भीष्म नहीं बल्कि गुरू द्रोणाचार्य का रोल करने वाले थे मुकेश खन्ना, जानिए कैसे बने 'भीष्म पितामह'
नई दिल्ली। देश में जारी लॉकडाउन के बीच दूरदर्शन पर एक बार फिर 90 के दशक के शोज का प्रसारण किया जा रहा है। जिससे एक बार फिर शक्तिमान और महाभारत जैसे शो चर्चा में आ गए हैं। अभिनेता मुकेश खन्ना की बात करें तो उन्हें महाभारत में भीष्म के किरदार के लिए बखूबी जाना जाता है। उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया है। अगर महाभारत में भीष्म पितामह के रोल की बात करें तो मुकेश खन्ना इस रोल की बजाय अर्जुन का रोल करना चाहते थे। तो चलिए जानते हैं कि जब मुकेश खन्ना अर्जुन का रोल करना चाहते थे, तो उन्हें भीष्म का रोल कैसे मिला।
रोल के लिए गूफी ने चार नाम बताए थे
कॉमेडियन पेनटल के भाई गूफी पेनटल ने महाभारत में शकुनी का रोल तो प्ले किया ही था इसी के साथ वे महाभारत के कास्टिंग डायरेक्टर्स में से एक थे। गूफी वही शख्स हैं, जिन्होंने सबसे पहले मुकेश खन्ना को फोन किया था। वह इससे पहले एक विज्ञापन में उनके साथ काम कर चुके थे। जब गूफी से मुकेश ने पूछा कि उन्हें कौन सा रोल दिया जाए तो गूफी ने चार नाम बताए, अर्जुन, कर्ण, कृष्ण और भीष्म। जिसके बाद मुकेश ऑडिशन देने के लिए मान गए।
गेटअप में आकर ऑडिशन दिया
ये वो समय था जब मुकेश खन्ना करीब 15 फिल्मों में काम कर चुके थे। उन्होंने पूरे गेटअप में आकर ऑडिशन दिया। इसके कुछ समय बाद जब उन्हें गूफी का फोन आया तो उन्हें (मुकेश खन्ना) बताया गया कि बी आर चोपड़ा साहब चाहते हैं कि वह दुर्योधन का रोल करें। इसपर मुकेश खन्ना ने साफ इनकार करते हुए कहा कि उनके अंदर से विलेन नहीं निकलता। मुकेश खन्ना आज भी ये बात मानते हैं कि महाभारत में उनकी कास्टिंग ना तो गूफी ने की थी और ना ही बी आर चोपड़ा ने बल्कि ये तो ऊपर (किस्मत) से हुई थी।
गुरू द्रोणाचार्य का रोल ऑफर किया गया
इस बारे में मुकेश बताते हैं, अर्जुन का रोल किसी और को मिल गया। महाभारत के पटकथा लेखक राही मासूम रजा थे। उन्होंने किसी अभिनेता में अर्जुन की छवि देखी और उसे कास्ट करने को कहा। कर्ण का रोल भी इसी तरह हाथ से निकल गया। इस बीच गूफी का फोन फिर से (मुकेश खन्ना के पास) आया और उन्हें गुरू द्रोणाचार्य का रोल ऑफर किया। मुकेश खन्ना ने बचपन से ही महाभारत पढ़ी थी और उनके मुताबिक महाभारत का हर रोल अपने आप में किसी योद्धा से कम नहीं था। इसके बाद उन्होंने उस रोल के लिए हामी भर दी।
इस वजह से मिला भीष्म का रोल
इसके बाद मुकेश खन्ना को गुरू द्रोणाचार्य का नहीं बल्कि भीष्म का रोल मिल गया। हुआ ये कि एक बार फिर गूफी का फोन मुकेश खन्ना के पास आया और उन्हें बुलाया गया। जब वह वहां गए तो पता चला कि जिसे भीष्म पितामह के रोल के लिए फाइनल किया गया था उससे बात नहीं बन पाई। ये रोल विजेंद्र घाटके करने वाले थे। लेकिन बात नहीं बन पाने के कारण बी आर चोपड़ा ने मुकेश खन्ना को ये रोल करने को कहा। अपने इस रोल के लिए मुकेश खन्ना को आज भी बखूबी जाना जाता है।
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