निपाह वायरस की शिकार हुई नर्स का ये अंतिम पत्र रुला देगा आपको
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तिरुवनंतपुरम। केरल में निपाह वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस खतरनाक वायरस से जहां 12 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं ऐसे ही मरीजों की देखभाल कर रही एक नर्स की भी जान इस वायरस की चपेट में आने से चली गई है। 31 वर्षीय नर्स लिनी पुत्थुसेरी ने अपने मेडिकल प्रोफेशन और सेवा भाव की ऐसी मिसाल पेश की जो बेहद खास है। दरअसल निपाह वायरस से पीड़ित मरीजों की देखभाल कर रही लिनी को पता ही नहीं चला कि न जाने कब वो इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गई। हालांकि जब उन्हें इसका पता चला तो भी उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। उन्होंने मरीजों की सेवा के लिए अपने परिवार का त्याग कर दिया। इस दौरान लिनी ने अपने पति को एक पत्र लिखा, ये आखिरी पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
लिनी ने अपने पति को लिखा- 'हमारे बच्चों का ख्याल रखना...'
"मैं लगभग अपनी राह पर हूं, हमारे बच्चों का ख्याल रखना..." केरल की 31 वर्षीय नर्स लिनी पुत्थुसेरी ने ये आखिरी नोट अपने पति को लिखा था। इस आखिरी पत्र को पढ़कर साफ पता चलता है कि लिनी किसकदर अपने परिवार और अपने बच्चों को याद कर रही थीं। इसके बावजूद भी लिनी ने अपने परिवार और बच्चों से आखिरी बार मुलाकात भी नहीं की। ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक ऐसे वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही थी जो बेहद खतरनाक था। दरअसल लिनी को पता था कि उन्हें भी ये गंभीर वायरस अपनी चपेट में ले चुका है ऐसे में परिवार तक ये नहीं पहुंचे इसलिए उन्होंने अपने परिवार को भी आखिरी बार नहीं देखा।
निपाह वायरस की चपेट में आई नर्स लिनी
अपने कर्तव्यों के निर्वाह में व्यस्त लिनी की जैसे ही इस गंभीर वायरस की वजह से मौत हुई, तुरंत ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके परिवारवाले भी लिनी से आखिरी बार नहीं मिल सके, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कहीं वायरस का असर परिवार तक पहुंच जाए। लिनी के दो बच्चे हैं एक की उम्र सात साल है वहीं दूसरा दो साल का है। लिनी कोझीकोड के पेराम्बरा अस्पताल में निपाह वायरस की चपेट में आए पहले मरीज के इलाज करने वाली टीम में शामिल थी।
पढ़िए, नर्स लिनी का पति को लिखा पूरा पत्र
इसी मरीज के सेवा भाव में जुटी लिनी भी इस गंभीर वायरस की चपेट में आ गई। जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अपने पति को अंतिम पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि "मैं लगभग अपनी राह पर हूं। मुझे नहीं लगता कि मैं आप सबको देख पाउंगी। सॉरी, हमारे बच्चों की ठीक से देखभाल करना। उन्हें अपने साथ गल्फ (खाड़ी देश) ले जाना और उन्हें हमारे पिता की तरह बिल्कुल अकेले मत छोड़ना। ढेर सारा प्यार...।"
लिनी का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल
नर्स लिनी ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए जिस सेवा भाव का परिचय दिया, वो वाकई बेहद खास है। उन्हें हीरो की तरह देखा जा रहा है। केरल के पर्यटन मंत्री ने लिनी के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए फेसबुक पर उनका खत शेयर किया है जो वायरल हो रहा है। डॉ. दीपू सेबिन ने भी लिनी को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि निपाह वायरस से हमारी लड़ाई के खिलाफ नर्स लिनी की जान चली गई। उनकी मौत इस वायरस से पीड़ित मरीजों को बचाने के दौरान हुई। उनकी उम्र महज 31 वर्ष थी और दो बच्चों की मां थी। अगर वो शहीद नहीं हैं तो मैं नहीं जानता कि कौन है। डॉ. दीपू सेबिन, DailyRounds के चीफ एग्जीक्यूटिव हैं।
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