राजा विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रमादित्य में समानताएं
कौन थे राजा विक्रमादित्य-
विक्रमादित्य उज्जैन के राजा थे, जो अपने ज्ञान, वीरता और उदारशीलता के लिए प्रसिद्ध थे। वे इतने योग्य थे कि उनके नाम की उपाधि तक बनाई गई। "विक्रमादित्य" की उपाधि भारतीय इतिहास में बाद के कई अन्य राजाओं ने प्राप्त की थी, जिनमें प्रमुख हैं- गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय और सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य, जो हेमु के नाम से प्रसिद्ध थे।
याद आए प्रमोद महाजन
राजा
विक्रमादित्य
और
आइएनएस
विक्रमादित्य
में
समानताएं-
विक्रम जब युवा हुए तब वह मजबूत शरीर व सैन्य कुशल हो चुके थे। आईएनएस भी विशाल एवं शक्ति संपन्न युद्धपोत है। अपनी नेतृत्व छमता के बल पर उन्होंने एक सैन्य दल भी गठित कर लिया था। आईएनएस विक्रमादित्य पर भी मिग 29के, सी हैरियर्स, पी8 आई और टीयू 142एम, आईएल 38 एसडी, डॉर्नियर्स, कैमोव और सी किंग हेलिकॉप्टर रहेंगे जो असल मायने में उसके योद्धा हैं।
विक्रमादित्य
ने
एक
दौर
में
अपने
मित्रो
को
संदेश
भेजकर
बुला
लिया।
सेना
की
संख्या
बढ़ाने
के
लिए
गावं
गावं
के
शिव
मंदिरों
में
भैरव
भक्त
के
नाम
से
गावों
के
युवकों
को
भरती
कीं।
आईएनएस
विक्रमादित्य
के
लिए
भी
दूर-देशों
से
सौदे
किए
गए,
क्षमताएं
संजोईं
गईं
तब
जाकर
वह
अपने
आप
में
सक्षम
हुआ।
तो
यही
विशेषताएं
बयां
करती
हैं
कि
यह
युद्धपोत
वाकई
में
राजा
'विक्रमादित्य'
जैसा
ही
शक्तिशाली
और
ऊर्जावान
है।