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जानिए, क्या केजरीवाल के अनशन टालने का कोई और कारण है?

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नई दिल्ली- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सही कहा है कि इस समय पूरा देश एकजुट है। लेकिन, क्या वाकई उन्होंने अपना पहले से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव को देखते हुए रद्द किया है या फिर इसके पीछे कुछ और कारण हैं और उन्हें अनशन स्थगति करने का एक बहाना मिल गया है।

अनशन स्थगित करने के फैसले में क्या कहा है?

दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 1 मार्च से अनशन करने वाले थे। लेकिन, मंगलवार को शाम करीब 4 बजे उन्होंने ट्वीट करके जानकारी दी कि वो अपना प्रस्तावित अनशन रद्द कर रहे हैं। इसका कारण देते हुए उन्होंने लिखा, "भारत-पाक के बीच जारी हालात को देखते हुए, मैं दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का अपना उपवास स्थगित करता हूं। आज हम सब एक राष्ट्र के रूप में खड़े हैं।"

सुबह वायुसेना के पायलटों को सलाम किया था

करीब 6 घंटे पहले ही उन्होंने एक और ट्वीट में आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए भारतीय वायुसेना के पायलटों को सलाम किया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था- "मैं भारतीय वायुसेना के पायलटों की बहादुरी को सलाम करता हूं, जिन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर स्ट्राइक करके हमें गौरवांवित किया है।" लेकिन, सवाल उठता है कि जब उन्हें एयर स्ट्राइक का पता सुबह ही चल चुका था, तो फैसला लेने में इतनी देर क्यों हुई?

क्या मीडिया में फुटेज नहीं मिलने के डर से पीछे हटे?

क्या मीडिया में फुटेज नहीं मिलने के डर से पीछे हटे?

अरविंद केजरीवाल भले ही अफसरशाही छोड़कर राजनीति में आए हों, लेकिन पिछले 5-6 वर्षों में वे एक मंजे हुए राजनीतिज्ञ बन चुके हैं। वो जानते हैं कि उनका अनशन तभी सुर्खियों में आएगा, जब टीवी चैनलों पर उन्हें जगह मिलेगी। लेकिन, मौजूदा परिस्थितियों में आने वाले कई दिनों तक न्यूज चैनलों पर एयर स्ट्राइक की खबरें ही छायी रहने वाली हैं। जब उन्होंने अनशन का फैसला किया, तब भी उन्हें पता था कि भारत कभी भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। खास बात ये है कि जब अरविंद केजरीवाल 2014 के जनवरी महीने में 49 दिनों की अपनी पहली सरकार के दौरान रेल भवन में धरने पर बैठे थे, तब उस इलाके में गणतंत्र दिवस परेड की तैयारियां चल रही थीं। गौरतलब है कि 26 जनवरी का परेड सीधे राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा है और सेना के नियंत्रण में ही संचालित होता है। लेकिन, दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई की मांग को लेकर तब वे किसी की सुनने को तैयार नहीं हुए थे।

अनशन पर उठ रहे थे सवाल

अनशन पर उठ रहे थे सवाल

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा था कि ये दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का फैसला सिर्फ संसद के हाथों में है। जबकि, अभी कोई संसद सत्र प्रस्तावित नहीं है, इसलिए वे ये सब क्यों कर रहे हैं, मेरी समझ से परे है। ये सच्चाई भी है कि अब संसद का अगला सत्र आम चुनावों के बाद ही होगा।

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English summary
Know is there any other reason behind Kejriwal's avoiding fasting
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