्ट्री में जो दुष्ट लोग हैं, मुझे डराते हैं, बुलिंग करते हैं, उनके सामने झुक जाना तो मौत से भी बदतर होगा।
कंगना कहती हैं कि उनके लिए अब कुछ खोने के लिए नहीं है
इसमें कोई दो राय नहीं है कि बॉलीवुड में कंगना रानौत का फिल्मी सफर कांटों भरा रहा है, जहां उन्हें शोषण भी शिकार होना पड़ा और अब जब वह शिखर पहुंच गई हैं तो जैसे कंगना कहती हैं कि उनके लिए अब कुछ खोने के लिए नहीं है, जिससे उनका भविष्य खत्म हो जाए। कंगना बेलौस कह चुकी हैं कि अगर उन्हें लॉबिंग के जरिए फिल्में नहीं मिलती हैं, तो वह खुद की फिल्में बनाएंगी और फिल्में डायरेक्ट करना शुरू कर देंगी।
पारंपरिक अभिनेत्रियों के केस में कंगना रनौत बिल्कुल दुर्लभ अभिनेत्री हैं
संभव है ऐसी सोच सामान्य अभिनेत्रियों के मामले में बॉलीवुड में बिल्कुल दुर्लभ बात हैं, जहां पहले हीरोन्स इसलिए शादी नहीं करती थीं कि फिल्में मिलनी बंद हो जाएंगी। इस खांचे में माधुरी दीक्षित से लेकर प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर से लेकर आलिया भट्ट को लेकर कहा जा सकता है। हालांकि अभिनेत्री काजोल के बाद बॉलीवुड में यह चलन खत्म होने लगा है और करीना कपूर भी कई फिल्में बतौर हीरोइन कर चुकी हैं और कर रही हैं।
जब कंगना को शूटिंग के समय 15 दिन ऑफिस में छिपा कर रखा गया था
कंगना के मुताबिक जब वह संघर्ष कर रहीं थी तो फिल्म इंडस्ट्री में किसी ने उनकी मदद नहीं की। उनके मुताबिक उन्हें इतना परेशान किया गया कि फिल्म इंडस्ट्री को टाटा-बॉय-बॉय बोलकर घर वापस लौट जाऊं, लेकिन इंडस्ट्री में वह अपने बूते पर जमी रहीं हैं। निर्देशक अनुराग बसु निर्देशित फिल्म ‘लाइफ इन ए मैट्रो' का वाक्या मशूहर है, जिसमें कंगना को शूटिंग के समय 15 दिन औफिस में छिपा कर रखा गया था।
बॉलीवुड में नेपोटिज्म के खिलाफ कानूनी लड़ाई का मन बना रही हैं कंगना
खबर है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना रनौत ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म के खिलाफ कानूनी लड़ाई का मन बना रही हैं। संभवतः इसी सिलिसले में कंगना ने बीजेपी के फायर ब्रांड नेता सुब्रमण्यम स्वामी से संपर्क किया है, जिसकी जानकारी खुद सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीटर पर दी है, जिसमें उन्होंने बताया कि कंगना रनौत के ऑफिस की तरफ से उनके सहयोगी इश्करण भंडारी से संपर्क किया गया है। स्वामी ने आगे लिखा, मुझे बताया गया है कि कंगना रनौत हिंदी सिनेमा की टॉप- 3 हस्तियों में से एक हैं, लेकिन साहस के मामले में मैं उन्हें सबसे ऊपर रखूंगा।
अपने दुर्व्यवहार पर चुप रही, मैं कंगना जितनी बहादुर नहीं थीः सिमी ग्रेवाल
बॉलीवुड में नेपोटिज्म और आउटसाइडर्स के साथ होने वाले गलत व्यवहार के बारे में भी कंगना रानौत के बेबाक अंदाज का पूरा देश दीवाना हो चुका है। इस कड़ी में अब बॉलीवुड की सीनियर एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल भी जुड़ गई हैं। उन्होंने हाल ही में कंगना की हिम्मत और बेखौफ अंदाज की जमकर तारीफ की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किए एक पोस्ट में सालों बाद अपने साथ हुए एक दुर्व्यवहार की बात करते हुए कहा, मैं चुप रही क्योंकि मैं इतनी बहादुर नहीं थी।
डर ऐसी चीज़ नहीं है जो दूसरे आपके मन में डालते हैं: कंगना रनौत
डर पर जीत के सवाल पर कंगना का कहती हैं, डर ऐसी चीज़ नहीं है जो दूसरे आपके मन में डालते हैं, यह एक अंदरूनी क्रिया है। डर हमें अपने किए से ही लग सकता है। ऐसे में जब भी मैं कुछ बोलती हूं तो वही बोलती हूं जो मुझे दिख रहा है, साफ तौर पर दिख रहा है और अगर मैं उसे नहीं देख पा रही हूं तो इसका मतलब यह नहीं कि वो है नहीं है।
जब किसी के खिलाफ कुछ कहती हूं तो देखती हूं कि मेरा इरादा क्या है?
कंगना आगे कहती है, जब तक उनकी नीयत सही है, तब तक उन्हें अपने द्वारा कही गई बातों का बुरा नहीं लगता। मैं जब भी किसी बुराई के खिलाफ कुछ कहती हूं, तो मैं हमेशा इस बात को देखती हूं कि मेरा इरादा क्या है। करण जौहर को उन्हीं के टेलीविजन चैट शो में कहा था कि वे ही नेपोटिज्म के ध्वजवाहक हैं। निः संदेह कंगना का बेखौफ रवैया और बेबाक में कंगना को इंडस्ट्री से मिले कडुवे अनुभव और दर्द को दर्शाते हैं।
इंडस्ट्री में नेपोटिज्म के खिलाफ नहीं बोलने वाले सभी लोग कायर हैंः कंगना
एक इंटरव्यू में जब कंगना से पूछा गया कि उन्हें क्या लगता है कि बॉलीवुड के स्टार्स नेपोटिज्म और लॉबिंग के खिलाफ बोलने से क्यों बच रहे हैं? इस पर कंगना ने कहा, सभी एक्टर्स को खुद पर शर्म आनी चाहिए, मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि ये सभी कायर हैं और सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। ये लोग सिर्फ पूरा दिन अपने आप को शीशे में देखते हैं और फिर पूछते हैं कि जब हमारे पास सारी सुविधाएं हैं तो हमें क्यों देश के बारे में सोचने की जरूरत है।
कंगना ने कहा, देश के सितारों को जिम्मेदार होना चाहिए
कंगना शायद एक्टर रनबीर कपूर की बात कर रहीं थी, जिन्हें कंगना ने उनके एक बयान के लिए आड़ों हाथ लिया था। हाल ही में रणबीर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं और उनके घर में पानी और बिजली की कोई समस्या नहीं है, तो फिर वह क्यों किसी राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करें। कंगना ने कहा, देश के सितारों को जिम्मेदार होना चाहिए, उन्हें देश और राजनीतिक मुद्दों पर बात करनी चाहिए।
कई बार मैं खुद एकदम से चौंक जाती हूं कि ये क्या हो गया?
फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े से स्टार के खिलाफ बोले वाले कंगना स्वीकार करते हुए कहती हैं, ऐसा नहीं है कि मुझे डर नहीं लगता है, कई बार मैं खुद एकदम से चौंक जाती हूं कि ये क्या हो गया? जब एक लड़की के खिलाफ एक साथ बहुत सारे इकट्ठे हो जाते हैं तब मुझे भी डर लगता है, लेकिन फिर उनका सामना करने के अलावा मेरे पास कोई और ऑप्शन नहीं होता। ऐसा नहीं है कि मैं पीछे हट जाऊं, तो ये लोग पीछे हट जाएंगे।
मुझे ये भी नहीं पता कि मेरा सफर आगे बढ़ेगा या नहीं?
कंगना आगे कहती हैं, आपका सफर आगे बढ़ पाए या यहीं खत्म हो जाए, इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क इससे पड़ता है कि आप उनके साथ नहीं मिलें, जो गलत हैं। आपने कहा कि ये गलत है। मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा, मुझे ये भी नहीं पता कि मेरा सफर आगे बढ़ेगा या नहीं। मुझे ये पता है कि इस तरह से दूसरों के काम में टांग अड़ाना सही नहीं है और अगर मैं पीछे हट गई, तो कहीं न कहीं गलत उदाहरण बन जाएगा।
इसलिए बेखौफ कंगना करण जौहर, आदित्य चोपड़ा व भट्ट कैंप के खिलाफ बोलती हैं
यही कारण है कि कंगना बेखौफ होकर आज करण जौहर, आदित्य चोपड़ा और भट्ट कैंप के खिलाफ बोलती हैं और उन्हें सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले में कटघरे में खड़ा करती हैं। अपनी बातों को साबित करने के लिए वह बिंदास होकर पद्मश्री सम्मान भी वापस करने का दम भरती हैं। भट्ट कैंप से शुरूआत करने वाली कंगना आज महेश भट्ट को निशाने पर लेने से नहीं चूकती हैं, जिन्होंने कंगना के मुताबिक कभी उनका मनोबल तोड़ने का काम किया था।
महेश भट्ट, करण जौहर और आदित्य चोपड़ा काफी शक्तिशाली हैंः कंगना
कंगना ने खुले तौर पर कहा कि महेश भट्ट, करण जौहर और आदित्य चोपड़ा जैसे लोग काफी शक्तिशाली हैं और इन पर पुलिस हाथ देने से बच रही है। कंगना ने इस मामले में जावेद अख्तर को भी घसीट लिया और कहा कि जावेद अख्तर महेश भट्ट के दोस्त हैं और चूंकि जावेद अख्तर का पॉलिटिकल कनेक्शन काफी स्ट्रॉन्ग है, ऐसे में इनसे पुलिस पूछताछ नहीं करेगी।