केरल के मंदिरों में पहली बार एससी/एसटी बनेंगे पुजारी, त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड करेगा नियुक्ति
नई दिल्ली। केरल में मंदिरों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से आने वाले लोगों को भी पुजारी के तौर पर नियुक्ति दी जाएगा। राज्य में मंदिरों के संचालन और प्रबंधन की व्यवस्था दखने वाली संस्था त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) ने इसको लेकर फैसला लिया है। बोर्ड 19 पुजारियों की नियुक्ति करने जा रहा है। इनमें 18 पुजारी एससी और एक पुजारी एसटी से होगा।
टीडीबी ने अपने मंदिरों के लिए पार्ट टाइम आधार पर 19 पुजारियों को नियुक्त करने का फैसला किया है। इनमें से 18 अनुसूचित जाति (एससी)के और एक अनुसूचित जनजाति (एसटी) का पुजारी है। राज्य के देवासम मंत्री के सुरेंद्रन ने कहा है कि यह पहली बार है कि टीडीबी अपने मंदिरों के लिए किसी अनुसूचित जनजाति के पुजारी को नियुक्त कर रहा है।
सुरेंद्रन ने कहा कि 2017 में प्रकाशित रैंक लिस्ट से अब तक त्रावणकोर देवासम बोर्ड के मंदिरों में पार्ट टाइम पुजारी के लिए 310 लोगों का चयन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उस समय पुजारियों के विभिन्न पदों के लिए कराई गई परीक्षा में एससी और एसटी समुदाय के अयोग्य अभ्यर्थी नहीं मिले थे। उस समय एससी और एसटी समुदायों से पर्याप्त संख्या में योग्य उम्मीदवार नहीं थे। इसलिए विशेष अधिसूचना के आधार पर उनके लिये एक अलग रैंक सूची जारी की गयी जिसका प्रकाशन पांच नवंबर को किया गया।
मंत्री ने कहा कि अदिवासी समुदाय के लिये चार रिक्तियां थी लेकिन केवल एक आवेदन मिला था। मंत्री ने कहा कि राज्य में वामदल की सरकार बनने के बाद मंदिरों में नियुक्ति करने वाले भर्ती बोर्ड का पुनर्गठन किया गया था। इसके बाद त्रावणकोर, कोच्चि और मालाबार देवासम बोर्ड में अलग-अलग पदों के लिए कुल 815 लोगों का चयन हो चुका है। टीडीबी केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर समेत 1,200 से अधिक मंदिरों का प्रबंधन करता है। केरल में बीते साढ़े चार साल में राज्य के विभिन्न मंदिरों में कुल 133 गैर-ब्राह्मण पुजारी नियुक्त किए गए हैं।