किसान आंदोलन: कांग्रेस सांसदों ने रेल मंत्री की बैठक से किया वॉक आउट, पीयूष गोयल को बताया 'बेरहम'
नई दिल्ली। आंदोलनकारी किसानों द्वारा रेलवे स्टेशनों से दूर अपना विरोध प्रदर्शन करने पर सहमति व्यक्त करने के एक दिन बाद, पंजाब कांग्रेस के सांसदों और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच मालगाड़ियों के आवागमन की बहाली को लेकर एक बैठक हुई। बैठक में रेल मंत्री के साथ तीखी बहस होने के कारण सांसदों ने वॉक आउट कर दिया। उन्होंने दावा किया कि गोयल "बेरहम" हैं।
परनीत कौर, मनीष तिवारी, डॉ अमर सिंह, रवनीत बिट्टू, जीएस औजला, संतोख चौधरी, जसबीर सिंह गिल और मोहम्मद सादिक सहित आठ कांग्रेस सांसदों ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के एक पत्र के साथ गोयल से मुलाकात की। पत्र में अमरिंदर सिंह ने आश्वासन दिया कि राज्य पंजाब में चलने वाली गाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल प्रदान करेगा। लेकिन मीटिंग को दिशाहीन होते देख कांग्रेस सांसदों ने वॉक आउट कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में गोयल की पंजाब में कांग्रेस सरकार पर "किसानों को उकसाने और सहायता करने" का आरोप लगाया। गोयल ने कहा कि, जिसके कारण राज्य में रेल यातायात बाधित हुआ है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस सांसद बैठक छोड़कर चले गए। उन्होंने पीयूष गोयल को बेरहम बताया है। औजला ने कहा कि गोयल की टिप्पणी "आपत्तिजनक और अस्वीकार्य" थी। गोयल को इस तरह के आरोप नहीं लगाने चाहिए थे। वास्तव में, हमने रेल पटरियों पर अवरोधों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के पूर्ण समर्थन का आश्वासन देते हुए मंत्री को एक पत्र सौंपा।
औजला ने कहा कि पंजाब सरकार का किसानों के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है और सीएम ने एक समिति बनाई है जो किसान यूनियनों के साथ बातचीत कर रही है ताकि उनकी रुकावटों को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारी किसानों को रेल पटरियों से हटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रही है। रवनीत बिट्टू ने कहा कि, रेल मंत्री ने कहा कि अगर हम कृषि कानूनों का समर्थन नहीं करते हैं तो वे गाड़ियों को नहीं चलाएंगे। बिट्टू ने कहा कि वह तीन बार सांसद रह चुके हैं और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है, लेकिन कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिला जिसने अपने सांसद सहयोगियों के साथ ऐसा व्यवहार किया हो।
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