केरल में स्वामी केशवानंद भारती का निधन, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली: केरल से रविवार को एक बुरी खबर सामने आई, जहां संत केशवानंद भारती का निधन हो गया। उनकी उम्र 79 साल की थी और वो काफी दिनों से अस्वस्थ थे। लोग उन्हें प्यार से संविधान का रक्षक बुलाते थे। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। 1973 में उनके केस में आए फैसले ने संविधान को लेकर कई बातें स्पष्ट की थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी केशवानंद भारती को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि भारती जी भारत के संविधान और संस्कृति से बहुत गहराई से जुड़े हुए थे। पीढ़ियां उनसे प्रेरणा लेती रहेंगी।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक स्वामी केशवानंद को उम्र संबंधित बीमारियां थीं। जिस वजह से रविवार सुबह 3.30 बजे उनका निधन हो गया। उन्होंने भारती श्रीपदगवरु के इडनीर मठ में अंतिम सांस ली। वो मूल रूप से केरल के ही निवासी थे। साथ ही उनके शिष्य देशभर में हैं। कई बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
क्या
था
केस?
स्वामी
केशवानंद
भारती
ने
केरल
भूमि
सुधार
कानून
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
चुनौती
दी
थी।
जिस
पर
लंबी
सुनवाई
के
बाद
कोर्ट
ने
ऐतिहासिक
फैसला
सुनाया
था।
जिसके
मुताबिक
संविधान
की
प्रस्तावना
के
मूल
ढांचे
को
बदला
नहीं
जा
सकता
है।
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
इस
केस
की
सुनवाई
68
दिनों
तक
चली
थी,
जिसमें
13
न्यायधीश
शामिल
थे।
सुप्रीम
कोर्ट
में
इसे
अब
तक
की
सबसे
लंबी
सुनवाई
में
से
एक
माना
जाता
है।
इस
केस
के
बाद
से
साफ
हुआ
था
कि
सरकार
संविधान
में
तो
परिवर्तन
कर
सकती
है,
लेकिन
उसके
मूल
ढांचे
में
परिवर्तन
का
उसके
पास
कोई
अधिकार
नहीं
है।