AMU के वीसी जमीरुद्दीन शाह ने कभी किया था पाक सेना की नाक में दम और आज....
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कुलपति जमीरुद्दीन शाह के टुच्चे बयान को जिसने भी सुना-पढ़ा-देखा वह आहत है। शाह की जिस तरह के पृष्ठभूमि रही है, उसे देखते हुए उनसे यह उम्मीद नहीं की जाती थी कि वह कहेंगे कि एएमयू पुस्तकालय में स्नातक की छात्रओं को प्रवेश की अनुमति देने पर अधिक संख्या में लड़के आने लगेंगे।
शाह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे हैं। इस पद पर पहले कोई मुसलमान सेना का अफसर नहीं पहुंचा था। वे हिन्दी सिनेमा के बेहतरीन कलाकार नसीरउद्दीन शाह के भाई हैं। नसीर भी अपने भाई के घटिया बयान से शर्मसार होंगे।
दुश्मन के दांत खट्टे किए
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्लाय के वाइस चांसलर शाह एनडीए में रहे हैं। उन्हें भारतीय सेना में 1968 में कमीशन मिला था। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में जंग में दुश्मन के दांत खट्टे कर दे थे। वे सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास में भी रहे। मेरठ के सरधना कस्बे में पैदा हुए और नैनीताल के सेंट जोसेफ कालेज के छात्र रहे शाह से कोई उम्मीद नहीं कर सकता था कि वे इतनी लचर बात करेंगे।
इस बीच, मानव संसाधन विकस मंत्री स्मृति ईरानी ने शाह के बयान को बेटियों का अपमान बताया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने कुलपति से जवाब-तलब किया है। उनकी उक्त बयानबाजी से खासा विवाद खड़ा हो गया है और इसकी चौतरफा निंदा हो रही है।
सवाददाताओं से बातचीत में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि खबरों में चल रहा कुलपति का कथन बेटियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि एक महिला के तौर पर उन्हें यह बयान केवल आहत नहीं करता बल्कि आंदोलित भी करता है। ईरानी ने कहा कि शिक्षा एवं संवैधानिक अधिकार सभी के लिए बराबर हैं।
इस बीच, एएमयू के पूर्व छात्र रहे राजधानी के मशहूर शिक्षाविद् रियाज उमर ने भी शाह के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह बात समझ से परे है कि एएमयू में सरकार किसी शिक्षा की दुनिया से जुड़ी हस्ती को वाइस चांसलर क्यों नहीं बनाती। एक पूर्व सैनिक को एएमयू का वाइस चांसतर बनाने का क्या औचित्य है।