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जानिए, क्यों खत्म कर दी गई प्रीपेड मोबाइल नंबरों की लाइफटाइम इनकमिंग?

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बेंगलुरू। पिछले वर्ष एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया कंपनियों ने प्रीपेड मोबाइल नंबरों की इनकमिंग कॉल्स की वैलिडिटी पर कैंची चलाने का ऐलान किया था। वजह साफ थी रिलायंस जियो द्वारा उपभोक्ताओं को दिए गए फ्री अनलिमिटेड वॉयस और डेटा प्लान।

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कहा जाता है करीब 20 वर्ष तक भारत की शीर्ष टेलीकॉम कंपनियों में शुमार रहीं तीनों कंपनियां जियो की लांचिंग के बाद से घाटे में चल रहीं थी, जिससे उबरने के लिए तीनों कंपनियों ने अपने उन प्रीपेड यूजर को टारगेट किया जो जियो के फ्री अनलिमिटेड वॉयस और डेटा की सुविधा भोग रहे थे, लेकिन पुराने नंबरों पर मुफ्त इनकमिंग की भी सुविधा ले रहे थे।

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हालांकि प्रीपेड यूजर्स के लिए मिनिमम मंथली रिचार्ज की परिकल्पना का जन्म तभी हो गया था जब जियो की लांचिंग के बाद अधिकांश टेलीकॉम उपभोक्ताओं ने सस्ती वॉयस कॉल और डेटा के लिए जियो ग्राहक बनने से गुरेज नहीं किया था, लेकिन यूजर्स पुराने टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल नंबरों का भी मोह नहीं छोड़ पाए थे। यह ऐसा दौर था जब सामान्य मोबाइल फोन भी स्मार्टफोन हो गए थे, जिसमें अब 2 सिम कार्ड स्लॉट की सुविधा उपलब्ध थीं।

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चूंकि उस समय एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के नंबरों पर इनकमिंग की सुविधा मुफ्त उपलब्ध थी, जिसके लिए कोई मंथली मिनिमम रिचार्ज की शर्त नहीं थी, क्योंकि लोग प्रायः वॉयस और डेटा के लिए रिचार्ज करने के अभ्यस्त थे, लेकिन जियो की लांचिग के बाद यूजर्स ने एकाएक पुराने नंबरों पर रिचार्ज करवाना लगभग बंद कर दिया, क्योंकि जियो की तुलना में वोडाफोन, एयरटेल और आइडिया तीनों कंपनियों के टैरिफ काफी मंहगे थे।

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गौरतलब है भारत में 5 सितंबर, वर्ष 2016 को रिलायंस जियो की आधिकारिक लांचिंग हुई थी और जियो के सिम को खरीदने के लिए लगी लंबी-लंबी कतारें के पीछे की वजह साफ थी कि पहली बार किसी कंपनी ने यूजर्स को फ्री अनलिमिटेड कॉल्स और डेटा की सुविधा देने की घोषणा की थी। यह जियो का वेलकम ऑफर था, लेकिन कमोबेश कंपनी का वेलकम ऑफर यूजर्स के लिए करीब 3 वर्ष तक जारी रहा।

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इससे एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया जैसी कंपनियों का भट्टा बैठ गया था, जो सितंबर, 2016 से पहले एक जीबी डेटा के लिए उपभोक्ता से 255 रुपए वसूलते थे और उस दौर की इंटरनेट की स्पीड इतनी स्लो थी कि 1 जीबी डेटा खर्च के लिए कंपनियां यूजर्स को 1 महीने की वैलिडिटी तक देती थी। रिलायंस जियो से पहले पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियों की वॉयस टैरिफ भी 1.5 रुपए 2 रुपए प्रति मिनट थी।

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कहते हैं ग्राहक को किसी का दोस्त नहीं होता है और भारत में जियो की लांचिंग के बाद भी यही साबित हुआ जब मुफ्त डेटा और मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं ने पारंपरिक कंपनियों से किनारा करने में देर नहीं लगाया। जियो का प्रभाव ही थी कि उपभोक्ताओं ने पुराने सिम कार्ड को मोबाइल फोन के सेकेंडरी सिम स्लॉट में पहुंचा दिया और नए रिलायंस जियो का सिम यूजर्स के मोबाइल फोन के प्राइमरी स्लाट पर पहुंच गया था।

दरअसल, रिलायंस जियो मुफ्त अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा उपलब्ध करवाने के बाद भी फायदे में थी। इसकी पुष्टि रिलायंस जियो के प्रति यूजर औसत कमाई ( ARPU) ने की, जो उस दौरान शीर्ष पर विराजमान थी जबकि एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया कंपनियों की प्रति यूजर औसत कमाई लगातार नीचे गिर रही थी, क्योंकि उस दौरान एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया तीनों कंपनियों के मंहगे डेटा और वॉयस से लोगों ने लगभग तौबा कर लिया था।

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यही कारण था कि एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया कंपनियों ने उन प्रीपेड यूजरों का टारगेट करते हुए मिनिमम मंथली रिचार्ज लेकर आई, जो कंपनी के मुफ्त इनकमिंग का लाभ ले रहे थे और कई-कई महीनों तक रिचार्ज तक नहीं करवाते थे। पिछले वर्ष एयरटेल उन प्रीपेड यूजर्स के लिए मिनिमम मंथली रिचार्ज का प्लान लेकर आई, जो माह में एक बार भी रिचार्ज नहीं करवाते थे।

भारत की शीर्ष टेलीकॉम कंपनी शुमार भारती एयरटेल ने पिछले वर्ष मिनिमम मंथली रिचार्ज प्लान लांच किया, जिसकी कीम थी 35 रुपए। इस प्लान में प्रीपेड यूजर को 28 दिन की इनकमिंग सुविधा दी गई, जिससे यह साफ हो गया कि अब यूजर को सेकेंडरी सिम के लिए हर माह 35 रुपए चुकाने होंगे वरना सिम की इनकमिंग सुविधा बंद हो जाएगी।

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उल्लेखनीय है सस्ते डेटा और मुफ्त अनलिमिटेड वॉयस कॉल की मदद से 31 मार्च, 2018 तक जियो के ग्राहकों की संख्या 18.66 करोड़ पहुंच गई थी और तब रिलायंस जिया का प्रति यूजर औसत राजस्व 137.1 रुपए प्रति महीना था। वहीं, घोषित तिमाही में कंपनी का वायरलेस डेटा का कुल ट्रैफिक 506 करोड़ जीबी रहा और कुल वॉइस ट्रैफिक 37,218 करोड़ मिनट्स रहा था।

इसी वर्ष जियो की तुलना में वोडाफोन-आइडिया का प्रति यूजर औसत कमाई महज 88 रुपए और एयरटेल की प्रति यूजर औसत कमाई 102 रुपए थी। हालांकि मंथली मिनिमम रिचार्ज स्कीम की लांचिंग के बाद एयरटेल और वोडाफोन के प्रति यूजर औसत कमाई में वृद्धि देखी गई है और मौजूदा समय में एयरटेल की एआरपीयू 122 है जबकि वोडाफोन की 108 रुपए हैं।

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हाल में एयरटेल ने एक बार फिर प्रति यूजर औसत कमाई को बढ़ाने के लिए प्रीपेड सिम यूजर्स के इनकमिंग वैलिडिटी को घटाकर 15 दिन कर दी थी। इसके अलावा कंपनी ने वैलीडिटी प्लान खत्म होने के बाद यूजर को आउटगोइंग कॉल करने पर भी प्रतिंबंध लगा दिया था। भले ही उनके खाते में टॉक टाइम बैलेंस भी क्यों न बचा हो।

एयरटेल ने पिछले साल मिनिमम रिचार्ज स्कीम पेश की थी। इस स्कीम के बाद प्रीपेड यूजर 28 दिन की एक्सपायरी वाला कॉम्बो प्लान वाला रिचार्ज कराने पर मजबूर हो गए थे। यदि यूजर कंपनी की तरफ से निर्धारित अवधि के बाद रिचार्ज नहीं कराते है, तो वे इनकमिंग कॉल रिसीव भी नहीं कर पाएंगे।

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माना जा रहा है कि एयरटेल के बाद अब वोडाफोन-आइडिया नेटवर्क भी यह स्कीम पेश की थी। दोनों कंपनियों के लिए यह स्कीम फायदेमंद रही। अब देखना यह होगा कि एयरटेल के बाद वोडाफोन-आइडिया भी इनकमिंग वैलिडिटी में कटौती करती है या नहीं।

नए नियम के तहत टैरिफ पैक खत्म होने के बाद यूजर की आउटगोइंग सुविधा बंद हो जाएगी। इसके 7 दिन बाद इनकमिंग सुविधा भी बंद कर दी जाएगी। हालांकि अगस्त में वोडाफोन ने गिरते सब्सक्राइबर बेस को देखते हुए मिनिमम मंथली प्लान को 35 से घटाकर 20 रुपए करने का निर्णय कर लिया था, जिसमें यूजर को कुल 28 दिनों तक इनकमिंग की सुविधा दी गई हैं।

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एक आकलन के मुताबिक देश में करीब 40 करोड़ लोग एक से ज्‍यादा सिम इस्‍तेमाल करते हैं, इनमें बहुत से लोग दूसरे सिम को रेग्‍युलर रिचार्ज नहीं कराते हैं और उसको केवल इनकमिंग के लिए ही इस्‍तेमाल करते हैं। कंपनियों का कहना है कि उनको सिम एक्‍टिवेट रखने में कॉस्‍टिंग आती है।

इसके चलते ही कंपनियां प्रीपेड यूजर के लिए मिनिमम रिचार्ज प्‍लान लेकर आई हैं, जिसके चलते अब लोगों को अपने सभी नंबरों को अब मिनिमम रिचार्ज करना पड़ रहा है। हालांकि जो लोग अपने प्रीपेड सिम को रेग्‍युलर किसी न किसी प्‍लान से रिचार्ज कराते हैं उनको इस मिनिमम रिचार्ज प्‍लान की जरूरत नहीं है।

यह भी पढ़ें- Airtel यूजर्स को झटका, कंपनी ने इनकमिंग कॉल वैलिडिटी में की कटौती

Comments
English summary
It is said that the customer is not a friend of anyone and the same proved after the launch of Jio in India when consumers did not delay to switch from traditional companies to take advantage of free data and free voice call facility. The effect of Jio was that consumers moved the old SIM card to the secondary SIM slot of the mobile phone and the new Reliance Jio SIM reached the primary slot of the users' mobile phone.
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