World Day Against Child Labour: दुनिया में 7 करोड़ बच्चे करते हैं खतरनाक सेक्टर्स में काम
नई दिल्ली: बाल मजदूरी दुनिया के सभी देशों के लिए चुनौती बनी हुई है। हर साल लाखों बच्चों को मजबूरन पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करनी पड़ती है। सरकारें बाल मजदूरी रोकने के तमाम दावे तो करती हैं, लेकिन सभी दावे हवा हवाई साबित हो जाते हैं। बाल मजदूरी के खिलाफ हर साल 12 जून को World Day Against Child Labour मनाया जाता है। इस दिन कई जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
बच्चों से मजदूरी करवाए जाने की घटनाओं से संयुक्त राष्ट्र काफी चिंतित था। जिसके बाद बाल मजदूरी के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का प्लान तैयार हुआ और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर लॉन्च किया। इस दिन बाल मजदूरी रोकने के लिए कई जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार लॉकडाउन की वजह से सभी कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित हुए।
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भारत
में
5
करोड़
बाल
मजदूर
संयुक्त
राष्ट्र
की
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
मौजूदा
वक्त
में
दुनिया
में
152
मिलियन
बच्चे
मजदूरी
करते
हैं।
जिसमें
से
73
मिलियन
बच्चे
तो
खतरनाक
काम
करते
हैं।
जिसमें
उद्योगों
में
मैनुअल
काम,
खदानों
का
काम
आदि
शामिल
है।
भारत
में
भी
बाल
मजदूरी
के
आंकड़े
चिंताजनक
हैं।
2011
की
जनगणना
के
मुताबिक
करीब
43
लाख
से
ज्यादा
बच्चे
देश
में
बाल
मजदूरी
करते
थे,
लेकिन
अन्य
रिपोर्ट
की
बात
करें
तो
इनकी
संख्या
5
करोड़
के
पार
है।
ऐसे
में
देखा
जाए
तो
दुनिया
के
बाल
मजदूरों
में
से
12
प्रतिशत
तो
सिर्फ
हमारे
देश
में
हैं।