जानिए, कैसे भीम आर्मी (Bhim Army)ने कांग्रेस की उम्मीदों को झटका दिया?
नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश की चर्चित भीम आर्मी ने (Bhim Army)लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस की उम्मीदों को बहुत बड़ा झटका दे दिया है। कुछ दिन पहले पूर्वी यूपी में कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेकर आजाद से मेरठ के एक अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी। लेकिन, अब भीम आर्मी ने दो टूक कह दिया है कि 60 साल में कांग्रेस ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए उसे समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं है।
कांग्रेस ने हमारे लिए कुछ नहीं किया-भीम आर्मी
भीम आर्मी की ओर से ये बयान इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने दिया है। इससे पहले जब प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसके मुखिया से अस्पताल में मुलाकात की थी और उन्हें अपना भाई बताया था,तब इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि अंदर ही अंदर भीम आर्मी चुनावों में कांग्रेस का समर्थन करेगी।
सबसे बड़ी बात है इस चर्चित मुलाकात के तुरंत बाद चंद्रशेखर ने वाराणसी में पीएम मोदी को खुद ही चुनौती देने की बात भी कही थी। अब भीम आर्मी के अध्यक्ष ने कहा है कि "कांग्रेस बी आर अंबेडकर से लड़ी। पार्टी ने इतने लंबे समय तक शासन किया, लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं किया। उसके कार्यकाल में दलितों का उत्पीड़न बढ़ा। इसने आरएसएस और बीजेपी को बढ़ाया।" लिहाजा एक भी कारण नहीं कि कांग्रेस को समर्थन किया जाए।
चंद्रशेखर ने प्रियंका से मिलने से मना कर दिया था-भीम आर्मी
विनय रतन ने ये भी कहा कि "वो चंद्रशेखर भाई से मिलना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। तब उन्होंने विशेष आग्रह किया और फिर कुछ मिनट के लिए उनसे मिलीं। उनके बीच हुई बातचीत में कोई भी राजनीतिक मुद्दा नहीं उठा।" गौरतलब है कि 15 मार्च को दिल्ली में हुई भीम आर्मी की रैली में भी चंद्रशेखर ने कहा था कि वे वाराणसी में मोदी के खिलाफ लड़ेंगे और उन्होंने बीजेपी के साथ लड़ाई में कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के समर्थन का स्वागत किया था।
भीम आर्मी के अध्यक्ष के मुताबिक वे मायावती का भी साथ नहीं देते अगर वो दलित आंदोलन का हिस्सा नहीं होतीं। यही नहीं उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से भी पार्टी से हुई गलतियों को सुधारने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को अगर दलितों का वोट चाहिए तो गलतियों को ठीक करना होगा। दरअसल, वे दलितों के मामले में एसपी की कथित चुप्पी और संसद में मोदी की तारीफ वाले मुलायम के बयान को लेकर यह प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ये भी कहा है कि बहुत सारे दलित एमएलए और एमपी दलित आंदोलन के साथ नहीं हैं, वो उनका साथ नहीं देंगे। भीम आर्मी ने पंजाब में भी अपना उम्मीदवार उतारने की बात कही है, जहां दलित अच्छी तादाद में हैं।
सहारनपुर हिंसा से चर्चा में आए थे चंद्रशेखर
चंद्रशेकर मई 2017 में यूपी के सहारनपुर में हुए दलितों और ऊंची जातियों के बीच की हिंसा के बाद चर्चा में आए थे। तब उन्हें खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था और 16 महीने जेल में रहना पड़ा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई हुई थी। आज की तारीख में पश्चिमी यूपी के दलित युवाओं में अच्छी पैठ बन चुकी है और वो मायावती को भी सियासी चुनौती देते दिख रह हैं। हालांकि, अब तक उन्होंने मायावती का विरोध कभी नहीं किया है।
गौरतलब है कि दिल्ली की रैली में चंद्रशेखर ने भीमा कोरेगांव दोहराने की भी धमकी दी थी, जिसको लेकर वो काफी विवादों में आ चुके हैं। उनके उस गैर-जिम्मेदाराना बयान के बाद कांग्रेस भी सवालों के घेरे में थी।
इसे भी पढ़िए- कांग्रेस का यूपी प्लान, महागठबंधन के लिए सात सीटें छोड़ने का ऐलान