दिल्ली विधान सभा चुनाव में बड़े वायदों से अचंभित कर देगी कांग्रेस, जानें किस चेहरे पर लड़ेगी चुनाव
बेंगलुरु। हरियाणा में मिली जीत के बाद कांग्रेस पार्टी नए जोश में आ चुकी है। हरियाणा में कांग्रेस का शानदार प्रदर्शन के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वह कोई-कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए वह उसने अभी से रणनीति बनानी शुरु कर दी है। दिल्ली में कुर्सी पर केजरीवाल की पार्टी से कांग्रेस हर हाल में हथियाना चाहती हैं। इसीलिए वह विरोधी केजरीवाल और भाजपा से कड़ा मुकाबला करने के लिए रणनीति बना रही है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी का थिंक टैंक दोनों विरोधी दलों का बारीकी से अध्ययन कर उनको कड़ा जवाब देने में जुट गया है। वहीं वह चुनाव के दौरान जनता को ऐसे लुभावने सपने दिखाने की फिराक में है जो आप पार्टी के केजरीवाल की पार्टी के लोकलुभावने कार्यों और वायदों को मात दे सके। काग्रेंस पूरी रणनीतिक बनाकर दिल्ली में केजरीवाल के मुफ्त बिजली, पानी, और बस, मेट्रो के मुकाबले शानदार योजनाएं पेश करेगी और लोगों का समर्थन प्राप्त करके फिर से सत्ता पर काबिज होगी।
गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर तमाम उलझनों के बाद भी कांग्रेस ने हरियाणा में शानदार प्रदर्शन किया है। चूंकि, पड़ोसी राज्य होने के नाते दिल्ली के चुनाव पर हरियाणा काफी असर डालता है, कांग्रेस को उम्मीद है कि वह दिल्ली में भी मजबूती पाने में कामयाब रहेगी। इसके लिए हरियाणा के नेता ऐसे इलाकों में प्रचार करते नजर आएंगे जहां अधिक संख्या में हरियाणा के लोग बसे हुए हैं।
शीला दीक्षित चेहरे पर लड़ेगी कांग्रेस चुनाव
पार्टी सूत्रों के अनुसार आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय शीला दीक्षित कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा होंगी। पूरा चुनाव उन्हीं के कार्यकाल में किये गए कार्यों के इर्द-गिर्द लड़ा जाएगा। इतना ही नहीं, नए नियुक्त किए गए प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अभी से फरमान जारी कर दिया है कि पार्टी की तरफ जारी किये जाने वाले किसी भी पोस्टर पर स्वर्गीय शीला दीक्षित का चेहरा सबसे प्रमुखता के साथ दिखाया जाए। बता दें दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री का निधन इसी साल 20 जुलाई को हुआ था। सोनिया और शीला दीक्षित एक-दूसरे के काफी करीबी थीं, उनके निधन पर सोनिया गांधी ने कहा था कि आज उन्होंने अपने करीबी दोस्त और हमदर्द को खो दिया है।
हमेशा की तरह गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में बड़ी चुनावी रैलियों में नजर आएंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में कांग्रेस के पास दिखाने के लिए जो कुछ भी है, वह दिवंगत शीला दीक्षित के समय का कामकाज ही है। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में वह उन्हीं को भुनाएगी। इसके लिए नए नियुक्त किए गए अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की अगुवाई में बैठक कर फैसला ले लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, शीला को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने पर पार्टी की केंद्रीय इकाई भी सहमत है।
बता दें लंबी जद्दोजहद के बाद कुछ दिनों पूर्व ही कांग्रेस ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सुभाष चोपड़ा के नाम का एलान किया था। कीर्ति आजाद जिनका नाम अध्यक्ष पद के नामों में सबसे आगे चल रहा था उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार समिति का प्रभारी बनाया गया। चोपड़ा 2013 विधानसभा चुनाव में कालकाजी से चुनाव लड़ चुके हैं। इस दौरान वे प्रचार समिति के अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर चुके हैं। सुभाष चोपड़ा की राजनीतिक पारी छात्र राजनेता के तौर पर 1968 में शुरू हुई थी। वे 1970-71 में दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष चुने गए थे।
इसके बाद डीपीसीसी के विभिन्न पद पर रहे हैं जिनमें कोषाध्यक्ष, महासचिव और उपाध्यक्ष शामिल हैं। चोपड़ा ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर 16-06-2003 तक सेवाएं दीं। 1998 के दूसरे विधानसभा चुनाव और 2003 के विधानसभा चुनाव में वे विधायक बने। साथ ही चोपड़ा जून 2003 से दिसंबर 2003 तक विधानसभा स्पीकर भी रहे। चोपड़ा व्यापक रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के समकालीन मुद्दों पर होने वाले सभा-सम्मेलनों में हिस्सेदारी करते रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि वह अपन अनुभव के आधार कांग्रेस को दिल्ली की सल्तनत वापस दिलावाने में कामयाब होंगे
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