केवल N95 और N99 मास्क ही बचा सकते हैं कोरोना वायरस के खतरे से, जानिए क्यों
Recommended Video
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस का खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है। चीन से शुरू हुए इस वायरस की चपेट में करीब 25 देश आ गए हैं। जिसमें भारत भी शामिल है। यहां केरल राज्य में कोरोना वायरस के 3 मामलों की पुष्टि हो गई है और सरकार ने राजकीय आपातकाल घोषित कर दिया है। वहीं चीन में अभी तक 425 लोगों की मौत हो गई है, ये आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है। सोमवार तक चीन में वायरस के 20,400 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के खतरे को देखते हुए वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। अधिकतर देश चीन से लगने वाली अपनी सीमा को बंद कर चुके हैं। वहीं भारत ने सभी हवाई अड्डों पर लोगों की स्क्रीनिंग की पूरी व्यवस्था की हुई है। चीन से भी भारतीयों को वापस लाया गया है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि इस वायरस से आखिर कैसे बचा जाए। इस मामले में डॉक्टरों की सलाह यही है कि वायरस से बचाने के लिए केवल एन95 और एन99 मास्क की कारगर हैं।
आम मास्क इस वायरस से लोगों को नहीं बचा सकते। लेकिन परेशानी की बात ये है कि मास्क की बढ़ती वैश्विक मांग के चलते इनकी भारत में काफी कमी हो गई है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां कई मेडिकल स्टोर्स पर ये मास्क नहीं मिल रहे हैं। जहां मिल रहे हैं, वहां कीमत 10 गुना अधिक है। जो आम लोग नहीं खरीद पा रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि मास्क राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आसपास मौजूद स्टोर्स पर भी नहीं मिल रहे हैं। जहां कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले आ रहे हैं और 6 लोगों को निगरानी में रखा गया है। तो चलिए इन दो मास्क के बारे में जानते हैं-
एन95 मास्क कैसे है फायदेमंद?
ये एक ऐसा मास्क है, जो 95 फीसदी तक प्रदूषण को फिल्टर करता है। इस मास्क में तीन लेयर होते हैं जो धूल के कणों को फिल्टर करते हैं। पहला फिल्टर धूल के कणों को रोकता है। दूसरा फिल्टर धूल के सूक्ष्म कणों और रोगाणुओं को रोकता है। वहीं तीसरा सैन्य ग्रेड कार्बन फिल्टर होता है। यह मास्कर वायरस और बैक्टीरिया से आपको बचाता है।
एन99 मास्क कैसे है फायदेमंद?
एन99 मास्क, एन95 मास्क से भी बेहतर माना जाता है। ये मास्क 99-99.97 फीसदी तक प्रदूषण फिल्टर करता है। लेकिन ये मास्क तेल बेस्ड धूल के कणों को फिल्टर नहीं कर पाते हैं। कोरोना वायरस से बचने के लिए डॉक्टर एन99 मास्क की सलाह भी देते हैं। लेकिन इसकी कीमत दो से तीन हजार रुपये के करीब होती है।
फिलहाल इन दोनों तरह के मास्क की बाजार में भारी कमी है, इसलिए इन्हें कई गुना अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। ये दोनों मास्क भी अच्छे से बंधे होने चाहिए। मुंह और नाक अच्छे से ढंके होने चाहिए। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा है कि कपड़े और मास्क सहित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की सभी किस्मों का निर्यात जिनसे हवा से पैदा होने वाले कणों से बचाव किया जा सकता है, अगले आदेश तक इनका निर्यात रोका जा रहा है। जिसमें एन95 मास्क भी शामिल हैं।
ऑल इंडिया फूड एंड ड्रग लाइसेंस एसोसिएशन (एएफडीएलएच) ने सरकार से लिखित तौर पर कहा था, 'निर्माताओं को इन मास्क के भारी संख्या में ऑर्डर मिल रहे हैं, वहीं मास्क को 10 गुना ज्यादा कीमत पर बेजा जा रहा है। इसी वजह से भारतीयों को ये मास्क मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए मास्क के निर्यात और कीमत पर नियंत्रण में कमी होनी चाहिए।'
एएफडीएलएच के अध्यक्ष अभय पांडे ने कहा था, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च और आकर्षक मांग को देखते हुए, निर्माता स्थानीय बाजारों में आवश्यकता की अनदेखी कर रहे हैं और निर्यात मांगों को पूरा करने में व्यस्त हैं। इससे भारतीयों को इस वायरस से बचने के लिए मास्क नहीं मिल पा रहा है। इसलिए, हमने सरकार से इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और कीमतों को नियंत्रित करने की मांग की है।'
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पास स्थित एक मेडिकल स्टोर के मालिक का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले आने के बाद इस मास्क की मांग तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा, 'हमने एक हफ्ते में करीब 10 हजार मास्क बेचे हैं। इनमें एन95 और सर्जिकल मास्क शामिल हैं। लेकिन एन95 मास्क अब खत्म हो गए हैं।' एक अन्य मेडिकल स्टोर मालिक का कहना है, '5 रुपये में मिलने वाले प्लेन मास्क को अब 10 रुपये में बेचा जा रहा है। हम एक एन95 मास्क 100 रुपये में खरीदते थे, जो अब हमें 150 रुपये में भी नहीं मिल रहा है।'
कोरोना वायरस: दिल्ली में N95 मास्क की भारी कमी, लोगों के लिए बढ़ा खतरा