भारत और पाकिस्तान ने आपस में परमाणु प्रतिष्ठानों की लिस्ट क्यों साझा की, जानिए
नई दिल्ली- भारत और पाकिस्तान ने आज कूटनीतिक माध्यम से एक साथ दोनों देशों के बीच अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की लिस्ट आपस में साझा की है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमले की निषेध संधि (Prohibition of Attack against Nuclear Installations and Facilities between India & Pakistan) के तहत पूरी की गई है।
भारत और पाकिस्तान ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा करने की सालाना प्रक्रिया को पूरा किया है। इस संधि के तहत दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के परमाणु संस्थानों पर हमले का निषेध किया गया है। पाकिस्तान के फॉरेन ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह सूची पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमले की निषेध संधि (Prohibition of Attack against Nuclear Installations and Facilities between India & Pakistan)के आर्टिकल-2 के तहत साझा की गई है, जिसपर दोनों देशों के बीच 31 दिसंबर, 1988 को दस्तखत किए गए थे।
पाकिस्तान के फॉरेन ऑफिस के बयान के मुताबिक, 'पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची आधिकारिक तौर पर भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को विदेश मामलों के मंत्रालय में आज 11 बजे दिन (पाकिस्तानी समय के मुताबिक) में दी गई है।'
'नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की लिस्ट पाकिस्तानी उच्चायोग के एक प्रतिनिधि को सुबह 11.30 (भारतीय समयानुसार) सौंपी गई है।'
संधि में इस बात का प्रावधान है कि दोनों देशों के बीच हर साल 1 जनवरी को ये लिस्ट आपस में साझा की जाएगी। पाकिस्तान फॉरेन ऑफिस के मुताबिक यह प्रक्रिया 1 जनवरी, 1992 में से लगातार चल रही है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बावजूद यह कार्य जारी है।
इसे भी पढें- ईरानी विदेश मंत्री का Donald Trump पर हमला, 'युद्ध के लिए बहाने गढ़ रहे हैं ट्रंप'