राष्ट्रपति भवन में हुआ जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II का स्वागत, किंग ने भारत यात्रा को बताया सम्मान
जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला (II) तीन दिनों की भारत यात्रा पर आए हुए हैं। गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में जॉर्डन के सुल्तान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वागत किया। यहां पर जॉर्डन के सुल्तान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
नई दिल्ली। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला (II) तीन दिनों की भारत यात्रा पर आए हुए हैं। गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में जॉर्डन के सुल्तान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वागत किया। यहां पर जॉर्डन के सुल्तान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और इसके बाद उन्होंने राजघाटा जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। किंग अब्दुल्ला दूसरी बार आधिकारिक दौर पर भारत आए हैं।
'दूसरी
बार
भारत
आकर
सम्मानित
महसूस
कर
रहा'
मीडिया
से
बात
करते
हुए
किंग
अब्दुल्ला
ने
कहा,
'मैं
अपने
दूसरे
भारत
दौरे
पर
आया
हूं
और
यहां
आकर
मैं
वाकई
में
काफी
सम्मानित
महसूस
कर
रहा
हूं।'
जॉर्डन
के
किंग
अब्दुल्ला
(II)
बिन
अल
हुसैनी
मंगलवार
को
अपनी
तीन
दिवसीय
भारत
यात्रा
पर
राजधानी
दिल्ली
पहुंचे
हैं।
किंग
अब्दुल्ला
को
रिसीव
करने
के
लिए
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
खुद
एयरपोर्ट
पर
मौजूद
थे।
किंग
के
एयरपोर्ट
पर
आते
ही
पीएम
मोदी
ने
गर्मजोशी
के
साथ
गले
लगाकर
उनका
स्वागत
किया।
किंग
अब्दुल्ला,
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
खास
आमंत्रण
पर
भारत
आए
हैं।
जब
पीएम
मोदी
हाल
ही
फिलीस्तीन
गए
थे
तो
वह
वाया
जॉर्डन
फिलीस्तीन
पहुंचे
थे।
इस
दौरान
वह
एक
दिन
जॉर्डन
में
रुके
थे
और
उन्होंने
किंग
अब्दुल्ला
से
खास
मुलाकात
की
थी।
इस
मुलाकात
के
दौरान
ही
उन्होंने
किंग
अब्दुल्ला
को
भारत
आने
के
लिए
इनवाइट
किया
था।
अपनी
तीन
दिवसीय
भारत
यात्रा
पर
वह
इस्लाम
की
विरासत
पर
खास
संबोधन
देंगे
और
उनका
यह
संबोधन
उनकी
यात्रा
का
खास
आकर्षण
होगा।
कई
पहलुओं
पर
होगी
बातचीत
किंग
अब्दुल्ला
की
इस
भारत
यात्रा
के
दौरान
दोनों
पक्षों
के
बीच
कई
अहम
सेक्टर
में
आपसी
संबंधों
को
बढ़ाने
की
बात
होगी
जिसमें
रक्षा
और
सुरक्षा
सबसे
ऊपर
हैं।
किंग
अब्दुल्ला
को
पैंगबर
मोहम्मद
साहब
के
वंश
की
41वीं
पीढ़ी
कहा
जाता
है।
उन्हें
पूरी
दुनिया
में
चरमपंथ
और
आतंकवाद
से
लड़ाई
के
लिए
कई
महत्वपूर्ण
कार्यों
के
लिए
भी
जाना
जाता
है।
इसके
अलावा
वह
जेरूशलम
में
स्थित
सबसे
पवित्र
मस्जिद
अल-अक्सा
मस्जिद
के
संरक्षक
हैं।
भारत,
जॉर्डन
को
पश्चिम
एशिया
में
जहां
पर
अक्सर
कई
तरह
का
संघर्ष
देखा
गया,
को
स्थायित्व
और
तालमेल
का
मधुर
सामंजस्य
मानता
है।
भारत,
जॉर्डन
के
सुल्तान
की
इस
यात्रा
पर
दोनों
देशों
के
बीच
संबंधों
के
और
गहरा
होने
की
उम्मीद
कर
रहा
है।
साथ
ही
दोनों
देशों
के
बीच
इस
दौरान
रक्षा
सहयोग
को
बढ़ाने
के
लिए
एक
ब्लूप्रिंट
भी
तैयार
हो
सकता
है।