लोकसभा चुनाव प्रचार में कांग्रेस फंड से सोनिया-राहुल ने कितना खर्च किया, जानिए
नई दिल्ली- कांग्रेस ने अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव और उसके साथ-साथ हुए आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा चुनावों में प्रचार अभियान पर हुए खर्चों का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। इस मामले में पार्टी बीजेपी से आगे रही है, जिसने अभी तक चुनाव प्रचार पर हुए खर्च का हिसाब-किताब नहीं सौंपा है। हालांकि, कांग्रेस ने जो हिसाब दिया है, उससे जाहिर होता है कि फंड की तंगी झेलने के बावजूद 2014 के आम चुनाव के मुकाबले कैंपेन पर कांग्रेस के खर्च में सिर्फ पांच साल में ही भारी इजाफा हुआ है। पार्टी ने पिछले चुनाव की तुलना में 300 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च का हिसाब दिखाया है। कांग्रेस के चुनाव खर्च का बिल इस बार 820 करोड़ रुपये से भी कहीं ज्यादा है, जिसमें हर प्रत्याशी को अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में कैंपने के लिए दिए गए पैसों का भी ब्योरा है, उनमें पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी और तात्कालिन अध्यक्ष राहुल गांधी के खर्चों का हिसाब भी शामिल है।
चुनाव प्रचार पर कांग्रेस पार्टी का कुल खर्च
कांग्रेस पार्टी ने 2019 में हुए आम चुनाव और साथ में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर कुल मिलाकर 8,20,89,33,152 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। चुनाव आयोग को सौंपे गए ब्योरे के मुताबिक इसमें से पार्टी ने 626 करोड़ रुपये पब्लिस्टी पर खर्च किया है, जबकि 194 करोड़ रुपये उम्मीदवारों को अलग से दिए गए हैं। पार्टी ने डिजिटल कैंपेन का जिम्मा डिजाइनबॉक्स्ड नाम की कंपनी को सौंपा था, जिसके मैनेजरों ने सूरत, मोहाली और अमृतसर में बैठकर पार्टी का डिजिटल कैंपेन चलाया। इस फर्म को डिजिटल और सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए 12 करोड़ रुपये दिए गए। जबकि, एसएमएस सेवाओं का ठेका भारती एयरटेल ग्रुप दिया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के चुनाव प्रचार पर सिर्फ 516 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। बीजेपी ने अभी अपना खर्च नहीं दिखाया है। वैसे 2014 में उसने कांग्रेस से कहीं ज्यादा 714 करोड़ रुपये कैंपेन में उड़ाए थे।
सोनिया-राहुल ने प्रचार के लिए पार्टी फंड से लिए 50-50 लाख रुपये
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों को अपनी-अपनी सीटों पर प्रचार अभियान पर खर्च करने के लिए अलग से फंड का भी इंतजाम किया था। चुनाव आयोग को दिखाए गए बिल के मुताबिक पार्टी ने अपने हर उम्मीदवार को प्रचार के लिए 5 लाख रुपये से लेकर 60 लाख रुपये तक पार्टी फंड से दिए। इस फंड में पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 50-50 लाख रुपये लिए थे। इसके तहत पार्टी के छत्तीसगढ़ और ओडिशा में 40 करोड़ से ज्यादा, उत्तर प्रदेश में 36 करोड़, महाराष्ट्र में 18 करोड़, कर्नाटक और गुजरात में 17 करोड़ रुपये और करीब 15 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में खर्च हुए। जबकि, केरल में पार्टी ने 13 करोड़ रुपये खर्च किए जहां से राहुल गांधी भी चुनाव लड़ रहे थे। बता दें कि चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार को एक लोकसभा क्षेत्र में प्रचार पर 70 लाख रुपये तक ही खर्च करने की सीमा तय कर रखी है।
एयर ट्रैवल खर्च में आधे से ज्यादा राहुल के नाम
पार्टी ने चुनाव आयोग को प्रचार खर्च का जो अलग-अलग ब्योरा दिखाया है उसके मुताबिक पार्टी के उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों एक एयर ट्रैवल का कुल बिल 86 करोड़ रुपये का आया है। इसमें से आधे से ज्यादा यानि 40 करोड़ से अधिक सिर्फ राहुल गांधी की हवाई यात्राओं पर खर्च हुआ है। पार्टी ने पब्लिसिटी पर जो खर्च दिखाया है, उसमें 356 करोड़ रुपये मीडिया और डिजिटल मीडिया का बिल है।
चुनाव से पहले जुटाए भारी फंड
जानकारी के मुताबिक 2018-19 में कांग्रेस पार्टी सिर्फ 126 करोड़ रुपये का फंड ही जुटा पाई थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव से पहले उसके फंड में अचानाक बहुत भारी बढ़ोतरी हुई। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही कांग्रेस ने 856 करोड़ रुपये जुटाए थे।
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