Yes Bank Crisis:जानिए, 7 दिन में ऐसा क्या हुआ कि लगभग डूब चुका यस बैंक बन गया देश का छठा बड़ा बैंक!
बेंगलुरू। निजी बैंक यस बैंक आज देश का छठा बड़ा बैंक बन चुका है। आखिर 7 दिन में ऐसा क्या हुआ कि डूबने के कगार पर पहुंच चुकी यस बैंक के शेयर 100 गुना ऊंचे उछल गए। यही नहीं, करीब चार दिन यस बैंक के शेयरों में भारी उछाल देखा गया। यस बैंक के खाताधारकों को अब 50,000 निकासी की छूट दे दी गई है।
बुधवार यानी आज 18 मार्च से यस बैंक ने बैंकिंग से जुड़ी सभी सेवाएं शुरू कर दी हैं। यस बैंक के एटीएम और ब्रांच दोनों ग्राहकों की सुविधा के लिए खोल दिए गए, जहां ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक पैसे उपलब्ध हैं और उसे अतिरिक्त बाहरी लिक्विडिटी की भी जरूरत नहीं है। हालांकि निकासी के लिए 50, 000 की छूट के बावजूद महज एक तिहाई ग्राहक ही पहुंचे।
यह करिश्मा कैसे हुआ, यह सवाल सभी के जुबान पर है। एक डूबते हुए बैंक को सरकार ने बेहद करीने से पकड़कर बचा लिया गया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैंक ने बताया कि यस बैंक के ग्राहकों की सभी शंकाओं का समाधान किया जा चुका है।
Our banking services are now operational. You can now experience the full suite of our services. Thank you for your patience and co-operation. #YESforYOU @RBI @FinMinIndia
— YES BANK (@YESBANK) March 18, 2020
यही कारण है कि छूट के बावजूद आश्वस्त ग्राहक अपने खातों से पैसे निकालने के लिए महज एक तिहाई ही पहुंचे जबकि दो तिहाई लोग घर बैठे रहे। 7 दिन के अंदर हुए यस बैंक की कायालट पर सभी हैरान हैं। मतलब एक बैंक, जिसकी हालत बेहद खराब थी, जो भारी तंगी से जूझ रहा था, वह आज देश का छठे बड़े बैंक में शुमार हो गया है।
गौरतलब है गत 6 मार्च को रिजर्व बैंक इंडिया ने पैसों की भारी तंगी और कर्जे के बोझ तले दबी यस बैंक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे, जिसके बाद उसके शेयर में भारी गिरावट दर्ज हुई थी और बैंक की मार्केट कैप (मार्केट कैपटिलाइजेशन) गिरकर 1414 करोड़ रुपए पर आ गई थी। पूरे देश में फैले यस बैंक के ब्रांचों पर अफरातफरी का माहौल था। अपने खातों से अपने ही पैसे नहीं निकाल पाने की दुविधा में हैरान खाता होल्डर पशोपेश में थे कि अब क्या होगा, क्या उनका पैसा डूब जाएगा।
यस बैंक का रिवाइवल निःसंदेह चौंकता है, क्योंकि 7 दिन पहले जिस बैंक के मार्केट कैप 1414 करोड़ रुपए पहुंच गया था, वर्तमान में उसकी हैसियत 74, 550 करोड़ रुपए हो चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि उन 7 दिनों में ऐसा क्या हुआ, जिससे रातोंरात एक डूबता हुआ जहान न केवल सतह पर आ गया बल्कि उसकी रफ्तार भी पहले कई गुना बढ़ गई है।
कहा जाता है कि कर्ज में डूबी और आर्थिक तंगी से जूझ रही यस बैंक के रिवाइवल के लिए आरबीआई ने सबसे पहले यस बैंक के बोर्ड को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया और नए बोर्ड के गठन के बाद उसका नेतृत्व प्रशांत कुमार को सौंपा गया था।
बताया जाता है कि आरबीआई द्वारा यस बैंक के रिवाइवल के लिए नियुक्त प्रशासक प्रशांत कुमार के नेतृत्व में पूरे 7 दिन दिन-रात काम करती रही थी। यस बैंक को बचाने के लिए आगे आई भारतीय स्टेट बैंक ने LIC के साथ मिलकर 55.56 फीसदी हिस्सेदारी का प्रस्ताव दिया था।
एसबीआई और एलआईसी के 55.56 फीसदी मसौदे में एसबीआई की 45.74 फीसदी और LIC की 9.81 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके अलावा, HDFC Bank और ICICI Bank ने भी 6.31 फीसदी प्रत्येक और Axis Bank और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी 3.15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है।
हालांकि यस बैंक में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की पहले ही 8.06 फीसदी हिस्सेदारी थी, लेकिन नए मसौदे के साथ अब एलआईसी की यस बैंक में हिस्सेदारी बढ़कर 17.87 फीसदी हो गई है। कहा जाता है कि सरकार की तत्परता से उठाए कदम और RBI के निर्णयों से यस बैंक वापस पटरी पर आ सकी है।
फिलहाल, आरबीआई निजी बैंकों की ओर से किए जाने वाला निवेश डिपॉजिटर्स और निवेशकों में भरोसा लौटाने का काम कर रहा है। यही कारण है कि यस बैंक के शेयर में तेजी आई और उसका मार्केट कैप बढ़कर 74,550 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
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19 मार्च से 1132 शाखाओं में शुरू होंगे कामकाज
यस बैंक बुधवार, 18 मार्च को शाम 18:00 बजे से पूर्ण बैंकिंग सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया है, लेकिन गुरूवार यानी 19 मार्च से पूरे भारत में मौजूद यस बैंक की 1,132 शाखाओं में भी जाकर बैंकिंग कामकाज पहले की तरह शुरू हो जाएगा। बैंक की ओर से बताया गया कि सभी एटीएम में पर्याप्त कैश हैं और अब ग्राहकों को नकदी की निकासी को लेकर बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है।
पुनर्गठन की मंजूरी के बाद बैंक शेयर में आए 58 % उछाल
यस बैंक के पुनर्गठन योजना को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को संकटग्रस्त येस बैंक के शेयर में 58 प्रतिशत से अधिक की जबरदस्त उछाल देखी गयी। बीएसई में येस बैंक के शेयर ने शानदार वापसी करते हुए 58.12 प्रतिशत की छलांग लगाई। एनएसई में भी इसका शेयर 58.12 प्रतिशत उछलकर 40.40 रुपए पर रहा। बीएसई में इसके 112.78 लाख शेयरों तथा एनएसई में 9.55 करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ।
यस बैंक में LIC-SBI की 55.56 फीसदी हिस्सेदारी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यस बैंक के पुनर्गठन की योजना को मंजूरी पिछले सप्ताह ही दे दी थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी। भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी द्वारा यस बैंक में 55.56 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के अलावा HDFC बैंक, ICICI बैंक ने भी 6.31 हिस्सेदारी खरीदी है। इसके अलावा एग्जिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी यस बैंक में 3.15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। चूंकि एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है, तो उसे कम से कम से तीन तक वर्ष तक यस बैंक में अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रखनी होगी।
17 मार्च को 100 फीसदी से ज्यादा उछला शेयर
गत 6 मार्च 2020 को जब यस बैंक पर आरबीआई ने कार्रवाई की थी तब उसके शेयर के भाव गिरकर 5.5 रुपए आ गए थे, लेकिन उसके मंगलवार 17 मार्च को यस बैंक के शेयर बढ़कर 63 रुपए पर आ गए। यानी अगर अगर किसी निवेशक ने तब यस बैंक के शेयर में 10 हजार रुपए निवेश निकए होत तो वर्तमान में उसके खरीद शेयर की कीमत अब 1 लाख रुपए से अधिक हो चुकी है। माना जा रहा है कि निवेशकों के पास अभी भी खरीदारी का अच्छा मौका है, क्योकि देश के छठे बड़े बैंक में शुमार हो चुकी यस बैंक के शेयर की कीमत आगे बढ़ने वाली है।
शेयर खरीदने वाले निवेशक अभी 25 फीसदी ही बेच सकेंगे शेयर
यस बैंक की मौजूदा मार्केट कैपिटलाइजेशन 74550 करोड़ है और उसके शेयर के भाव लगातार बढ़ रहे हैं और निवेशक लगातार यस बैंक की ओर आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन नई स्कीम के तहत यस बैंक के 100 से अधिक शेयर रखने वाले निवेशक अपनी 25 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी नहीं बेच सकते, क्योंकि उनकी 75 फीसदी हिस्सेदारी लॉक-इन के दायरे में आएगी। हालांकि तीन साल के बाद निवेशेक अपने कुल शेयर बेच सकेंगे।
यस बैंक के शेयर में छोटे निवेशकों ने जमकर लगाया पैसा
सरकार और आरबीआई के प्रयासों से उबर चुकी यस बैंक के शेयर में रिटेल निवेशकों ने हिस्सेदारी लगातार बढ़ाई है। जून तिमाही में यह 8.8 फीसदी पर थी, जो सितंबर तिमाही में 29.9 फीसदी हो गई, लेकिन म्यूचुअल फंडों और संस्थागत निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी को क्रमश: 11.6 फीसदी और 42.5 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी और 15.2 फीसदी कर दिया। मालूम हो, दिसंबर तिमाही के अंत तक यस बैंक में रिटेल निवेशकों के पास 48 फीसदी की हिस्सेदारी थी।
18 मार्च से यस बैंक में शुरू हुईं सभी बैंकिंग सेवाएं
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यस बैंक ने बताया था कि 18 मार्च को यस बैंक में बैंकिंग से जुड़ी सभी सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि मंगलवार को ही ग्राहकों को 50 हजार निकासी की छूट दे दी गई थी, लेकिन बैंक के रिवाइवल से आश्वस्त केवल एक तिहाई ग्राहक ही 50 हजार रुपए निकालने कल तक पहुंचे थे। यस बैंक ने कहा है कि उसके एटीएम, ब्रांच में जरूरत के मुताबिक पैसे हैं। बैंक को अतिरिक्त बाहरी लिक्विडिटी की भी जरूरत नहीं है। बैंक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ग्राहकों की शंकाओं का समाधान किया गया है।
पुनः बहाल हुईं NEFT, RTGS IMPS सेवाएं
प्रेस कांफ्रेस में SBI के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया था कि बुधवार को NEFT, RTGS IMPS शुरू हो जाएगी। चेयरमैन की ओर से बताया गया था कि 8 बैंकों का निवेश यस बैंक की मजबूती दिखाता है। यस बैंक में SBI के अलावा दूसरे बैंकों ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये निवेश किया है। यस बैंक के नए गठित बोर्ड के अगले एमडी और सीईओ ने कहा था कि बैंक के ऊपर से बुधवार शाम को सभी मोरेटोरियम हट जाएगा।