जानिए, अभी भारत में है कितना गोल्ड रिजर्व और देश के लिए क्या है इसकी अहमियत?
बेंगलुरू। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 3000 टन से अधिक स्वर्ण भंडार अथवा गोल्ड रिजर्व के दावे भले ही झूठे निकले हैं, लेकिन मौजूदा समय में भारत के पास अभी करीब 626 टन सोने का भंडार मौजूद है, जो केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास सुरक्षित है। किसी भी देश के केंद्रीय बैंक के मौजूद सोन के भंडार उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति का परिचायक भी होता है, जो आर्थिक संकट के समय भी संकट मोचक की तरह काम आता है।
गौरतलब है भारतीय इतिहास में एक ऐसा ही वाक्या मौजूद है जब भुगतान संकट से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक में सुरक्षित सोने के भंडार में से 47 टन सोना भारत सरकार का गिरवी रखना पड़ गया था। यह बात वर्ष 1990-91 के बीच की है जब चंद्रशेखर महज 7 माह के लिए देश के प्रधानमंत्री बने थे। यह समय देश के लिए बेहद शर्मसार करने वाला था, लेकिन यह गोल्ड रिजर्व ही थी जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की सुरक्षित किया जा सका था।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में भारत के पास करीब 626 टन सोने का भंडार है और अगर सोनभद्र जिले में फैलाए गए सोने के भंडार के झूठे आंकडे सही होते तो भारत सोने के रिजर्व को लेकर दुनिया के टॉप-3 देशों में शुमार हो जाता।
यूपी के सोनभद्र जिले में सोने के भंडार को लेकर मीडिया द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को खारिज करते हुए जियोलॉजिकल सर्वे और इंडिया (GSI)ने साफ कर दिया है कि सोनभद्र जिले में महज 164 किलो सोने के भंडार की संभावना है और फैलाई गई 3300 टन सोने की भंडार की खबरें झूठी हैं।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा सही तस्वीर पेश किए जाने के बाद सोनभद्र की पहाड़ियों में सोने के भंडार का वास्तविक आंकड़ा सामने आ सका वरना पिछले कई दिनों से यूपी का सोनभद्र जिला खबरों की दुनिया में चार्ट बस्टर बना हुआ था। फिलहाल झूठ और भ्रांतियों की हवा से भरे गुब्बारे की हवा निकल चुकी है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में किस देश के पास सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व मौजूद है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व अमेरिका के पास मौजूद है, जिसके पास 8133.8 टन गोल्ड रिजर्व मौजूद है, जो फॉरेक्स रिजर्व का 76.9% है।
अमेरिका के बाद दूसरे नंबर है जर्मनी, जिसके पास 3366.8 टन गोल्ड के रिजर्व मौजूद हैं, जो फॉरेक्स रिजर्व का 73 % है। तीसरे नंबर है इटली, जिसके पास 2451.8 टन गोल्ड रिजर्व है। चौथे नंबर है फ्रांस, जिसके पास 2436 टन सोना मौजूद है और पांचवे स्थान पर रूस का नाम आता है, जिसके पास 2241.9 टन सोना मौजूद है।
उल्लेखनीय है टॉप फाइव गोल्ड रिजर्व देशों के सामने भारत का गोल्ड रिजर्व बेहद कम है, लेकिन अगर सोनभद्र जिले की पहाड़ियों में गोल्ड भंडार की कहानी सच्चाई के करीब होती तो यह आंकड़ा (3300+626=3926) 3326 टन के करीब पहुंच गया होता और तब भारत इटली को पछाड़कर टॉप 3 गोल्ड रिजर्व देशों में शुमार हो सकता था।
अफसोस कि उक्त आंकड़ों और दावों दोनों को जीएसआई द्वारा खारिज किया जा चुका है। सोनभद्र जिले की उक्त पहाड़ियों में जहां 3300 टन सोने के भंडार का दावा झूठा साबित हो चुका है, जहां महज 160 किलो सोने के अयस्क का अनुमान किया गया है। हालांकि खदानों की खुदाई के बाद वास्तविक आंकड़ा सामने आ पाएगा।
मालूम हो, मौजूदा समय में भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, जो मूल रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा आयात किया जाता है। माना जाता है कि भारत वर्ष प्रत्येक वर्ष तकरीबन 800 से 900 टन सोना आयात किया जाता है।
वर्ष 2015 में अपनी सोने की मांग को पूरा करने के लिए भारत ने 950 टन सोना आयात किया|। भारतीय खदान ब्यूरो के मुताबिक वर्ष 1947 से 2014 के बीच भारत ने करीब 90 टन सोने का उत्पादन किया गया| यह सारा उत्पादन कर्नाटक प्रदेश के हट्टी गोल्ड माइंस से किया गया|
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पाकिस्तान के मुकाबले भारत में है 10 गुना ज्यादा गोल्ड रिजर्व
भारत में सोने का सरकारी भंडार पाकिस्तान के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा है। भारत का गोल्ड रिजर्व 618.2 टन पर पहुंच गया है जबकि पाकिस्तान के पास महज 64.6 टन सोने का भंडार है। इतना ही नहीं, सोने के भंडार के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल पहुंच गया है। भारत ने गोल्ड भंडार के मामले में नीदरलैंड को पीछे छोड़ 10वां स्थान हासिल किया है।
दुनिया में भारत है सोने का सबसे बड़ा इम्पोर्टर देश!
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है. मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिये इसका आयात किया जाता है। मात्रा के हिसाब से देश में सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात होता है। सोने के आयात का व्यापार घाटा और चालू खाते के घाटे पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिये सरकार ने धातु पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है।
क्या है विशाल गोल्ड रिजर्व की अहमियत ?
किसी भी देश में मौजूद गोल्ड भंडार या गोल्ड रिजर्व केंद्रीय बैंक के पास रखा सोना होता है। संकट के दौर में देश के धन की रक्षा और जरूरत पड़ने पर लोगों के धन की वापसी के लिहाज से केंद्रीय बैंक यह खरीद करते हैं। ऐसा ही एक समय भारत में वर्ष 1990-91 में आया था जब देश की खराब आर्थिक स्थिति थी। तब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने भुगतान संकट में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए केंद्रीय बैंक के पास मौजूद 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया था।
चीन है दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश!
चीन लगातार छठी बार दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक बना हुआ है। चीन ने वर्ष 2007 में दक्षिण अफ्रीका को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश बना। आंकड़ों के अनुसार भारत के बाद चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना खपत करने वाला देश है। वर्ष 2011 में चीन में कुल 761.05 टन सोने की खपत हुई थी।
गोल्ड रिजर्व के मामले में नंबर वन है अमेरिका
भारत गोल्ड भंडार की इस सूची में 10वें स्थान पर है। असल में इस सूची में अमेरिका पहले और जर्मनी दूसरे स्थान पर है। सूची में तीसरे स्थान पर कोई देश नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पास कुल 8,133.5 टन सोना है, जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले जर्मनी के पास 3,366.8 टन सोना है. तीसरे नंबर पर मौजूद आईएमएफ के पास कुल 2,451.8 टन सोना है।
सोने के भंडार के मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल है चीन
आर्थिक लिहाज से मजबूत चीन भी सोने के भंडार के मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल है। 1916.29 टन सोने के साथ चीन छठे नंबर पर है। दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में गिना जाने वाला स्विटजरलैंड 1040.01 टन सोने के साथ इस सूची में सातवें पायदान पर है, जबकि आठवें पायदान पर जापान है, जिसके पास कुल 765.22 टन सोना है। नवें नंबर पर भारत और दसवें पायदान पर है नीदरलैंड, जिसके पास 612.5 टन सोना है। वहीं आर्थिक रूप से बेहद कमजोर पाकिस्तान इस सूची में 45वें स्थान पर बना हुआ है। पाकिस्तान के पास सिर्फ 64.6 टन का कुल स्वर्ण भंडार है।
भारत में सोने का सबसे बड़ा उत्पादक है कर्नाटक
दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के कोलार भारत की प्रमुख सोने की खदानें हैं। कोलार गोल्ड फील्ड के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र क्रमशः धारवाड़, हसन और रायचूर (हुत्ति गोल्ड फील्ड) आते हैं। कोलार गोल्ड फील्ड्स दुनिया की सबसे गहरी खदानों में से एक मानी जाती है।
कर्नाटक के पास हैं करीब 17.5 लाख टन सोने के अयस्क के भंडार
कर्नाटक के पास करीब 17.5 लाख टन सोने के अयस्क के भंडार है, जिसमें 42,023 किलो धातु; मुख्य रूप से कोलार, धारवाड़, हसन और रायचूर जिलों में स्थित है। भारत में 88.7 फीसदी सोने का उत्पादन अकेले कर्नाटक करता है। आंध्र प्रदेश दूसरा बड़ा सोने का उत्पादक राज्य है, जहां सोने का अयस्क करीब 7.06 लाख टन और स्वर्ण धातु 37,025 किलो उत्पादित किया जाता है।
भारत में कौन आयात कर सकता है सोना ?
दुनिया की मंहगी धातुओं में शुमार गोल्ड को आयात करने के बड़े सख्त नियम हैं। भारत की शीर्ष एजेंसियों द्वारा इसकी निगरानी एवं नियंत्रण किया जाता है। इन एजेंसियों में भारतीय रिज़र्व बैंक, डी.जी.ऍफ़.टी और वित्त मंत्रालय भी शामिल हैं, जो भारत में सोना खरीदने पर पूरी तरह से नियंत्रण होता है| हालांकि बैंक और ट्रेडिंग हाउस जैसी कुछ एजेंसियां भी हैं,जो सोना आयात कर सकती हैं। भारत में सोने का आयात मेटल्स और मिनर्लस ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और एमएमटीसीएल लिमिटेड जैसी 11 विभिन्न कंपनियों के जरिए किए जाते हैं।
पिछले 10 महीने में 9 फीसदी गिरा है सोने का आयात दर
उद्योग विशेषज्ञों का दावा है कि इस क्षेत्र में काम कर रही ईकाइयां उच्च शुल्क के कारण अपना विनिर्माण आधार पड़ोसी देश में स्थापित कर रहे हैं। रत्न एवं आभूषण निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान 1.45 प्रतिशत घटकर 25.11 अरब डॉलर रहा। देश का सोने का आयात 2018-19 में करीब 3 प्रतिशत घटकर 32.8 अरब डॉलर रहा।