PRC के मुद्दे पर अरुणाचल सरकार सही ढंग से लोगों को नहीं समझा सकी: गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच, केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने छह समुदायों को स्थायी निवासी प्रमाण पत्र (पीआरसी) देने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है और उन्होंने कांग्रेस पर लोगों के एक वर्ग को ''भड़काने'' का आरोप लगाया। रिजिजू ने अलग-अलग ट्वीट में कहा कि अरूणाचल प्रदेश सरकार ने नमसाई और चांगलांग जिलों में रह रहे छह समुदायों को पीआरसी दिये जाने संबंधी संयुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किये का एक आदेश पारित किया है।
किरण रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश सरकार इस मुद्दे को जनता के बीच सही ढंग से नहीं रख सकी। लोगों को लग रहा था कि सरकार परमानेंट रेजीडेंस सर्टिफिकेट लागू करने जा रही है। वो इस मौके पर राज्य सरकार से अपील करते हैं कि वो उन लोगों को मुआवजा राशि उपलब्ध कराए जो आंदोलन के दौरान हिंसा का शिकार हो गए थे।
Union Minister Kiren Rijiju on Rahul Gandhi's remark 'soldiers of paramilitary forces should get the status of martyrs': Rahul Gandhi doesn't know the rules and regulations, whoever sacrifices his life for the country is a martyr whether he is in Army or in Central Armed Forces. pic.twitter.com/X3vxxM2WjY
— ANI (@ANI) February 25, 2019
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने कहा कि वो अरुणाचल प्रदेश में लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार भविष्य में भी इस मामले को नहीं उठाएगी। यह स्पष्ट संदेश है। मैं विरोध करने वाले सभी लोगों से अपील करना चाहूंगा कि 22 तारीख को ही सरकार ने पहले ही उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया था। पीआरसी मुद्दा बंद हो गया है। मैं उनसे अनुरोध करता हूं प्रदर्शन और धरना न दें, सरकार के साथ सहयोग करें। पेमा खांडू ने इसके साथ ये भी कहा था कि उन्होंने निर्देश दिए हैं कि एक विस्तृत जांच जरूरी है। पीआरसी पर सरकार का रुख स्पष्ट है। इसके बावजूद हिंसा की घटनाएं हुईं। मैंने कमिश्नर लेवल की जांच कमिटी गठित की गई है। सच जनता के सामने आना जरूरी है। हमें लगता है कि इन घटनाओं के पीछे किसी का हाथ है। अरुणाचल प्रदेश अन्यथा एक शांतिपूर्ण राज्य है।