समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, इन पांच लोगों ने लड़ी आखिर तक लड़ाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि, देश में दो बालिगों के बीच समलैंगिक संबंध अब अपराध नहीं हैं। एलजीबीटी समुदाय के लोगों ने यह लड़ाई आज लगभग 25 साल पहले शुरु हुई थी। धारा 377 का पहली बार मुद्दा गैर सरकारी संगठन 'नाज फाउंडेशन' ने उठाया था। इस संगठन ने 2001 में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और अदालत ने समान लिंग के दो वयस्कों के बीच यौन संबंधों को अपराध घोषित करने वाले प्रावधान को 'गैरकानूनी' बताया था। इस लड़ाई को आज इस मुकाम तक पहुंचाने के पीछे इन कई लोगों का बड़ा हाथ है। अप्रैल 2016 में धारा 377 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नवतेज सिंह जौहर, अंजली गोपाल , सुनील मेहरा, रितू डालमिया और आयशा कपूर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आईए जानते हैं इनके बारे में।
अंजली गोपालन
अंजली गोपालन नाज़ फाउंडेशन (इंडिया) ट्रस्ट के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक हैं। चेन्नई की रहने वाली अंजली ने राजस्थान और अमेरिका में अपनी पढ़ाई पूरी की। अमेरिका में अंजली ने एचआईवी / एड्स और हाशिए वाले समुदायों से संबंधित मुद्दों पर काम करना शुरू किया। इसके बाद वह 90 के दशक में भारत आ गईं। यहां पर उन्होंने एक नाज़ एनजीओ की शुरुआत की जो एचआईवी पीड़ित लोगों की मदद करता था। 1994 में दिल्ली में पहली बार उन्होंने HIV क्लिनिक खोला। एलजीबीटी समुदाय के यौन स्वास्थ्य और अधिकारों के लिए उन्होंने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के खिलाफ कानूनी लड़ाई का नेतृत्व किया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2009 में नाज़ इंडिया के पक्ष में फैसला किया और धारा 377 को व्यक्तिगत अधिकारों पर उल्लंघन बताया।
नवतेज सिंह जौहर
59 वर्षीय नवतेज सिंह जौहर भरतनाट्यम के क्लासिकल डांसर हैं और संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड भी जीता है। नवतेज अशोका यूनिवर्सिटी में अतिथि फैकल्टी हैं। जौहर ने 2010 में मिशिगन विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया है। वह भारत में भरतनाट्यम करने वाले पहले सिख हैं। नवतेज सिंह जौहर ने आईपीसी 377 को चुनौती देने वाले सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी।
सुनील
मेहरा
63
वर्षीय
सुनील
मेहरा
पत्रकार
हैं।
वो
मैक्सिम
मैग्जीन
के
भारतीय
संस्करण
के
एडिटर
रह
चुके
हैं।
वो
एक्टर
भी
हैं।
वो
निर्देशक,
निर्माता
और
लेखक
भी
हैं।
दूरदर्शन
पर
'सेंटरस्टेज'
प्रोग्राम
के
निर्माता-निर्देशक,
लेखक
और
एंकर
रहे
हैं।
वो
करीब
2
दशक
से
नवतेज
सिंह
जौहर
के
साथ
हैं
और
स्टूडियो
अभ्यास
के
फाउंडर
हैं।
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ऋतु डालमिया
कलकत्ता में मारवाणी परिवार में पैदा हुई ऋतु डालमिया व्यवसाय से सेलिब्रिटी शेफ हैं। डीवा नाम के रेस्टॉरेंट चेन की मालकिन हैं। दुनियाभर में कई रेस्टोरेंट चलाती हैं। कई फूड शो को होस्ट कर चुकी हैं। वह काफी समय से समलैंगिक के मुद्दे को कोर्ट और कई अन्य प्लेटफॉर्म पर उठाती रही हैं। 2012 में प्रकाशित उनकी किताब Travelling Diva: Recipes from around the World बेस्टसेलर किताबों की सूची में शुमार रही है।
केशव सूरी
केशव सूरी ललित सूरी होस्पिटलिटी ग्रुप के मालिक ललित सूरी के बेटे हैं। इनकी कंपनी दिल्ली, मुंबई, गोवा, बेंगलुरु, लंदन और अन्य शहरों में करीब दर्जन लक्जरी संपत्तियों को चलाती है। द ललित सूरी होस्पिटलिटी ग्रुप के कार्यकारी निदेशक केशव सूरी ने 23 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को चुनौती देने वाले सर्वोच्च न्यायालय के साथ याचिका दायर की थी।
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आयशा कपूर
आयशा कपूर एक्टर और बिजनेसवुमेन हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन अभिनित फिल्म 'ब्लैक' में भी काम किया है। आयशा कलंबिया यूनिर्वसिटी में आर्ट स्टूडेंट हैं । आयशा उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने समलैंगिकता को अपराध बताने वाली धारा 377 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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