भाव खा रहे प्याज ने निकाले लोगों के आंसू, जानिए कब कम हो रहे दाम ?
प्याज की कीमत में हर दिन बढ़ोत्तरी हो रही हैं। सरकार की माने तो भारत में विदेशों से आयात होने वाली प्याज आने के बाद ही प्याज के दाम कम होंगे। वहीं व्यापारियों ने कही ये बात,
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बेंगलुरु। प्याज के चढ़ते दाम उतरने का नाम ही नहीं ले रहा। नयी प्याज की आमद शुरू भी हो चुकी है इसके बावजूद प्याज के दाम कम होने के बजाय और बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक 100 रुपये किलो तक बिक रहे प्याज के दाम में एक बार फिर से तेजी आ चुकी है। प्रति किलो कीमत 180 रुपये पार पहुंच चुकी है। ऐसे में प्याज के दाम सुनकर ही प्याज बिना छीले ही लोगों को रुंला रही है। प्याज के साथ लहसुन के दाम भी 200 रुपये किलो तक पहुंच चुका है। यही कारण है कि प्याज के साथ लहसुन भी लोगों की रसोईं से दूर हो चुका है।
बता दें सिंतबर माह से लेकर अब तक प्याज के दाम में लगभग छह गुना तक बढ़ोत्तरी हो चुकी है। सितंबर की शुरुआत में 25से 30 रुपये किलो बिकने वाली प्याज देश में 165 रुपये प्रतिकिलो बिक रही हैं। अनुमान था कि नयी प्याज की आमद शुरु होने के बाद प्याज की कीमत में गिरावट आएगी लेकिन दाम घटने के बजाय लगातार बढ़ते जा रहे है। ऐसे में खाने की थाली से प्याज गायब हो चुकी है। अब यह सवाल उठता है कि नयी प्याज की आमद आने के बाद भी अगर प्याज के दाम कम नहीं हुए तो आखिर फिर कब तक कम होगे ?
विदेश से इस तारीख को पहुंचेगी प्याज की पहली खेप
बता दें बाजार में प्याज की किल्लत के कारण प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। इस किल्लत की खास वजह यह थी कि पिछले दो मौसम में खराब मौसम के चलते प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ। जिस कारण सितंबर से दामों में प्याज के दाम बढ़ने शुरु हो गए। प्याज की बढ़ी कीमतों से राहत देने के लिए केन्द्र सरकार प्याज विदेश से आयात की जाने की बात सामने आयी। इसके बावजूद फिलहाल प्याज के बढ़े दाम कम होने की दिसंबर माह में संभावना कम ही नजर आ रही है।क्योंकि भारत में विदेशों से आने वाली प्याज की पहली खेप जनवरी तक पहुंचने की उम्मीद है।
ऐसे में देखा जाए तो नए साल के जनवरी माह में ही प्याज के दाम कम होने की संभावना है। विदेश से आने वाली पहली खेप के बारे में यह खुलासा शुक्रवार को राज्यसभा में सरकार ने किया। जिसमें उसने बताया कि देश में प्याज की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए सरकार व्यापार उपक्रम एमएमटीसी प्याज का आयाज कर रही है और इसकी पहली खेप 20 जनवरी2020 तक पहुंचने की उम्मीद है।
क्यों बढ़े प्याज के दाम
राज्यसभा में शुक्रवार को खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने बताया कि देश में इस साल पहले बरसात की देर से शुरुआत होने और उसके बाद लगातार बारिश जारी रहने के कारण प्याज की फसल पर बहुत खराबअसर हुआ। इसकी वजह से देश में इस समय प्याज की कमी के कारण इसकी ऊंची कीमतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस स्थिति से निपटने के लिये सरकार ने बफर स्टॉक का भी इस्तेमाल किया है। गौरतलब है कि प्याज खरीद कर बफर स्टॉक बनाया था जिसमें से 26,735 टन प्याज का वितरण विभिन्न राज्यों व विक्रय करने वाली एजेंसियों को किया गया। इसके अलावा, 11,408 टन प्याज और निम्न कैटिगरी का था जिसे स्थानीय बाजारों में बेचा गया। बाकी प्याज या तो खराब हो गया या सूख गया।
भारत में मंगाई जा रही मिस्र और तुर्की से प्याज
दादाराव
ने
बताया
कि
''बफर
स्टॉक
के
जरिये
प्याज
की
आपूर्ति
किये
जाने
के
बाद
एमएमटीसी
ने
तमाम
देशों
से
प्याज
का
आयात
किया
है।
मंत्री
ने
कहा
कि
मांग
की
तुलना
में
आपूर्ति
नहीं
हो
पाने
की
स्थिति
में
उत्पादन
में
बढ़ोतरी
और
आयात
करना
ही
विकल्प
है।
इसके
20
जनवरी
तक
भारत
आ
जाने
की
उम्मीद
है।
गौरतलब
है
कि
एमएमटीसी
ने
मिस्र
से
6,090
टन
और
तुर्की
से
11,000
टन
प्याज
मंगाने
का
अनुबंध
किया
है।
बता
दें
दिल्ली
में
बृहस्पतिवार
को
प्याज
की
कीमत
109
रुपये
प्रति
किग्रा
बिकी
लेकिन
शुक्रवार
को
थोड़ी
गिरावट
दर्ज
की
गई।
वहीं
बेंगलुरु
में
शनिवार
को
प्याज
का
दाम
180
रुपये
पहुंच
चुका
है,
इसके
अलावा
देश
की
अन्य
स्थानों
में
शुक्रवार
को
प्याज
का
दाम
165
रुपये
प्रति
किलो
रहा।
नयी फसल की आवक कम हो सकते हैं दाम
हालांकि भारत में सरकार द्वारा मंगाई जा रही प्याज आने में भले ही समय लगेगा लेकिन व्यापारियों के अनुसार बाजार में नयी प्याज आमन बढ़ी तो अपने आप प्याज के दाम गिर जाएंगे। व्यापारियों के अनुसार देश के प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेशों से नई फसलकी आवक जोर पकड़ने के कारण अगले सप्ताह से प्याज के बढ़ते दाम पर लगाम लग सकता है। दिल्ली मंडी के व्यापारियों के अनुसार ने अगले सप्ताह से गुजरात और महाराष्ट्र से प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने वाली है जिसके बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है। देशभर में प्याज की नई फसल की आवक अगले सप्ताह से जोर पकड़ेगी।
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