केरल में कोरोना की होगी रैपिड टेस्टिंग, 45 मिनट से 2 घंटे में आएगी रिपोर्ट
नई दिल्ली। केरल में जिस तरह से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 130 को पार कर गई है। जिस तरह से केरल में संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उसके बाद मुख्यमंत्री पीनारयी विजयन ने बड़ा फैसला लिया है। लोगों के टेस्टिंग की संख्या को बढ़ाने का मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है, जिससे कि अधिक से अधिक संक्रमित लोगों की पहचान की जा सके और उन्हें आइसोलेशन में भेजा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में काफी तेजी से लोगों का टेस्ट किया जाएगा ताकि इसे कम्युनिटी में इसे फैलने से रोका जा सके। इसके लिए लोगों का ब्लड सैंपल भेजा जाए। खास बात यह है कि सैंपल का टेस्ट 45 मिनट से 2 घंटे के भीतर आ जाएगा।
इन शहरों में होगा रैपिड टेस्टिंग
अहम बात यह है कि इस टेस्ट में खर्च सामान्य की तुलना में काफी कम आएगा। यही नहीं जो मरीज आइसोलेशन में हैं उनका सैंपल फिर से टेस्ट किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि ये लोग कितना सही हुए हैं। शुरुआत में यह टेस्ट उन जिलों में किया जाएगा जहां संक्रमण के मामले सर्वाधिक आए हैं। सूत्रों की मानें तो कासरगोड़ में 77 मरीज पाए गए हैं, ऐसे में कासरगोड़, कन्नूर, कोझिकोड़ में शुरुआत में बड़ी संख्या में लोगों का सैंपल टेस्ट किया जाएगा।
कम्युनिटी किचन की शुरुआत
बता दें कि केरल में गरीबों को खाना मुहैया कराने के लिए केरल सरकार ने कम्युनिटी किचन शुरू का फैसला लिया है, जिसे स्थानीय प्रशासन चलाएगा। ऐसे में जो लोग भूखे हैं वह सरकार की ओर से मुहैया कराए गए फोन नंबर पर कॉल करके खाना मांग सकते हैं। जिसके बाद वॉलंटियर घर पर खाना पहुंचााएंगे। इसके साथ ही सरकार ने बाहर से आए मजदूरों और काम करने वालों के लिए रुकने की व्यवस्था करने का भी फैसला लिया है।
कोई भी भूखा नहीं रहेगा
मुख्यमंत्री पीनारयी विजयन ने कहा कि मौजूदा स्थिति की वजह से लोग भूखे रह सकते हैं। लेकिन केरल में लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा नहीं रहेगा। स्थानीय निकाय इकाई इसकी जिम्मेदारी लेंगी कि जो लोग खाना नहीं बना सकते, उन्हें खाना मुहैया कराए। सिर्फ एक जगह से हर किसी की समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता है, लिहाजा इसके लिए अलग-अलग जगहों पर इसकी व्यवस्था की जाएगी। वॉर्ड स्तर पर वॉलंटियर को तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत, नगर निगम कम्युनिटी किचन की शुरुआत करेंगी। इन तमाम लोगों को यह सुनिश्चित करना है कि किसे खाने और रहने की व्यवस्था की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें- कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए रेलवे-एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दिए 171 करोड़