सबरीमाला मंदिर के कपाट खोले गए, महिलाओं के प्रवेश पर विवाद को लेकर सुरक्षा सख्त
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। पुजारियों ने पूजा के बाद शनिवार शाम करीब पांच बजे मंदिर के कपाट खोले। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट अगले 2 महीने तक खुले रहेंगे। शनिवार को मंदिर के कपाट खुलने के बाद मंडला पूजा की शुरुआत हो गई है। वहीं शनिवार को कपाट खुलने के बाद ही कुछ महिलाएं दर्शन के लिए पहुंची लेकिन पुलिस ने उनको लौटा दिया।
स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि श्रद्धालुओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां की गई हैं। प्रशासन ने 2400 शौचालय और 250 पीने के पानी की मशीने लगाई गई हैं। एक हजार लोगों को सफाई का ध्यान रखने के लिए लगाया गया है। मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर कई तनाव बना हुआ है, ऐसे में इस दफा मंदिर में सुरक्षा सख्त की गई है। मंदिर के आसपास 20,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
#WATCH Kerala: Priests open the sanctum sanctorum of the #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/wOhQiv1ErZ
— ANI (@ANI) November 16, 2019
सबरीमाला मंदिर में पहले 10 से 50 साल की महिलाओं को भीतर जाने की अनुमति नहीं थी, इसको लेकर कुछ महिलाओं और एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। इस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देते हुए कहा था कि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश रोकना स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है। इस को लेकर अदालत में कई पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गईं थीं, जिस पर बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले को सात जजों की एक पीठ को सौंप दिया है। इसके साथ ही आदेश दिया कि नया फैसला आने तक कोर्ट का 2018 का फैसला लागू रहेगा। यानी किसी उम्र की महिला के मंदिर में प्रवेश पर रोक नहीं होगी।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कहा था कि 2018 में सबरीमाला पर दिए फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा सुरक्षा चाहे मिले या नहीं लेकिन 20 नवंबर के बाद हम वहां जाएंगे।
सबरीमाला: दर्शन करने के लिए जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा नहीं देगी केरल सरकार