मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम जिन्होंने की थी मोदी बजट की निंदा
नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने एक उस शख्स को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर नियुक्त किया,जो मौका पड़ने पर सरकार की नीतियों को कोसने से पीछे नहीं रहा। हम बात कर रहे हैं अरविंद सुब्रमण्यम की। उऩ्हें कल सरकार ने देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर नियुक्त किया। वन इंडिया ने उनके उक्त पद पर आसीन होने की संभावना से जुड़ी खबर चंद दिन पहले दे दी थी।
सुब्रमण्यम ने कुछ समय पहले ही भारत सरकार के डब्ल्यूटीओ समझौते से पीछे हटने के फैसले की निंदा की थी। यहीं नहीं, बीती जुलाई में उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट की भी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि जिस राजस्व प्राप्ति का अंदाजा जेटली लगा रहे हैं, वह आशावादी है और इस बजट में महत्वपूर्ण टैक्स व सब्सिडी सुधारों को पारित करने के लिए तय समय सीमा का अभाव है।
मोदी सम्मान करते स्वस्थ आलोचना का जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी में बसे भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम को सरकार का मुख्य आर्थिक सलाहकार चुनकर साबित कर दिया कि वे स्वस्थ आलोचना का सम्मान करते हैं। उक्त पद करीब एक साल से खाली पड़ा था।पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहाकर रघुराम राजन ने पिछले साल चार सितंबर को रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाल लिया था। यानी तब से यह पद खाली है।
बता दें कि सुब्रमण्यम पीटरसन इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में सीनियर फेलो हैं।उनकीपढ़ाई भारत और ब्रिटेन में हुई है। पढ़ाई पूरी के बाद उन्होंने आईएमएफ और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के लिए काम किया।
इससे पहले वे अमेरिका की हार्वर्ड और जॉन्स होपकिन्स यूनिवर्सिटी में सीनियर एकेडमिक पोस्ट पर रहे हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार हाई-प्रोफाइल पोस्ट है, जो वार्षिक आर्थिक सर्वे तैयार करने के लिए जिम्मेदार होता है, जिसके आधार पर राज्यों की जरूरतों के हिसाब से बजट तैयार किया जाता है। साल के मध्य में तैयार होने वाली यह रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी जाती है। जेटली को अपना पहला पूर्ण बजट फरवरी 2015 में पेश करना है।