जानिए क्या है शारदा चिटफंड घोटाला, जिसके चलते CBI से भिड़ गईं ममता
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार की देर शाम हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। पश्चिम बंगाल की पुलिस CBI टीम से बिड़ गई और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर सीबीआई के 5 अफसरों को गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी सीबीआई अधिकारी शारदा चिटफंड मामले में छानबीन के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके आवास पर पहुंची थी, लेकिन शारदा चिटफंड मामले को लेकर सीबीआई और कोलकाता पुलिस आमने सामने भिड़ गई और सीबीआई के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीबीआई दफ्तर के बाहर सीआरपीएफ की टुकड़ियां तैनात कर दी गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुदकर अपनी पुलिस फोर्स के समर्थन में आई और पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का बचाव किया और केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई। इस पूरे मामले के तार शारदा चिटफंड मामले से जुड़े हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर क्या है शारदा घोटाला...
क्या है शारदा चिटफंड
पश्चिम बंगाल की एक चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप लोगों को लुभावने ऑफर लेकर लाखों का चूना लगाया। कंपनी ने लोगों को रकम को 34 गुना करने देने का ऑफर दिया। ऑफर का लॉकिंग पीरियड 25 साल का रखा था। वहीं आलू के बिजनेस में 15 महीनों के भीतर ही रकम डबल करने का सपना भी इस ग्रुप ने दिखाया। इस फंड में करीब 10 लाख लोगों ने निवेश किया और आखिर में कंपनी पैसों के साथ फरार हो गई। इसमें करीब 40000 करोड़ रुपए का हेरफेर हुआ था। इस घोटाले में बड़े कॉरपोरेट, राजनीतिक दल ने नेताओं के नाम शामिल है। इस चिटफंड में साल 2008 में बनी कंपनी शारदा ग्रुप की कंपनी ने लुभावने ऑफर देकर लोगों से ठगी की। कंपनी ने लोगों को पैसे 34 गुने करने का दावा करते हुए पहले निवेश करवाया और चंद सालों में ही हजारों करोड़ की कंपनी बन गई। कंपनी के मालिक सुदिप्तो सेन ने सियासी जान पहचान के दम पर खूब पैसे कमाए।
साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस को इस मामले की जांच में सीबीआई को मदद करने का आदेश भी दिया।
इस मामले में छानबीन के लिए साल 2013 में कमेटी का गठन किया गया, जिसकी अगुवाई राजीव कुमार ने की, लेकिन साल 2014 में मामला सीबीआई के पास चला गया। आरोप है कि घोटाले की जांच से जुड़ी कुछ अहम फाइल और दस्तावेज गायब हैं। इन्हीं गुम फाइलों और दस्तावेजों को लेकर सीबीआई पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती है।
आपको बता दें कि इस मामले के तार यूपीए सरकार के वित्तमंत्री रहे पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम से भी जुड़े हैं। उनका नाम भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है। आरोप है कि चिट फंड घोटाले में घिरे शारदा ग्रुप की कंपनियों से उन्हें 1.4 करोड़ रुपए मिले।