कोरोना वायरस: दिल्ली सरकार ने उठाए कई अहम कदम, धीरे-धीरे नियंत्रित हो रहे हालात
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली भी कोरोना से काफी ज्यादा प्रभावित है, जहां पर अब तक एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जून के पहले हफ्ते में दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े थे। जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने कई बड़े कदम उठाए। जिस वजह से अब हालात धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रहे हैं। आइए डालते हैं सरकार के बड़े कदमों पर एक नजर-
होम
आइसोलेशन
सबसे
अहम
दिल्ली
में
80
प्रतिशत
कोरोना
के
मामले
हल्के
या
बिना
लक्षण
वाले
हैं,
ऐसे
में
दिल्ली
सरकार
ने
उन्हें
घर
पर
ही
आइसोलेट
करने
की
व्यवस्था
की।
इस
दौरान
डॉक्टर
लगातार
फोन
के
जरिए
मरीजों
के
संपर्क
में
रहे।
दिल्ली
सरकार
के
इस
फैसले
से
लोगों
को
दो
अहम
फायदे
हुए।
एक
तो
अस्पताल
में
जरूरतमंदों
को
बेड
की
कमी
नहीं
होगी।
दूसरा
अब
लोग
इस
बात
के
लिए
भी
जागरुक
हो
रहे
हैं
कि
कोरोना
वायरस
से
घर
पर
रहकर
भी
ठीक
हुआ
जा
सकता
है।
लोगों
में
अब
कोरोना
का
डर
भी
धीरे-धीरे
कम
हो
रहा
है,
हालांकि
अभी
भी
सरकार
लोगों
से
ज्यादा
से
ज्यादा
एहतियात
बरतने
की
अपील
कर
रही
है।
कोरोना के शक में पति ने पत्नी और बच्चों को निकाल दिया घर से, बोला- तलाक भी दे दो
ज्यादा
परीक्षण
के
बाद
भी
केस
हुए
कम
दिल्ली
सरकार
के
मुताबिक
वो
हमेशा
से
ही
ज्यादा
से
ज्यादा
टेस्टिंग
पर
जोर
दे
रही
थी।
31
मई
तक
दिल्ली
में
प्रति
मिलियन
10,500
टेस्ट
हुए,
जो
अन्य
राज्यों
की
तुलना
में
ज्यादा
थे।
इसके
बाद
जून
के
पहले
हफ्ते
में
दिल्ली
में
रोजाना
5500
के
करीब
टेस्ट
हो
रहे
थे।
एक
महीने
के
अंदर
इस
संख्या
को
चार
गुना
बढ़ा
दिया
गया
है।
जुलाई
के
पहले
हफ्ते
की
बात
करें,
तो
अब
21
हजार
के
करीब
टेस्ट
रोजाना
हो
रहे
हैं।
23
जून
के
बाद
से
दिल्ली
में
रोजाना
आने
वाले
कोरोना
के
केस
में
भी
कमी
आई
है।
स्वास्थ्य
सुविधा
अच्छी
होने
से
लोगों
का
डर
हुआ
कम
जून
की
शुरूआत
में
दिल्ली
में
8
ही
अस्पताल
थे,
जो
कोरोना
मरीजों
का
इलाज
कर
रहे
थे।
इन
अस्पतालों
में
बेड
की
संख्या
भी
सिर्फ
700
ही
थी।
इसके
बाद
केजरीवाल
सरकार
ने
अहम
फैसला
लिया।
जिसके
मुताबिक
सभी
50
से
ज्यादा
बेड
वाले
अस्पतालों
को
40
प्रतिशत
बेड
कोविड-19
मरीजों
के
लिए
रखने
थे।
इससे
राजधानी
में
बेड
की
संख्या
700
से
बढ़कर
5000
हो
गई।
इसके
बाद
कई
होटल
और
अन्य
अस्पतालों
को
भी
जोड़ा
गया।
जिसके
बाद
दिल्ली
में
बेड
की
संख्या
7000
हुई।
दिल्ली
सरकार
के
प्रयासों
से
ही
मौजूदा
वक्त
में
राजधानी
में
बेड
की
क्षमता
15
हजार
से
ज्यादा
है।
बनाया
गया
वॉर
रूम
दिल्ली
में
बड़ी
संख्या
में
बेड
मौजूद
थे,
लेकिन
लोगों
को
नहीं
पता
था।
इसके
लिए
Delhi
Corona
App
लाया
गया।
इसके
अलावा
रिपोर्ट
आने
के
समय
को
भी
कम
किया
गया।
कई
बार
कोरोना
मरीजों
का
ऑक्सीजन
लेवल
कम
हो
जाता
है,
ऐसे
में
होम
आइसोलेशन
वाले
सभी
मरीजों
को
ऑक्सीमीटर
दिया
जा
रहा
है।
राजधानी
में
एंबुलेंस
की
कमी
न
हो
और
वो
वक्त
पर
मरीजों
के
पास
पहुंचे,
इसके
लिए
वॉर
रूम
बनाया
गया
है।
वहीं
मृत्यु
दर
को
कम
से
कम
रखने
के
लिए
बड़े
पैमाने
पर
प्लाज्मा
थेरेपी
मरीजों
को
दी
जा
रही
है।
साथ
ही
सीएम
केजरीवाल
खुद
लोगों
से
प्लाज्मा
डोनेट
करने
की
अपील
कर
रहे
हैं।