जानिए कौन है वो सेना का जवान, जिसने सोपोर हमले में गोलियों की बौछार के बीच मासूम बच्चे की बचाई जान
जानिए कौन है वो सेना का बहादुर जवान जिसने सोपोर हमले में गोलियों की बौछार के बीच मासूम बच्चे को बचाया
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के सोपोर में CRPF की टीम पर आतंकी हमले में एक जवान शहीद हो गया और एक आम नागरिक की मौत हो गई। इस हमले के बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई है जिसने सबके दिल को छू लिया है। आतंकियों की गोलीबारी के दौरान आई यह तस्वीर तेजी से वायरल हुई। जिसमें आर्मी जवान आतंकियों की गोली से बचाने के लिए एक बच्चे को गोदी में उठाकर उसे सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा है। आखिर ये सीआरपीएफ का जवान कौन हैं?
सीआरपीएफ के इस जवान ने बच्चे की बचाई जान
गोलियों की बौछार के बीच मृत दादा के लाश पर बैठे तीन साल के बच्चे को बचाने वाला सेना का जवान सीआरपीएफ के कोबरा कमांडोज की टीम के पवन कुमार चौधरी हैं। जो 2016 से अब तक जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मोर्चा लेने वाले कई ऑपरेशन का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने अपनी जाबाजी से कई बार आतंकियों का सीना गोलियों से छलनी कर चुके हैं।
अब तक कई आपरेशन में आतंकियों को कर चुके हैं ढ़ेर
सीआरपीएफ के कोबरा कमांडोज में शामिल पवन कुमार चौधरी 2010 में सेना में भर्ती हुए। मालूम हो कि सीआरपीएफ की 203 कोबरा बटॉलियन जो कि एंटी नकस्ली बटॉलियन के लिए जानी जाती हैं। पवन कुमार सेना में भर्ती के बाद बहुत वर्षो तक नक्सल्ली प्रभावित इलाकों में तैनाती के दौरान नकसलियों की नाम में दम मचा रखा था। जिसके बाद 2016 में जम्मू कश्मीर में आतंकियों के छक्के छुड़ाने के लिए उनकी तैनाती यहां घाटी में हुई। 2016 से सोपेर में इन्होंने बहुत से आतंकी के विरुद्ध आपरेशन में काम किया।
आतंकियों की गोली का शिकार हुए दादा के शव के पास बच्चा बैठा रो रहा था
बच्चे की उम्र करीब 3 साल है. वह सुबह अपने दादाजी के साथ वॉक पर निकला था। इसी दौरान अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। गोली लगने से बच्चे के दादा की मौके पर ही मौत हो गई। सोशल मीडिया पर बच्चे की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर की जा रही हैं। एक फोटो में देखा जा सकता है कि बच्चा खून से लथपथ होकर सड़क पर पड़े अपने दादाजी की लाश पर बैठा है। गोलियों की तड़तड़ाहट से बेहद डरा हुआ बच्चा बस रोये जा रहा है। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि इसी दौरान एक एक जवान वहां पास जाकर बच्चे को चुप्पे से अपने पास बुलाता है और बच्चा चल कर उसके पास पहुंच जाता हैं और बच्चे को गोद में उठा लेता है. जवान इस दौरान बच्चे को सहलाते हुए देखा जा सकता है।
अपनी जान पर खेल कर बचाई मासूम की जान, बच्चे को पहुंचाया घर
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि जब सुबह आतंकियों और सेना के बीच में फायरिंग हो रही थी उसी दौरान एक तीन साल का बच्चा अपने दादा की लाश पर बैठा रो रहा था। गोलियों की बौछारों के बीच अपनी जान की परवाह के बिना पवन कुमार बच्चे को बचाकर उठाकर ले आए। बच्चे जवान इस फोटो में बच्चे से बात भी कर रहा है। बच्चे के चेहरे की मासूमियत और जवान की उससे बाद करते हुई तस्वीर छू रही है। हमले से घबराया बच्चा रो रोकर मां के पास जाने की रट लगाए हुए है। वीडियो में 3 साल के बच्चे का आतंकी हमले का अनुभव देखकर हर कोई हैरान हो जाएगा। बच्चे का एक और वीडियो वायरल हो रहा जिसमें सेना का ये बहादुर जवान सोपोर में आतंकवादी हमले के दौरान बचाए गए 3 साल के बच्चे को जम्मू-कश्मीर पुलिस बच्चे की मां के पास लेकर जा रहा हैद्य इस दौरान वो रोते हुए बच्चे को चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं।
आतंकी मासूमों को बना रहे अपना निशाना
ये पहली बार नहीं हुआ जब आतंकियों ने मासूम बच्चों पर हमला किया है। हाल के दिनों सुरक्षाबलों की कार्रवाई में घाटी में कई आतंकी मारे गए हैं। जवानों की कड़ी कार्रवाई से बौखलाए आतंकी अब घाटी के मासूम लोगों को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं और वो बच्चों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। इससे पहले 26 जून को भी आतंकियों ने एक सीआरपीएफ के जवान को और एक पांच वर्षीय लड़के को बिजबेहरा में गोलियों से भून दिया था। वाघमा के बिजबेहरा में हुई इस घटना में शामिल आतंकियों को जवानों के कल ढेर कर बदला ले लिया था।
बुधवार को सोपेर में हुई ये घटना
जम्मू-कश्मीर के सोपोर के मॉडल टाउन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की नाका पार्टी पर आतंकवादियों ने फायरिंग की। इस हमले में सीआरपीएफ के एक जवान शहीद हो गया और एक नागरिक की मौत हो गई। इसके अलावा तीन जवान घायल हुए। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह ने कहा कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और तलाशी की जा रही है।
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