जानिए सिंधिया के करीबी रहे राहुल गांधी ने आखिर ज्योतिरादित्य से क्यों बनाई थी दूरी
जानिए वो बड़ी वजहें जिसके कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्स्य से बनाई थी दूरी,जो कभी सिंधिया के काफी करीबी हुआ करते थे। Know Why Rahul Gandhi Who Was Very close to Scindia, Made a Distance from Jyotiraditya
बेंगलुरु। ज्योतिरादित्य सिंधिया के सीएम कमलनाथ को धोबी पछाड़ देने से मध्यप्रदेश में सारे राजनीतिक समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने मंगलवार को पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस के 22 और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिससे मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई। मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता रहे माधवराज सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद से ये सवाल उठ रहा हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिसके सिंधिया काफी करीबी माने जाते थे आखिर वो कौन सी वजहें थी जिसके कारण उन्होंने ज्योतिरादित्य से दूरियां बनाई?
ज्योतिरादित्य मिलना चाहते थे लेकिन राहुल गांधी ने नहीं दिया मौका
पहले बता दें कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और सिंधिया परिवार के काफी करीबी नेता प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने दावा किया कि ज्योतिरादित्य को राहुल गांधी से महीनों से मिलने का मौका नहीं दिया गया।प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने खुलासा किया कि मुझे पता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया महीनों से राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें मिलने का मौका नहीं दिया गया। देबबर्मा ने फेसबुक पोस्ट लिख दावा किया कि मैंने देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की और उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने इंतजार किया और इंतजार करते रहे, लेकिन उनके द्वारा हमारे नेता को कोई भी अप्वाइंटमेंट नहीं मिला। देबबर्मा का ये बयान इस बात की गवाही दे रहा हैं कि राहुल गांधी ने सिंधिया से इतनी दूरी बना ली थी कि उन्हें अपने कभी करीबी रहे मित्र से मिलना तक गवारा नहीं था। जानिए वो खास वजहें जिसके कारण राहुल गांधी सिंधिया को दरकिनार करना पड़ा?
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सिंधिया का अनुच्छेद 370 और सीएए पर समर्थन करना
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का समर्थन किया था। पार्टी लाइन से हटकर बात करने के कारण पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ राहुल गांधी ने भी अपने अभिन्न मित्र से दूरी बना ली। बता दें कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन करते हुए कहा था कि वह भारत में जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पूर्ण विलय के लिए उठाए गए कदम का समर्थन करते हैं। यह देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं। सिंधिया ने अनुच्छेद 370 के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार का समर्थन किया था उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के विपरीत है कि नहीं यह अलग बात है, लेकिन इसमें भारत की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा और सभ्यता है।
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राहुल गांधी का अध्यक्ष पद छोड़ना
वहीं चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्रीय नेतृत्व में अकेले पड़ गए। 2019 लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार से राहुल गांधी खुद अपने पैर से खिसकती राजनीतिक जमीन को बचाने में जुट गए थे। राजनीति में अपने वजूद को बचाने में जुटे राहुल गांधी अगर सिंधिया की पैरवी करते तो शायद उनकी स्थिति और खराब हो जाती इसलिए उन्होंने सिंधिया से दूरी बनाना मुनासिब समझा।
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अध्यक्ष और माँ सोनिया के निर्णय के साथ दिखने की कोशिश
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद से ही सोनिया गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को तब्बजों देना बंद कर दिया था। इसका कारण सिंधिया का कमनाथ सरकार को घेरना, मोदी के फैसलों का समर्थ न कर पार्टी लाइन से हटकर बात करना तो था ही साथ ही अगस्त 2019 में भाजपा में शामिल होने के लिए दिग्गज नेता अरुण जेटली से सिंधिया की मुलाकात की भनक लगना था। कांग्रेस सिंधिया को मध्य प्रदेश का पार्टी अध्यक्ष और मध्यप्रदेश से राज्य सभा में भेजने को तैयार थी लेकिन सिंधिया की भाजपा के साथ पक रही खिचड़ी की भनक लगने के बाद सोनिया गांधी सिंधिया से काफी खफा थी। ऐसे में राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष और मां सोनिया गांधी के साथ दिखने की कोशिश के तहत सिंधिया से दूरी बना ली।
दिग्गज नेताओं का सिधिंया को समर्थन न देना,
सिंधिया से इसलिए भी दूरी बनाई क्योंकि ज्योरिरादित्य ने समय-समय पर मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद बागी तेवर अख्तियार कर रखा था जिस कारण पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज चल रहा था। किसानों की कर्जमाफी समेत अन्य मामलों को लेकर आए दिन कमलनाथ को घेरने के कारण कांग्रेस के दिग्गज नेता सिंधिया से नाराज थे। इस कारण भी राहुल गांधी ने सिंधिया से दूरी बनाना ही उचित समझा।