Video: सेना के जवान ने देशविरोधी नारे लगाने और सर्जिकल स्ट्राइक का सुबूत मांगने वालों को फटकारा
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने किया इंडियन आर्मी के जवान का वीडियो। जवान ने कहा हम आतंकवाद से लड़ते हैं लेकिन देश में ही कुछ देशद्रोही भारत मुर्दाबाद के नारे लगाते हैं और देश के तिरंगे को जलाते हैं।
नई दिल्ली। रामजस कॉलेज के विवाद के बीच ही केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इंडियन आर्मी के एक जवान का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में जवान ने देश के विरोध में नारे लगाने वालों और तिरंगा जलाने वालों को लेकर अपना दुख जताया है।
शहीद का जिक्र नहीं, आतंकी के जनाजे में जनसैलाब
वीडियो में जो जवान है उसका नाम श्रीराम गोरखे नजर आ रहा है। वीडियो की शुरुआत में जवान कह रहा है कि उसके जैसे देश के तमाम सैनिक आतंकवाद से लड़ते हैं, माओवाद से लड़ते हैं, नक्सलवाद से लड़ते हैं। लेकिन देश के लिए खतरा आतंकवादियों और माओवादियों से नहीं बल्कि उन लोगों से है जो देश के विरोध में नारे लगाते हैं। जवान का कहना है कि देश में अफजल गुरु के समर्थन के नारे लगते हैं और याकूब मेमन के जनाते में जनसैलाब उमड़ता है लेकिन जब कोई सैनिक शहीद होता है तो कोई बात नहीं करता है। देश में कुछ लोग देशद्रोही भारत मुर्दाबाद के नारे लगाते हैं और तिरंगे को जलाते हैं। श्रीराम गोरख वीडियो में कह रहे हैं कि देश की रक्षा के लिए जवान हर दिन शहीद होते हैं और कोई आवाज नहीं उठती है। जब सेना पाकिस्तान में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो उसका सुबूत मांगा जाता है।
यूनिवर्सिटी में बच्चों को गुमराह कर रहे
1:46 सेकेंड का वीडियो कब का और कहां का है इस बात की तो कोई जानकारी नहीं है। जो बातें जवान ने की है उससे लगता है कि वीडियो 29 सितंबर 2016 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद का है। मंगलवार को भी गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने विवाद पर अहम बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि वामपंथी ये लोग जवानों के शहीद होने पर जश्न मनाते हैं और अब यूनिवर्सिटी कॉलेज में जाकर बच्चों को गुमराह कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है।रिजिजू ने कहा कि जब साल 1962 में भारत और चीन की लड़ाई हुई थी, तब भी वामपंथियों ने चीन का साथ दिया था। आज भी हमारा कोई जवान आतंकियों के साथ लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो जाता है तो आप जश्न मनाते हैं। इससे पहले सोमवार को रिजिजू का बयान आया था और उसमें उन्होंने कहा था लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर को कुछ लोग अपनी राजनीतिक मंशा के लिए प्रयोग कर रहे हैं।
Pain runs deeper than the Ocean. Very sad that our jawans are forced to speak with heavy heart. pic.twitter.com/1AbLScDnor
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 1, 2017