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'निर्भया फंड' का हो रहा ये हाल, आखिर कैसे सुरक्षित होंगी बेटियां

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Hyderabad Doctor Case के बाद Nirbhaya Funds की चर्चा, राज्यों की दिखी लापरवाही |वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। हैदराबाद कांड के बाद से संसद से लेकर सड़क तक हर जगह महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठ रहा है। इस दौरान संसद में जब बेटियों की सुरक्षा का सवाल उठा, तो निर्भया फंड (Nirbhaya Fund) पर भी चर्चा की गई। आज से सात साल पहले 16 दिसंबर, साल 2012 को हुए निर्भया कांड के बाद ये फंड बनाया गया था।

फंड धूल फांक रहा है

फंड धूल फांक रहा है

इस फंड से राज्य सरकारों को बेटियों की सुरक्षा के लिए इंतजाम करने थे, ताकि कोई और निर्भया जैसी घटना ना हो।लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश की बेटियां अब हर दिन अधिक असुरक्षित होती जा रही हैं और उनकी सुरक्षा के लिए दिया जा रहा ये फंड धूल फांक रहा है।

सरकार ने दी चौंकाने वाली जानकारी

सरकार ने दी चौंकाने वाली जानकारी

निर्भया फंड को लेकर सरकार ने मंगलवार को चौंकाने वाली जानकारी दी है। सरकार ने बताया है कि निर्भया फंड के तहत केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पैसे दिए थे। इनसे महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के उपाय किए जाने थे। लेकिन पांच राज्यों ने इसका एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। इसका 90 से अधिक फीसदी हिस्सा अभी तक खर्च नहीं किया गया है।

147 करोड़ रुपये ही खर्च

147 करोड़ रुपये ही खर्च

महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के नवंबर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को दी गई राशि का 91 प्रतिशत हिस्सा खर्च नहीं किया गया। निर्भया फंड के तहत केंद्र ने राज्यों को 1,672 करोड़ रुपये का फंड दिया था, जिसमें कुल 147 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं।

इन राज्यों ने एक भी पैसा खर्च नहीं किया

इन राज्यों ने एक भी पैसा खर्च नहीं किया

जिन राज्यों को फंड मिला उनमें महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, दमन- द्वीप भी शामिल हैं। जिन्हें 183 करोड़ रुपये दिए गए थे। लेकिन इन राज्यों ने फंड को खर्च तक नहीं किया है। महाराष्ट्र को केंद्र ने 130 करोड़ रुपये दिए थे, तेलंगाना में103 करोड़ रुपये दिए गए। जिसमें वहां केवल 4.19 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो फंड की मात्र 4 फीसदी ही राशि है।

बाकी राज्यों का क्या है हाल?

बाकी राज्यों का क्या है हाल?

दिल्ली में जहां निर्भया कांड हुआ था, वहां फंड की महज 5 फीसदी राशि को खर्च किया गया है। केंद्र की ओर से दिल्ली को 390 करोड़ रुपये दिए गए थे। उत्तर प्रदेश को मिले 119 करोड़ रुपये में से 6 करोड़ खर्च हुए हैं, आंध्र प्रदेश ने 21 करोड़ में से 9 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, बिहार ने 16 करोड़ में से 6 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केवल 20 राज्य ही ऐसे हैं, जहां महिला हेल्पलाइन के लिए फंड को खर्च किया गया है।

न्याय विभाग ने कितने पैसे दिए?

न्याय विभाग ने कितने पैसे दिए?

न्याय विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए 78.96 करोड़ रुपये 11 राज्यों को दिए थे। ये राशि भी राज्यों ने खर्च नहीं की है। इन राज्यों में झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नगालैंड, ओडिशा, राजस्थान, त्रिपुरा और उत्तराखंड शामिल हैं।

क्या था फंड का उद्देश्य?

क्या था फंड का उद्देश्य?

निर्भया फंड का उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना था। ताकि उनके प्रति अपराध को रोका जा सके। इसके तहत देश भर में दुष्कर्म संबंधी शिकायतों और मुआवजे के निस्तारण के लिए 660 एकीकृत वन स्टॉप सेंटर बनाने की योजना बनाई गई थी। जिससे पीड़िताओं को कानूनी और आर्थिक मदद मिल सके। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर परिवहन में सीसीटीवी कैमरे लगने थे, जिससे अपराधियों की पहचान जल्द से जल्द की जा सके।

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English summary
know what is happening with nirbhaya fund, many states said they did not use this money till now.
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