देश में 1200 रुपये किलो बिक रही ये सब्जी, जानें क्या है खासियत?
नई दिल्ली: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां पर बड़ी मात्रा में अनाज और सब्जियां उगाई जाती हैं, जिस वजह से बहुत ज्यादा महंगाई होने के बाद भी सभी सब्जियों के दाम 100 रुपये के अंदर ही रहते हैं। कभी कभार प्याज, लहसुन, टमाटर की कीमतें 100 रुपये के ऊपर जाती हैं, लेकिन कुछ ही दिन बाद उसके दाम भी कम हो जाते हैं। वहीं दूसरी ओर भारत में एक सब्जी ऐसी भी है, जिसके दाम 1000 से भी ज्यादा रहते हैं।
खुखड़ी के नाम से है फेमस
भारत के कुछ हिस्सों में एक सब्जी उगती है, जिसे खुखड़ी नाम से जाना जाता है। इस सब्जी की कीमत आमतौर पर 1200 रुपये किलो रहती है। इसकी डिमांड बहुत ज्यादा होने के चलते इसकी कीमतें हमेशा ज्यादा ही रहती हैं, लेकिन इसके साथ एक बड़ी समस्या भी है। इसे तोड़ने के बाद दो दिन के अंदर पका कर खाना होता है, नहीं तो ये खराब हो जाती है। ये सब्जी झारखंड और छत्तीसगढ़ में ज्यादा होती है।
बारिश के दिनों में है उगती
स्थानीय भाषा में इसके नाम अलग-अलग हैं। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर, सूरजपुर, सरगुजा और कोरबा जिले के जंगलों में ये अपने आप बारिश के दिनों में उगती है। इसे वहां खुखड़ी कहा जाता है, जबकि झारखंड में इसे रुगड़ा कहते हैं। छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगों ने बताया कि वो इसे भुड़ खुखड़ी कहते हैं। भुड़ मतलब दीमक का घर, जहां पर ये सब्जी अपने आप बारिश में उग जाती है। लोग जंगलों में जाकर इसे इकट्ठा कर लेते हैं और फिर मंडियों में बेच देते हैं।
मशरूम की ही प्रजाति
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक छत्तीसगढ़ की खुखड़ी और झारखंड का रुगड़ा, मशरूम की ही प्रजातियां होती हैं। जो जंगल में अपने आप निकल आती हैं। इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। खुखड़ी काफी ज्यादा फेमस है, इसकी कई प्रजातियां हैं। इसमें लंबे डंठल वाली सोरवा खुखड़ी ज्यादा पसंद की जाती है, इसे ही भुड़ खुखड़ी भी कहते हैं। आप इसे आम भाषा में सफेद मशरूम भी कह सकते हैं।
दवाओं में भी इस्तेमाल
भारत में पनीर और चिकन-मटन को अच्छे खाने की श्रेणी में शामिल किया जाता है। सावन और नवरात्रि में हिंदू धर्म के लोग चिकन-मटन खाना छोड़ देते हैं। ऐसे में इस वक्त खुखड़ी की मांग बढ़ जाती है। अगर इसके दाम गिरते भी हैं, तो ये कम से कम 800 से 1000 रुपये के बीच बिक जाती है। कुछ बिचौलिए इसे ग्रामीण इलाकों से कम दाम पर खरीदकर बाजार में महंगे दाम पर बेच देते हैं। इसके अलावा दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।