आतंकी गतिविधियों में शामिल खालिस्तान लिबरेशन फोर्स भारत में बैन
नई दिल्ली। आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और हिंसा फैलाने के आरोप में सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) Act) के अंतर्गत इस संगठन पर बैन लगाया है। केएलएफ दशकों से पजांब को भारत से अलग करने की मांग कर रहा है और इसके लिए 2020 में एक रेफरेंडम की भी योजना बनाई गई है। पिछले कुछ महीनों में कई केएलएफ के कई संदिग्ध अलगाववादियों को भारतीय एजेंसियों ने हिरासत में लिया है।
गृह मंत्रालय के अपने आदेश में बुधवार को खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और उसकी सभी गतिविधियां को गैरकानूनी घोषित करते हुए यूएपीए प्रतिबंध लगाया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस कानून के तहत प्रतिबंधित होने वाला यह अब तक का 40वां संगठन होगा।
अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब में 1980 से लेकर 1990 तक जब खालिस्तानी अलगाववादी अपने चरम पर थे, तब उन्होंने कई जगहों पर हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'मासूम लोगों और पुलिस अधिकारियों की हत्याएं करने, भारत में लोगों पर बम से अटैक करने, आतंकी गतिविधियों के लिए फंड इकट्ठा करने और इसके अलावा अपहरण, बैंक लूट और सरकारी फंक्शनरी की हत्याएं करने जैसे गभीर आरोप खालिस्तानी अलगाववादियों पर लगे हैं।'
गृह मंत्रालय ने केएलएफ पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि 1986 में अस्तित्व में आये खालिस्तान संगठन ने पंजाब को भारत को अलग करने की मांग की थी, जिसमें उन्होने कई युवाओं को अपने आतंकी गतिविधियों में शामिल करने का काम किया।