केरल टूरिज्म ने शेयर की बीफ डिश की रेसिपी , ट्विटर पर शुरू हो गया बवाल
नई दिल्ली। केरल टूरिज्म के अपने आधिकारिक हैंडल पर राज्य में खाई जाने वाली एक फेमस बीफ डिश की रेसिपी साझा की है। केरल सरकार के इस ट्वीट के बाद विवाद शुरू हो गया है। केरल पर्यटन विभाग के इस एड पर विहिप की तरफ से आपत्ति जताई गई है। विहिप का कहना है कि सरकार इसके जरिए पर्यटन को बढ़ावा दे रही है या गोमांस का प्रमोशन कर रही है। वहीं कुछ अन्य लोगों ने केरल टूरिजम के ट्वीट्स पर जवाब देते हुए पोर्क डिशिज की तस्वीरें शेयर कीं।
केरल टूरिज्म ने ट्विटर पर बताया कैसे बनाएं बीफ
केरल टूरिज्म ने बुधवार को बीफ उलरथियाथु (Beef Fry) की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया था। केरल टूरिज्म ने ट्विटर पर लिखा, बीफ के मुलायम टुकड़े, धीमी आंच पर पकाए गए सुगंधित मसाले, नारियल के टुकड़े और कढ़ी पत्तियां। मसालों की धरती केरल से सबसे क्लासिक डिश, बीफ उलर्थियथु की एक रेसिपी। बीफ उलर्थियथु नाम की यह डिश सेंट्रल त्रावणकोर इलाके में खासी मशहूर है।
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ट्वीट पर यूजर्स के मिक्स्ड रिएक्शंस आ रहे हैं
इस ट्वीट पर यूजर्स के मिक्स्ड रिएक्शंस आ रहे हैं। कुछ यूजर्स ने बीफ पर आपत्ति जताई तो किसी ने डिश के टेस्ट को सराहा है। हिंदू एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर ने केरल टूरिज्म के ट्वीट पर लिखा कि, डियर केरल टूरिज्म ईद में पोर्क और मकर संक्रांति में बीफ को पोस्ट करने से बचें। कृपया खाद्य विविधता को दिखाने के लिए असंवेदनशील पोस्ट करने से बचें। कुछ लोगों ने लिखा कि बीफ पर किए गए इस ट्वीट को किसी और दिन भी किया जा सकता था क्योंकि कुछ राज्यों में लोग मकर संक्रांति और पोंगल और बीहू जैसे त्योहार मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन गायों की पूजा की जाती है और इस वजह से उन्हें ऐसे मौके पर इस तरह का ट्वीट नहीं करना चाहिए था।
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केरल पर्यटन विभाग के इस एड पर विहिप की तरफ से आपत्ति जताई
केरल पर्यटन विभाग के इस एड पर विहिप की तरफ से आपत्ति जताई गई है। विहिप का कहना है कि सरकार इसके जरिए पर्यटन को बढ़ावा दे रही है या गोमांस का प्रमोशन कर रही है। पर्यटन विभाग की इस तरह की कोशिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वाम दल सरकार को इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। इस तरह के कदम से हिंदू समाज की भावना पर करारी चोट की गयी है। विहिप के ऐतराज पर केरल पर्यटन विभाग का कहना है कि खान पान की आजादी हर किसी को है, कोई संगठन अपनी मर्जी नहीं थोप सकता है। पर्यटन केरल सरकार की आय का मुख्य स्रोत है और विभाग उस दिशा में काम कर रहा है। किसी भी संगठन को अपनी बात रखने का अधिकार है, जहां तक फैसले की बात है वो विधिसम्मत है।
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