जानिए केन्द्र सरकार के साथ मीटिंग के बाद क्या बोले किसान नेता
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के सभी बॉडर पर हाईवे जाम करके पिछले 8 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। केन्द्र सरकार ने आंदोलनकारी किसानों बातचीत करने के लिए गुरुवार को उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। किसान संगठनों के नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आज (3 दिसंबर) हुई बैठक खत्म हुई। किसान संगठनों के साथ चौथे चरण में हुई इस वार्ता में आज भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल कर सामने आया है। वहीं शनिवार (5 दिसंबर) को केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों से प्रदर्शनकारी किसान नेताओं के साथ मीटिंग करके वार्ता करेंगे। आज भी किसानों और सरकार के बीच आज करीब सात घंटे तक बैठक हुई।
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इस बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज की केंद्र सरकार के साथ बैठक के बाद दोपहर 12 बजे से ये बैठक शुरू हुई जो शाम सात बजे के बाद तक चली सरकार ने एमएसपी पर संकेत दिए हैं। ऐसा लगता है कि एमएसपी को लेकर उनका रुख ठीक रहेगा। उन्होंने कहा आज की वार्ता में थोड़ी प्रगति की है। उन्होंने कहा मुद्दा कानूनों के पूर्ण रोल बैक के बारे में है। केवल एक ही नहीं, बल्कि कई मुद्दों पर चर्चा होगी। किसान चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए। सरकार एमएसपी और अधिनियमों में संशोधन के बारे में बात करना चाहती है।
वहीं आजाद किसान संघर्ष समिति के नेता हरजिंदर सिंह डाटा ने कहा वार्ता में कोई खास प्रगति सामने नहीं आई है। आधे समय में ऐसा लग रहा था कि आज की बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलेगा, दूसरी चरण की मीटिंग में ऐसा लगा कि सरकार पर किसानों के आंदोलन का दबाव है। वार्ता इस दवाब के माहौल में आयोजित की गई है।
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