कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन, जानिए अलग-अलग राज्यों में सरकार गरीबों की कैसे कर रही मदद
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का लॉकडाउन का ऐलान किया है। इस लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूर, फेरवाले, पटरी दुकानदार सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात की सरकारों ने हाथ आगे बढाते हुए आर्थिक मदद पहुंचाने का ऐलान किया था। इन तमाम राज्य की सरकारों ने इन लोगों को कैश देने का ऐलान किया था। इन तमाम राज्यों में ये सभी लोग 1000-1500 रुपए पाएंगे, इनके अकाउंट में सीधे यह पैसा भेजा जाएगा।
तमाम राज्यों ने खोला खजाना
दिहाड़ी मजदूरों, फेरावालों, पटरी दुकानदार आदि गरीब तबके के लोगों को सरकार की यह मदद मुहैया करा रही है। भारत में असंगठित क्षेत्र में तकरीबन 82.7 फीसदी लोग यानि 39.14 करोड़ लोग हैं। एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार कुल 47.41 करोड़ कर्मचारियों में 81.7 करोड़ कर्मचारी असंगठित क्षेत्र के हैं। उत्तर प्रदेश में रिक्शा चलाने वाले, दिहाड़ी मजदूरों, फेरीवालों को श्रमिक भरण पोषण योजना के तहत 1000 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे। यूपी में कुल 35 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना की शुरुआत सरकार ने मंगलवार को ऐलान किया था। यह पैसा सीधे लोगों के खाते में डाले जाएंगे, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए 31 मार्च तक इस योजना के लाभकारियों की पहचान करने को कहा गया है। इसके लिए कुल 235 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
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आंध्र सरकार देगी 1000
आंध्र प्रदेश की बात करें तो यहां भी लॉकडाउन के दौरान बीपीएल कार्ड धारकों, दिहाड़ी मजदूरों, ऑटोरिक्शा चलाने वालों, कैब ड्राइवर, बुनकरों, मोची, मजदूरों के बैंक खातों में 1000 रुपए ट्रांसफर करने का ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन ने इस बाबत तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके लिए कुल 1500 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया है। दरअसल वाईएसआरसीपी ने चुनाव प्रचार के दौरान पिछले वर्ष ऐसे लोगों की पहचान कर लिया था। इस योजना का लाभ लोगों को सीधे उनके घर पर 4 अप्रैल तक कैश पहुंचाकर दिया जाएगा। इसके साथ ही लोगों को एक किलो दाल, चावल और नमक भी दिया जाएगा।
गुजरात में मुफ्त अनाज
गुजरात की बात करें तो यहं भी लोगों को मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया गया है। यहां दिहाड़ी मजदूरों को 1 अप्रैल से अनाज दिया जाएगा। 60 लाख परिवारों, जिसमे 3.25 करोड़ शामिल हैं, उन्हें 3.5 किलो गेहूं, 1.5 किलो चावल, 1 किलो चीनी, दाल, नमक मुहैया कराया जाएगा। इस योजना का लाभ राशन की दुकानों के जरिए लोगों को पहुंचाया जाएगा। इसके लिए अनाज को पहले ही 3500 दुकानों पर पहुंचाया जा चुका है।
तेलंगाना सरकार देगी 1500 रुपए
तेलंगाना में परिवारों को 1500 रुपए दिया जाएगा। यह लाभ उन लोगों को दिया जाएगा जिनके पास सफेद राशन कार्ड धारक, बीपीएल परिवार, असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को दिया जाएगा। इसके साथ ही इन लोगों को 12 किलो मुफ्त चावल भी दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 2417 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। इसे 30 मार्च तक भेज दिया जाएगा।
राजस्थान सरकार देगी 10000 रुपए
राजस्थान में हर दिहाड़ी मजदूर और फेरीवाले को 1000 रुपए दिया जाएगा। तकरीबन 25 लाख मजदूर और रजिस्टर्ड वेंडर्स को इस सोशल सिक्योरिटी योजना का लाभ दिया जाएगा। इसका लाभ कुल 36.51 लाख लोगों को मिलेगा। इसमे पीबीएल स्टेट बीपीएल, अंत्योदय के अंतर्गत आने वालों को नकद दिया जाएगा। इसके लिए कुल 2000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना के लाभकारियों की पहचान स्थानी प्रशासन और सोशल जस्टिस विभाग द्वारा की जाएगी। लोगों के जनधन खाते में यह पैसा सीधे पहुंचाया जाएगा।
जम्मू कश्मीर उत्तराखंड में भी 1000 रुपए की मदद
जम्मू कश्मीर में 3.5 लाख रजिस्टर्ड लोगों को 1000 रुपए नकद दिया जाएगा। सभी 2.26 लाख मजदूरों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को भी नकद मदद दी जाएगी। जो लोग ईएसआईसी के तहत रजिस्टर्ड हैं, उन्हें सरकार मदद पहुंचाएगी। लोगों की पहचान लेबर एंड इंप्लॉयमेंट विभाग द्वारा की जाएगी। उत्तराखड में भी सरकार गैर रजिस्टर्ड मजदूरों, पटरी दुकानदारों, फेल विक्रेता, दिहाड़ी मजदूर को 1000 रुपए नगद देगी। इसकेक लिए सरकार 30 करोड़ रुपए का इस्तेमाल मुख्यमंत्री राहत कोष से करेगी। तमाम डीएम, स्थानीय निगम के अधिकारी सर्वे करेंगे और लाभकारियों की पहचान करेंगे, जिसके बाद नगद ट्रांसफर किया जाएगा।