जानिए क्यों बीजेपी प्रशांत किशोर पर फोड़ रही है चिराग की बगावत का ठीकरा
नई दिल्ली। बिहार में इस महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ नीतीश शासित एनडीए गठबंधन के लिए लोजपा के चीफ चिराग पासवान परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। नीतीश कुमार और बीजेपी के लिए सिरदर्द बने चिराग पासवान के पीछे एक शख्स का नाम सामने आ रहा है। डैमेज कंट्रोल में लगे बीजेपी के थिंकटैंक का मानना है कि प्रशांत किशोर इन सब के पीछे हैं। बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके चिराग पासवान को लेकर बिहार के भाजपा नेताओं का मानना है कि, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ही चिराग पासवान को ऐसे कदम उठाने के लिए उकसाया है।
बीजेपी द्वारा चिराग पर कार्रवाई ना करने से नीतीश परेशान
एनडीए से अलग होकर नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके चिराग पासवान के खिलाफ बीजेपी ने कार्रवाई से इनकार कर दिया है। जिसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परेशानी और बढ़ गई है। जेडीयू यह मानने को तैयार नहीं है कि बीजेपी नेताओं के आशीर्वाद के बिना चिराग पासवान ऐसा कदम नहीं उठा सकते हैं। चिराग पासवान ने हाल ही में उकसाने वाला एक और कदम उठाते हुए अपने पिता रामविलास पासवान की मौत के बाद 'समर्थन' के लिए पीएम मोदी को एक ट्वीट के जरिये धन्यवाद दिया है।
चिराग पासवान के चुनाव प्रचार पर प्रशांत किशोर की छाप
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि चिराग पासवान के चुनावी नारे और विज्ञापन पर प्रशांत किशोर की विशिष्ट छाप दिखती है, लेकिन चिराग पासवान के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह दो साल से प्रशांत किशोर से नहीं मिले हैं। वहीं चिराग पासवान को सार्वजनिक तौर पर 'खरीखोटी' नहीं कहने के लिए बिहार के बीजेपी नेतओं को अपने सहयोगी जेडीयू की आलोचना सुननी पड़ रही है। बीजेपी का मानना है कि प्रशांत किशोर इस मामले में चिराग को सलाह दे रहे हैं। वे अब चिराग पासवान की चालों पर "पीके" छवि ढूंढने में व्यस्त हैं। हाल ही में जेडीयू नेता और प्रशांत के करीबी माने जाने वाले भगवान सिंह कुशवाहा द्वारा एलजीपी का दामन थामा जाना भी प्रशांत और चिराग की करीबी का नतीजा माना जा रहा है।
चिराग ने जेपी नड्डा से की थी नीतीश की शिकायत
वहीं इस बात के साफ संकेत देखने को मिले हैं कि, चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान के निधन के कुछ घंटे पहले अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने के साथ एक पत्र बीजेपी चीफ जेपी नड्डा को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर शिकायत की थी। हालांकि, प्रशांत किशोर अपने गृह राज्य बिहार में नहीं रहे हैं, लेकिन फरवरी के बाद से, सुशील मोदी जैसे भाजपा नेताओं ने संकेत दिया है कि वह नीतीश कुमार को परेशान करने के लिए चिराग पासवान का सहार ले रहे हैं। बता दें कि, सीएम नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को नंबर दो की हैसियत से जेडीयू में शामिल कराया था लेकिन बाद में विभिन्न मुद्दों पर प्रशांत किशोर के सार्वजनिक रूप से निशाना साधने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था।
पीके ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप
हालांकि एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने इस तरह के आरोपो से साफ तौर पर इनकार किया है। प्रशांत किशोर ने कहा, 'पहले तो बिहार के मौजूदा विधानसभा चुनावों की राजनीति से मुझे कुछ लेना-देना नहीं है। दूसरी बात यह कि मेरी चिराग के साथ पिछली मुलाकात नीतीश कुमार के घर में उनकी मौजूदगी में हुई थी। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बीजेपी बदनाम करने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, 'यह नीतीश कुमार को 'मूर्ख बनाने' की बीजेपी की सोचीसमझी रणनीति है।
चिराग और शाह की मुलाकात पर प्रशांत किशोर ने उठाए सवाल
प्रशांत किशोर ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए पूछा कि, क्या बीजेपी के नेता यह स्पष्टीकरण दे सकते हैं कि चिराग के साथ सीट शेयरिंग की बात कौन कर रहा था? क्या ये अमित शाह और जेपी नड्डा नहीं थे? यह क्या तथ्य नहीं है कि चिराग की अपने फैसले के पहले अमित शाह और नड्डा के साथ कई बैठक हुई थीं? उन्होंने कहा कि, मुझे आश्चर्य है कि भाजपा के नेता चिराग के खिलाफ एक भी ट्वीट जारी करने की अपनी विफलता के लिए मुझे दोषी नहीं ठहरा रहे हैं। उनकी ओर से इस तरह का कोई स्पष्टीकरण तभी आया जब नीतीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग के लिए आने से इनकार कर दिया और जब पत्रकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशील मोदी या भूपेंद्र यादव जैसे नेताओं को चुटकी ली।
'नीतीश को नुकासान पहुंचाने के लिए चिराग की पार्टी में गए बीजेपी नेता'
पीके ने बीजेपी से पूछा कि, चिराग पासवान के साथ बिहार भाजपा के कई बागी शामिल क्यों हैं, वह अभी भी एनडीए से बाहर नहीं हैं। यहां तक कि बीजेपी नेताओं ने भी कहा है कि नीतीश को नुकसान पहुंचाने के इरादे से चिराग ने बीजेपी के आधा दर्जन बागियों को उतारा है, इससे बीजेपी के वोटरों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है।
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