जानिए, विभिन्न दलों की घरेलू वैक्सीन के खिलाफ क्या है राय, सपा प्रमुख ने सबसे पहले खोला मोर्चा
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच भारत में नए साल पर दो घरेलू कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी के बाद शुरू हुई सियासत अब नए संकट की तरह उभर रही है, जिसकी शुरूआत सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यह कहकर किया कि यह वैक्सीन बीजेपी की है और इसे वो नहीं लगवाएंगे। उन्होंने कहा, उन्हें बीजेपी पर भरोसा नहीं है। हालांकि उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनको खूब ट्रोल का शिकार होना पड़ा। वहीं, लोकसभा चुनाव 2019 में सहयोगी रहीं बसपा ने वैक्सीन का स्वागत करके अखिलेश यादव की फजीहत को और बढ़ा दिया।
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अखिलेश यादव को बयान के लिए फजीहत का सामना करना पड़ा
इसमें कोई दो राय नहीं कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का उक्त बयान राजनीति से प्रेरित था, जिसके लिए उन्हें अब फजीहत का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें अपने बयान के लिए मायावती ही नहीं, बल्कि नेशनल कांफ्रेस नेता उमर अब्दुल्ला से तीखे हमले का सामना करना पड़ गया। जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि वो तो खुशी-खुशी कोरोना वैक्सीन को लगवाएंगे। उधर, वैक्सीन पर दिए बयान के लिए अखिलेश यादव को बीजेपी नेताओं के हमलों का लगातार सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके बचाव मे सपा प्रवक्ताओं को एनर्जी खर्च करना पड़ रहा है।
अखिलेश यादव अपने इस बयान को लेकर तब घर में ही घिर गए
हालांकि अखिलेश यादव अपने इस बयान को लेकर तब घर में ही घिर गए जब मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा ने कहा है कि अखिलेश यादव ने जो कहा है, वो ठीक नहीं है। इसे पार्टी से नहीं जोड़ा जा सकता है क्योंकि वैक्सीन को डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने बनाया है ना कि किसी राजनीतिक दल ने। अपर्णा ने कहा कि उन्होंने ऐसा कहकर डॉक्टरों की बेइज्जती की है। वहीं, चाचा शिवपाल सिंह यादव ने वैज्ञानिकों की सराहना करके अखिलेश यादव की फजीहत बढ़ा दी। अंततः अखिलेश यादव ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है लेकिन बीजेपी सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।
नए साल की शुरुआत में मोदी सरकार ने दो वैक्सीन का तोहफा दिया
गौरतलब है नए साल की शुरुआत में मोदी सरकार ने दो वैक्सीन का तोहफा दिया था, क्योंकि डीसीजीआई ने ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। यह खबर मीडिया में सुर्खियों में थी कि अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को बीजेपी का वैक्सीन कहकर सियासत शुरू कर दिया। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार ताली और थाली बजवा रही थी, वो वैक्सीनेशन के लिए इतनी बड़ी चेन क्यों बनवा रही है, ताली और थाली से ही कोरोना को भगा दें।
'अखिलेश को टीके पर भरोसा नहीं, प्रदेश को उन पर भरोसा नहीं है'
अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव को टीके पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेशवासियों को उन पर भरोसा नहीं है। यूपी के डिप्टी मुख्यमंत्री ने अखिलेश के बयान को देश के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का अपमान बताया। वहीं, कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक से लेकर तमाम बीजेपी नेताओं ने अखिलेश यादव पर ताबडतोड़ हमले किए। हालांकि वैक्सीन पर सियासत का सिलसिला सपा तक सीमित रहा, इसमें कांग्रेस ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।
कांग्रेस पार्टी के तीन नेताओं ने वैक्सीन के खिलाफ खोला मोर्चा
कांग्रेस के तीन नेता क्रमशः आनंद शर्मा, जयराम रमेश और शशि थरूर ने मोर्चा संभालते हुए भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि यह अपरिपक्व है और खतरनाक साबित हो सकता है। तीनों नेताओं ने कहा कि वो भारत बायोटेक के कोरोना वैक्सीन के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी देने से पहले अनिवार्य प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया, जबकि सरकार जारी बयान में पहले यह कह चुकी है कि वैक्सीन को अनुमति देने से पहले हर स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल का पालन किया गया है।
सपा एमएलसी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक विवादित बयान दिया
उधऱ, समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक विवादित बयान देकर अलग ही रंग दे दिया। एक वायरल वीडियो में आशुतोष सिन्हा को कहते हुए सुना गया कि वैक्सीन लगवाने से व्यक्ति नपुंसक हो सकता है। उनका इशारा किस समुदाय को भड़काना था, यह सभी समझते हैं। सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा के बाद कोरोना वैक्सीन को लेकर बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने यह कहर सियासी पारा बढा दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लें।
कांग्रेस ने घरेलू वैक्सीन की प्रामणिकता पर सवाल खड़े किए
हालांकि कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के उक्त बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू नेता राजीव रंजन ने उन्हें आड़ों हाथ लिया और कहा कि अजीत शर्मा का बयान कांग्रेस के रवैये को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस ने वैक्सीन की प्रामणिकता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत दी है कि वे खुद सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगवाएं। ऐसे में अगर कांग्रेस को वैक्सीन की प्रामाणिकता पर संशय है तो वे विदेश यात्रा कर रहे राहुल गाधी को सलाह दें कि वो विदेश से ही कोरोना का टीका लगवाकर आएं।
DCGI निदेशक वीजी सोमानी को वैक्सीन की सफाई में उतरना पड़ा
उधर, सपा नेता के इस विवादित बयान पर DCGI निदेशक वीजी सोमानी को सफाई देने उतरना पड़ा। एक बयान जारी करते हुए सोमानी ने कहा कि अगर सुरक्षा से जुड़ा थोड़ा भी संशय होता तो डीसीजीआई ऐसी किसी भी चीज को मंजूरी नहीं देती। उन्होंने बताया कि मंजूर किए गए दोनों वैक्सीन 110 फीसदी सुरक्षित हैं। बकौल सोमानी, हल्के बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव हर वैक्सीन के लिए आम बात हैं। वैक्सीन से लोग नपुंसक हो सकते हैं, यह दावा पूरी तरह से बकवास है।
बीजेपी कोरोना वैक्सीन पर राजनीति कर रही है: RJD नेता मृत्युंजय तिवारी
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कोरोना वैक्सीन के खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए कहा कोरोना वैक्सीन को लेकर कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने ठीक कहा है। बीजेपी कोरोना वैक्सीन पर राजनीति कर रही है, क्योंकि वो अपनी पीठ थपथपाकर इसे अपनी उपलब्धि बता रहा है, जबकि यह देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धि है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से अमेरिका और रूस में राष्ट्राध्यक्षों ने कोरोना वैक्सीन पहले लगवाया, उसी तरह देश के प्रधानमंत्री मोदी को भी पहल करनी चाहिए।
'पाकिस्तान में वैक्सीन का ईजाद होता तो, कांग्रेस यह सवाल नहीं उठाती'
कोरोना वैक्सीन पर कांग्रेस द्वारा की जा रही सियासत पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कोरोना काल में कांग्रेस पूरी तरह नदारद थी। कांग्रेस की इसमें कोई भूमिका नहीं रही है, लेकिन जब वैक्सीन आया है तो अब वे उस पर सवाल उठा रहे हैं। भारत में बने वैक्सीन और भारत के वैज्ञानिकों पर इनको कोई भरोसा नहीं है, कांग्रेस को तो पाकिस्तान पर भरोसा है। पाकिस्तान में वैक्सीन का ईजाद होता तो, कांग्रेस यह सवाल नहीं उठाती। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को विदेश के लोग और विदेशी सामान ही पसंद है।
WHO ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन को DCGI से मंजूरी का स्वागत किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोविशील्ड और कोवैक्सीन को डीसीजीआई से मंजूरी का स्वागत किया है। डब्ल्यूएचओ साउथ ईस्ट एशिया रीजन की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि भारत की ओर से लिया गया यह निर्णय क्षेत्र में कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेज और मजबूत करने में मदद करेगा। WHO साउथ ईस्ट रीजन के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए पब्लिक हेल्थ के अन्य उपायों के साथ ही सामुदायिक भागीदारी और प्राथमिकता के आधार पर आबादी पर वैक्सीन का उपयोग महत्वपूर्ण होगा।