Cabinet Reshuffle: जानिए कितनी संपत्ति के मालिक हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया?
नई दिल्ली, 7 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार अपने कैबिनेट का विस्तार किया। आज कुल 43 नेताओं ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली। मोदी की नई कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं में सबसे चर्चित नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। सिंधिया ने आज मोदी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। मार्च 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया को लंबे इंतजार के बाद भाजपा ने ये मंत्री पद की सौगात दी है।
आइए जानते हैं मोदी कैबिनेट में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिधिंया कितनी संपत्ति के मालिक हैं और रूबरू होते हैं राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया केआलीशान पैलैस से जो हैं उनका घर ..
40 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं सिंधिया
बता दें सिंधिया की दादी स्व. वसुंधरा राजे सिंधिया भाजपा से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं और उनके पिता स्व. माधवराव सिंधिया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे। माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश के सबसे अमीर प्रत्याशी थे। सिंधिया राजवंश की संपत्ति कितनी है, इसका अंदाजा लगाना तो मुश्किल है, लेकिन इसे 40 हजार करोड़ रुपए का बताया जाता है। सिंधिया ने 2014 की लोकसभा के दौरान जो हलफनामा दिया था, उसके मुताबिक उनके पास 32 करोड़ 64 लाख 412 रुपये संपत्ति है। उनके पास एक पैतृक बीएमडब्ल्यू कार भी है।
400 कमरे वाले शाही महल में रहते हैं सिंधिया, दीवारों पर हैं सोने से पेंट
ज्योतिरादित्य की संपत्ति और उनकी जीवनशैली सपनों जैसी ही है। वह 400 कमरे वाले शाही महल में रहते हैं। सन 1874 में बनकर तैयार हुए इस राज महल का नाम जयविलास पैलेस है। आपको बता दे, कि 400 कमरे वाले शाही महल में 40 कमरों में म्यूजियम, जबकि महल की सीलिंग पर सोने जड़े हुए हैं। इस भवन की कीमत करीब दो सौ मिलियन डॉलर बताई जाती है। सिंधिया का ग्वालियर का जय विलास पैलेस 1,240,771 वर्ग फीट क्षेत्र में महल फैला हुआ है। इस महल का वैभव पूरे भारत में मशहूर है। इसकी दीवारों पर सोने से पेंट किया गया है। इसकी खासियत ऐसी हैं कि आप भी दांतों तले अंगुली चबा जाएं। राजसी वैभव से भरे इस महल में भोजन परोसने के लिए चांदी से बनी ट्रेन चलती है। 3500 किलों चांदी के झूमर है
दरबार हॉल की खासियत
इस महल का निर्माण 1874 में जीवाजी राव सिंधिया ने करवाया था। लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिलोज ने डिजाइन तैयार किया गया था। महल की छतों पर सोना लगा है। पैलेस में रायल दरबार हॉल है, जो 100 फीट लंबा-50 फीट चौड़ा और 41 फीट ऊंचा है। इसकी छत पर 140 सालों से 3500 किलो के दो झूमर टंगे हैं। इसे टांगने के लिए इंजीनियरों ने छत पर 10 हाथियों को 7 दिनों तक खड़ा रखा था इन झूमरों को बेल्जियम के कारीगरों ने बनाया था। पैलेस के डाइनिंग हॉल में चांदी की ट्रेन है जो खाना परोसने के काम आती है। माना जाता है कि जिस वक्त इस महल का निर्माण किया गया था, तब इसकी कीमत 1 करोड़ थी, लेकिन आज इस विशाल और आकर्षक महल की कीमत अरबों में है।
शपथ-पत्र में सिंधिया ने इतनी संपित्ति का किया था खुलासा
इस 40 हजार की संपत्ति में उनके कई शहरों में बने हुए पैलेस और जमीनें शामिल हैं। लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन भरा, और इस दौरान दिए शपथ-पत्र में सिंधिया ने खुलासा किया है कि सिंधिया के पास पैतृक संपत्ति में 40 एकड़ में फैला ग्वालियर का जय विलास पैलेस है। इसके अलावा महाराष्ट्र में श्रीगोंड़ा में 19 एकड़ और लिंबन गांव मे 53 एकड़ जमीन है। इसके साथ ही रानी महल, हिरनवन कोठी, रैकेट कोर्ट, शांतिनिकेतन, छोटी विश्रांति, विजय भवन, पिकनिक स्पॉट, बूट बंगला, रेलवे कैरिज घंटीघर, इलेक्ट्रिक पॉवर हाउस रोशनी घर आदि रिहायशी संपत्तियां है। इन संपत्तियों की बाजार कीमत 2,97,00,48,500 रुपए है।
व्यक्तिगत तीन करोड़ रुपये की है एफडीआर
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास करोड़ों रुपये की पैतृक संपत्ति के साथ-साथ व्यक्तिगत तीन करोड़ रुपये की एफडीआर शामिल है। जयविलास पैलेस के अलावा दिल्ली में 32 एकड़ में फैली सिंधिया विला और ग्वालियर हाउस के अलावा, मुंबई में वसुंधरा बिल्डिंग, पुणे के पद्म विलास पैलेस, शिवपुरी का जर्ज कैसल और माधव विला पैलेस, उज्जैन का कालियादेह पैलेस सहित कई शहरों में मंदिर भी हैं।
संपत्ति पर है परिवार में खींचतान
करीब 40 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के लिए सिंधिया राजवंश के वर्तमान प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी बुआओं के बीच जमकर खींचतान चल रही है। मामले कोर्ट में हैं। इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यामन ने भी अपने को वारिस बताते हुए कोर्ट में अर्जी दी, लेकिन वह खारिज हो गई। सबसे ज्यादा विवाद ग्वालियर के जयविलास पैलेस को लेकर है। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध में उनकी बुआएं दावा करती हैं। इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोर्ट में तर्क दिया है कि राजवंश में राजा की गद्दी का कानून चलता है और वे इसके अकेले वारिस हैं। इसलिए पूरी संपत्ति पर उनका ही अधिकार है।