क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Kiran Bedi:जिस दिन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आई, उसी दिन क्यों हटाई गईं पुडुचेरी की उपराज्यपाल?

Google Oneindia News

नई दिल्ली: रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का कार्यकाल 29 मई, 2021 को पूरा होने वाला था। लेकिन, मंगलवार रात उन्हें जिस तरह से अचनाक पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से हटा दिया गया, वह बहुत ही चौंकाने वाला फैसला था। खासकर तब जबकि उसी दिन कांग्रेस गठबंधन की सरकार अल्पमत में आई थी। जबकि,बेदी को हटाने के लिए तो मुख्यमंत्री वी नारायणसामी पहले से ही मोर्चा खोले हुए थे। राष्ट्रपति तक से शिकायत की थी कि वह उनकी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को कथित तौर पर काम नहीं करने दे रही हैं। कांग्रेस इसके लिए मोदी सरकार को कोसने का मौका नहीं छोड़ रही थी। फिर आखिर जब कांग्रेस की सरकार संकट में आ गई तो फिर केंद्र सरकार ने उन्हें हटाया क्यों ?

किरण बेदी को पुडुचेरी के एलजी पद से अचानक क्यों हटाया ?

किरण बेदी को पुडुचेरी के एलजी पद से अचानक क्यों हटाया ?

मंगलवार को कांग्रेस के एक और विधायक ए जॉन कुमार के विधायकी से इस्तीफा देते ही कांग्रेस की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने पुडुचेरी विधानसभा में बहुमत खो दिया है। क्योंकि, कुमार इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के चौथे विधायक थे। जबकि, एक विधायक अयोग्य ठहराया गया है। ऐसे समय में जब मुख्यमंत्री वी नारायणसामी की सरकार खुद ही गिरने की स्थिति में आ चुकी है तो फिर उनके एक तरह से विरोधी बन चुकीं उपराज्यपाल किरण बेदी को हटाना समान्यतौर पर समझ के बाहर की बात लगी। लेकिन, जब राष्ट्रपति भवन से जारी नोटिफिकेशन में किरण बेदी को हटाकर केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार तेलंगाना की गवर्नर तमिलिसाई सौंदरराजन को दिया गया तो पर्दे के पीछे की धुंधली तस्वीर साफ नजर आने लगी।

Recommended Video

Kiran Bedi: Puducherry के LG के पद से हटाए जाने पर Kiran Bedi ने जताया आभार | वनइंडिया हिंदी
तमिलनाडु में भाजपा अध्यक्ष रह चुकी हैं तमिलिसाई सौंदरराजन

तमिलनाडु में भाजपा अध्यक्ष रह चुकी हैं तमिलिसाई सौंदरराजन

दरअसल, तेलंगाना की राज्यपाल बनने से पहले तमिलिसाई सौंदरराजन तमिलनाडु में बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं और पुडुचेरी की राजनीति पर तमिलनाडु का प्रभाव जगजाहिर है। यहां डीएमके-एआईएडीएमके जैसी पार्टियां ही प्रभावी हैं, जो पड़ोसी तमिलनाडु के मुख्य सियासी दल हैं। असल में सियासी तौर पर देखें तो बेदी का जाना और सौंदरराजन की एंट्री दोनों में बहुत ही गहरा संबंध है। क्योंकि, केंद्र सरकार चाहती तो भौगोलिक नजरिए से नजदीक तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित को भी पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे सकती थी। लेकिन, उसने तेलंगाना के राज्यपाल को प्रभार देना ज्यादा जरूरी समझा!

तो इस वजह से किरण बेदी को हटाया गया!

तो इस वजह से किरण बेदी को हटाया गया!

तमिलिसाई सौंदरराजन को पुडुचेरी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर का प्रभार देने के पीछे बीजेपी सरकार का क्या राजनीतिक मकसद हो सकता है, इसपर भी चर्चा करेंगे लेकिन पहले आनन-फानन में किरण बेदी को वहां से हटाने के पीछे की असल राजनीतिक वजह समझ लेते हैं। अगर नारायणसामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-डीएमके सरकार अभी गिर जाती है तो विधानसभा चुनाव में ये पार्टियां इसके पीछे केंद्र से भेजी गई किरण बेदी पर ठीकरा आसानी से फोड़ सकती थीं। वो पहले से ही एलजी पर उत्तर भारतीय रौब गांठने के आरोप लगाती रही है। ऐसे में सरकार गिरने या विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही बेदी को वहां से हटाकर बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के सबसे बड़े मुद्दे पर ही पानी फेर दिया है।

नारायणसामी की राजनीति पर सीधा प्रहार

नारायणसामी की राजनीति पर सीधा प्रहार

पुडुचेरी की शासन-व्यवस्था में तमिल उपराज्यपाल के आने से भाजपा सरकार ने वी नारायणसामी सरकार की ओर से चलाए जा रहे सारे एजेंडे पर ही पानी फेर दिया है। वह ऐसे वक्त में आई हैं, जब नारायणसामी का मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल लग रहा है। वह भी उसी नादर समुदाय से हैं, जिससे मुख्यमंत्री आते हैं। वह भी तमिलभाषी हैं और चुनाव से पहले अगर मौजूदा सरकार के गिरने से राष्ट्रपति शासन लगता है तो वहां की सत्ता सीधे एक तमिल के हाथ में होगी, जो भाजपा के स्थानीय नेताओं की चाहत भी थी।

कैसे बचेगी कांग्रेस सरकार?

कैसे बचेगी कांग्रेस सरकार?

33 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस के पास अब सिर्फ 10 विधायक बचे हैं। उसे डीएमके के 3 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है, लेकिन विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता की वजह से 5 सीटें घटने के बाद सदन में विधायकों की कुल संख्या 28 बच गई है। ऐसे में सामान्य बहुमत के लिए भी 15 विधायक चाहिए, जो कि कांग्रेस सरकार के पास नहीं बचा है। ऐसे में विपक्षी पार्टी एनआर कांग्रेस के नेता एन रंगास्वामी ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा है कि 'सरकार ने बहुमत खो दिया है और मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर विपक्षी पार्टियां उपराज्यपाल से मिलकर उन्हें दखल देने की मांग करेंगी। एआरसी, एआईएडीएमके और बीजेपी विपक्ष में अब साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'

इसे भी पढ़ें- पुडुचेरी उपराज्यपाल के पद से हटने के बाद किरण बेदी की पहली प्रतिक्रिया, डायरी का कवर पेज शेयर कर कही ये बातइसे भी पढ़ें- पुडुचेरी उपराज्यपाल के पद से हटने के बाद किरण बेदी की पहली प्रतिक्रिया, डायरी का कवर पेज शेयर कर कही ये बात

Comments
English summary
Kiran Bedi news:Why was Kiran Bedi removed from the post of Lieutenant Governor of Puducherry the day Narayanaswamy's Congress government came in a minority?
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X