जानिए, क्या है स्वामित्व योजना? 11 अक्टूबर को 6 राज्यों में लांच करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। ग्रामीण भारत के लाखों भारतीयों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 11 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक कदम के तहत स्वामित्य (SWAMITVA Scheme) योजना का शुभारंभ करेंगे। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 11 अक्टूबर को इस योजना के तहत ग्रामीणों को उनके घरों का संपत्ति कार्ड देने की शुरूआत करेंगे, जिसमें ग्रामीणो को रिहाइश का भौतिक वितरण अंकित होगा। इस कार्ड में ग्रामीणों के रिहाइश मकानों के दस्तावेज मुहैया होंगे।
जानिए, क्यों वरदान है ग्रामीणों के लिए स्वामित्व योजना-
1-गांव
के
ज्यादातर
लोगों
के
पास
रिहाईशी
जमीन
के
रिकॉर्ड
नहीं
है,
अभी
अधिकांश
ग्रामीण
मकानों
का
मालिकाना
हक
साबित
करने
में
अक्षम
हैं
2-
योजना
का
मकसद
ग्रामीण
इलाकों
की
आवासीय
जमीन
का
मालिकाना
हक
तय
करना
और
उसका
रिकॉर्ड
बनाना
3-
योजना
के
जरिए
ग्रामीण
इलाकों
में
लोगों
को
आवासीय
जमीन
की
सम्पत्ति
का
अधिकार
मिलेगा
4-जमीन
की
पैमाइश
के
लिए
ड्रोन
की
मदद
ली
जाएगी।
गूगल
मैपिंग
जैसी
तकनीकों
का
इस्तेमाल
किया
जाएगा
5-ग्रामीण
आवासीय
संपत्ति
का
रिकॉर्ड
बनने
के
बाद
संपत्ति
के
मालिकों
से
टैक्स
की
वसूली
भी
की
जा
सकेगी
6-गांवों
से
आने
वाले
इस
टैक्स
से
गांवों
के
इंफ्रास्ट्रक्चर
के
विकास
लिए
इस्तेमाल
हो
सकेगा
7-स्वामित्व
योजना
से
सभी
ग्राम
समाज
के
काम
ऑनलाइन
हो
जाएंगे
8-ग्रामीण
अपनी
संपत्ति
का
पूरा
ब्यौरा
ऑनलाइन
देख
सकेंगे,
ब्यौरा
ई-
ग्राम
स्वराज
पोर्टल
पर
मुहैया
होंगे
9-ई-पोर्टल
लोगों
को
उनकी
जमीन
के
मालिकाना
हक
का
सर्टिफिकेट
भी
देगा
6 राज्यों के करीब एक लाख ग्रामीण भारतीयों को स्वामित्व योजना का लाभ
प्रधानमंत्री द्वारा स्वामित्व योजना की शुरूआत के बाद लगभग एक लाख ग्रामीण भारतीय मोबाइल फोन पर भेजे एसएमएस लिंक के माध्यम से अपने संपत्ति कार्ड डाउनलोड करने में सक्षम हो सकेंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों द्वारा संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण किया जाएगा। उक्त एक लाख लाभार्थी छह राज्यों के 763 गांवों के लोग शामिल हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक से 2 शामिल हैं।
मोदी सरकार के इस कदम से ग्रामीणों को बैंक ऋण लेने में मदद मिलेगी
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र को छोड़कर उपरोक्त सभी राज्यों के लाभार्थियों को एक दिन के भीतर प्रॉपर्टी कार्ड की हार्ड कॉपी प्राप्त होंगी। चूकिं महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड की मामूली लागत की वसूली की व्यवस्था है, इसलिए इसमें एक महीने का समय लगेगा। माना जा रहा है कि इस कदम से ग्रामीणों द्वारा ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभ के लिए संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
शुभारंग के दौरान प्रधानमंत्री कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे
यह पहली बार है कि तकनीक के सबसे आधुनिक साधनों के जरिए बड़े पैमाने पर लाखों ग्रामीण भारत के संपत्ति मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है। 11 अक्टूबर को स्वामित्य योजना के शुभारंग के दौरान प्रधानमंत्री कुछ लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू होगा।
स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है
गौरतलब है स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसे 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण घरों के मालिकों को 'अधिकारों का रिकॉर्ड' प्रदान करना और उन्हें संपत्ति कार्डजारी करना है । इस योजना को चार साल (2020-2024) की अवधि में पूरे देश में लागू किया जा रहा है और यह अंततः देश के लगभग 6.62 लाख गांवों को कवर करेगा।
योजना में पंजाब और राजस्थान के कुछ सीमावर्ती गांव को शामिल किया गया
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक राज्यों में लगभग 1 लाख गांव और पंजाब और राजस्थान के कुछ सीमावर्ती गांव को शामिल किया जा रहा है। इसके साथ पंजाब और राजस्थान में सतत ऑपरेटिंग सिस्टम (कॉर्स) स्टेशनों के नेटवर्क की स्थापना पायलट चरण (2020-21) में किया जा रहा है।
राज्यों ने सर्वे ऑफ इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं
उल्लेखनीय है उपरोक्त सभी छह राज्यों ने सर्वे ऑफ इंडिया के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के ड्रोन सर्वेक्षण और योजना के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उपरोक्त सभी 6 राज्यों ने डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड प्रारूप और गांवों को ड्रोन आधारित सर्वेक्षण के लिए अंतिम रूप दिया है। पंजाब और राजस्थान राज्यों ने भविष्य के ड्रोन उड़ान गतिविधियों में सहायता करने के लिए कॉर्स नेटवर्क की स्थापना के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
स्वामित्व कार्ड के लिए भिन्न-भिन्न राज्यों में अलग-अलग नामकरण किए हैं
प्रॉपर्टी कार्ड के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामकरण किए हैं। हरियाणा में जहां संपत्ति कार्ड का नामकरण टाइटल डीड दिया गया है', तो कर्नाटक में रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड्स (RPOR)', मध्य प्रदेश में अधिकार अभिलेख, महाराष्ट्र में सानन्द, उत्तराखंड में स्वामित्वा अभिलेख और उत्तर प्रदेश में घरौनी' नाम दिया है।