बीत गया स्वतंत्रता दिवस, जानिए फटे-पुराने झंडों का क्या करें
नई दिल्ली। आजादी के 70 साल पूरे होने का जश्न हम मना चुके हैं। अधिकतर लोग ये अच्छे से जानते हैं कि राष्ट्रध्वज (तिंरगा) कैसे लहराया जाता है, लेकिन झंडा फहरा देने के बाद इस बात की अधिकतर लोग फिक्र नहीं करते कि उसका निस्तारण कैसे किया जाए। हम यह भी देखते हैं कि सड़कों पर भी कुछ फटे तो कुछ सही सलामत झंडे गिरे रहते हैं, लेकिन कोई भी उन्हें उठाने की जहमत नहीं दिखाता। अधिकतर लोग इन झंड़ों को उठाने में हिचकते हैं।
तिरंगे को देखते ही हमारे मन में हमारे पूर्वजों द्वारा देश की आजादी के लिए दिए गए बलिदान की बातें याद आने लगती हैं। तिरंगा उस जीत का प्रतीक है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है और जिनकी वजह से आज हम खुली हवा में आजादी से सांस ले सकते हैं। इसलिए हमें तिरंगे की मर्यादा को उसके पूरे जीवन चक्र में बनाए रखना चाहिए। साथ ही जो झंडे फट जाते हैं या खराब हो जाते हैं उनका सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
लाल किले पर मोदी ने तोड़ दिया अपना ही ये बड़ा रिकॉर्ड
इसलिए यह जानना जरूरी है कि आखिर फटे-पुराने तिरंगे का निस्तारण कैसे किया जाए। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 का ये क्लॉज आपके इस सवाल का सही-सही उत्तर देता है।
पार्ट-2, सेक्शन 1- 2.2 (xiii): अगर झंडा फटी-पुरानी अवस्था में है, तो किसी निजी जगह पर इसका निस्तारण कर देना चाहिए। निस्तारण के लिए तिरंगे की मर्यादा का ध्यान रखते हुए दफनाने या फिर किसी और तरीके को अपनाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री के भाषण पर इसलिए नाराज हो गए मुख्य न्यायाधीश
इन बातों का रखें ध्यान
फट गए झंडे के निस्तारण का सबसे सही तरीका है उसे जलाना। झंडे को दफनाया भी जा सकता है, लेकिन अक्सर दफनाने में जब कभी मिट्टी किसी कारण से पलटती है तो फिर झंडा ऊपर आ सकता है और फिर लोगों के पैरों में लग सकता है। दरअसल, आजकल अधिकतर झंडे प्लास्टिक के बने होते हैं और वह मिट्टी में दफनाए जाने के बाद भी कई सालों तक नहीं सड़ते, जिसकी वजह से वह बाहर आ सकते हैं। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि दफनाने के बजाए झंडे को जलाया जाए।
15 क्लिक में पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की 15 बड़ी बातें
फटे-पुराने झंडे को जलाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह पूरा जल जाए, न कि आधा जले और कुछ हिस्सा बच जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आप किसी निजी स्थान पर ही झंडे को जला रहे हों। आपको बता दें कि झंडे को आग लगाना तिरंगे का अपमान है, लेकिन फटे-पुराने झंडे को जलाकर उसे सैल्यूट करना तिरंगे की मर्यादा का ध्यान रखते हुए उसका उचित निस्तारण करना है।
अपने भाषण में हाथरस का नाम लेकर क्या मोदी ने साधा अखिलेश पर निशाना!
तिरंगे का सम्मान जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है फटे-पुराने तिरंगे का निस्तारण करना। ऐसा नहीं होगा तो झंडा लोगों के पैरों के नीचे आ सकता है, जो तिरंगे का अपमान है। जो तिरंगा सही सलामत है उसका सम्मान और जो फट गया है उसका निस्तारण करना हमारा कर्तव्य है। किसी भी झंडे को फटी-पुरानी स्थिति में नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि उसका ऊपर बताए गए तरीके से निस्तारण कर देना चाहिए।